Nojoto: Largest Storytelling Platform
rajsarswat3611
  • 14Stories
  • 153Followers
  • 301Love
    83.5KViews

Raj sarswat

teacher

rajsarswat59@gmail.com

  • Popular
  • Latest
  • Video
3e534b55fe07bc822fcf67ec7c06a577

Raj sarswat

राहें चलती भी है
दौड़ती भी है
वो भी 
बिना थके और बिना रुके।
बस... 
राही ही रुक जाते हैं
कभी थककर, तो
कभी टूटकर।
राह कोई भी हो
राही अक्सर ढूंढ ही लेते हैं
उसे दर - दर भटक कर।
ठीक उसी तरह
इंतजार है मुझे भी
एक ऐसी राह का
जो मिला सके
मेरे बिछड़े
मन के उस मीत से।
जिसके बिना
मैं रीत चुका हूं
बीत चुका हूं।
हां...
इन राहों में
कोई तो राह ऐसी होगी
जो जाती होगी
उसके गेह तक।
और वो जब से 
बिछड़ा है मुझसे
मैं तब से राहों में हूं
उसके इंतजार में
कि कोई तो राह
यकीनन 
मुझे मिलेगी
जो ले जायेगी
मुझे उस तक
या उसके ठौर तक।
हां...इन राहों से
मैंने भी सीखा है
चलना, दौड़ना, भटकना
और कभी ना थकना।
क्योंकि राहें ना रुकती है
ना थकती है।
बस थक जाते हैं, तो
सिर्फ राही। 

#पथिक

©Raj sarswat
  राहें...

राहें... #कविता #पथिक

3e534b55fe07bc822fcf67ec7c06a577

Raj sarswat

मन का मन में रह गया।

मन का मन में रह गया। #कविता

3e534b55fe07bc822fcf67ec7c06a577

Raj sarswat

लेकर बहुत से ख्वाब मैं मन में।
इस कदर मैं उसमें खो गया।
पर मन का मन में रह गया।
मैं सब कुछ मन में सह गया।

किया था एक सफर, तय उसी के साथ में।
संभाला था खुद को भी,  मैंने उस हालात में।
वो सफ़र भी देखो अब याद बनकर रह गया।
पर मन का मन में रह गया।
मैं सब कुछ मन में सह गया। 

मिलोगी फिर कभी तुम मुझे किसी भी राह में।
देखना क्या हाल दिखेगा मेरा तेरी चाह में।
ये देखना भी मेरा तुमको स्वप्न बनकर रह गया।
पर मन का मन में रह गया।
मैं सब कुछ मन में सह गया। 

मिल गई वो यूं ही अचानक मुझे एक दिन ख्वाब में।
मैं देखता ही रह गया उसे उसी अंदाज में।
आंख खुली पर वो नहीं थी ये ख्वाब अधूरा रह गया।
पर मन का मन में रह गया।
मैं सब कुछ मन में सह गया। 

आ गई थी, वो एक दिन, फिर से मेरे पास में।
मैं पगला सा बैठा था केवल उसकी आस में।
सुन के उसकी प्यारी बातें उसे सुनता ही रह गया।
पर मन का मन में रह गया। 
मैं सब कुछ मन में सह गया। 

हिम्मत करके बोली थी वो कुछ कहना है तो बोल दे।
मत डर तूं , मैं तेरी हूं, अब तूं भी मुझको बोल दे।
क्या हिम्मत थी उसकी, मैं उसे देखता रह गया।
पर मन का मन में रह गया। 
मैं सब कुछ मन में सह गया।


क्या बोलूं मैं उसको अब ये समझ मुझे ना आई थी।
पर सच बोलूं तो केवल वही, मेरे मन को भाई थी।
करके हिम्मत राज भी आज अपनी बातें कह गया।
मैं सब कुछ अपना कह गया मैं मन का मन से कह गया।

©Raj sarswat मन का मन में रह गया।

#walkingalone

मन का मन में रह गया। #walkingalone #कविता

3e534b55fe07bc822fcf67ec7c06a577

Raj sarswat

तू चली।
मैं भी चला।
तो रुकेगा कौन ? 

तू चुप।
मैं भी चुप।
तो बोलेगा कौन ? 

ये सुनना, सुनाना।
सिर्फ तुमसे ही तो है।
और तुम ही रूठ गई,
तो, मुझे सुनेगा कौन।

©Raj sarswat सिर्फ़ तुम

सिर्फ़ तुम #लव

3e534b55fe07bc822fcf67ec7c06a577

Raj sarswat

  प्रेम ? 

प्रेम ना वासना का प्रतीक है।
और ना ही विलासता का द्योतक है।
प्रेम ना प्यास है, और ना ही मृगतृष्णा है।


प्रेम था, कृष्ण राधा का।
जो अनंतिम था, अगाध था।
और प्रेम ही था, मीरां का।
जो भक्ति से तल्लीन था।
प्रेम है, उम्मीदों का संसार।
एक आशा, एक विश्वास।
एक अटूट बंधन।
एक रश्म, एक रिवाज।
जो बांधती है।
एक दूसरे को,
अपनत्व की डोर से।
जो जोड़ता है, एक को अनेकों से।
प्रेम है, अन्तर्मन की आवाज।
जो करती है, हृदय में मधुर सा स्पंदन।
प्रेम है, भावनाओं का घर।
जिसमें खिलता है, ये अन्तर्मन। 
प्रेम है, ख्वाबों का सृजन।
और सृजन से है सृष्टि।
और इस सृष्टि का आधार है, प्रेम।
प्रेम है, अंतस का अनुशासन।
और अंतस की ही पुकार।
प्रेम से ही है, अंतस हर्षित।
यही है उम्मीद, और यही है आशा।
बस्स, अंतस से अंतस मिलता रहे।
और ये प्रेम का दीपक जलता रहे।

©Raj sarswat #waiting
3e534b55fe07bc822fcf67ec7c06a577

Raj sarswat

हम किसी पर मरते नहीं।
हम तो किसी पर जीते हैं।

जिससे हूँ...
मैं...

मेरी मुस्कान
मेरा अस्तित्व 
मेरा वर्चस्व।

और वो है...
मेरी माँ 
मेरा सर्वस्व।

©Raj sarswat #HappyDaughtersDay2020
3e534b55fe07bc822fcf67ec7c06a577

Raj sarswat

अभी बनना बाकी हूँ।
बन रहा हूँ मैं।

देखते हुए
इन दुनियाँ के लोगों को।
समझते हुए
और
सीखते हुए
आगे बढ़ रहा हूँ मैं।

किसी दिन उसी मोड़ पर
मिलूँगा तुमसे
मैं भी
समझा हुआ
और
सुलझा हुआ।

©Raj sarswat #Books
3e534b55fe07bc822fcf67ec7c06a577

Raj sarswat

तुम मिले हमसे हम तो दीवाने हुए।
एक सफ़र में ही हम तो तुम्हारे हुए।
आए जब तुम हमारे दिल में सनम।
तुम हुए हम और हम तुम हो गए।

कभी फिर से मिलें तो वहीं पर मिलें?
जहाँ पहले मिलें थे वहीं पर मिलें।
तुम आओ ना एक बार फिर से सनम।
हम मिलें हम हंसे और हंसते रहे।

अगर कभी तुम मिलोगे स्वप्न में प्रिये।
हम तुमको मिलेंगे वहीं पर प्रिये।
आओ बैठो रुको ना तुम कहोगे सनम।
हम रुकें हम मिलें और मिलते रहें।

आज फिर से गगन में घटा छा गई।
तुम गगन की घटा में नजर आ गई।
तुम पुकारो गगन से मैं कहूंगा सनम।
मैं मगन तुम मगन हम मगन ही रहें।

©Raj sarswat हम तुम हो गए

हम तुम हो गए #कविता

3e534b55fe07bc822fcf67ec7c06a577

Raj sarswat

"मैं और तुम"

मैं संस्कृत मीडियम पढा लिखा।
तुम इंग्लिश मीडियम की क्वीन प्रिये।
तुम सुनती म्यूजिक विदेशों के।
मैं भक्तिमय में लीन प्रिये।

तुम पुष्प सरीखी सॉफ्ट हो।
मैं ब्लैक ब्लैक सा स्टोन प्रिये।
तुम हैल्लो एप्प की फेमस मॉडल।
मैं रामायण का फैन प्रिये।

तुम आती रोज खवाबों में।
मैं आवागमन से अनजान प्रिये।
तुम लिटरेचर की पोईम हो
मैं संस्कृत का हूँ श्लोक प्रिये।

तुम दिखने में नायाब परी हो।
मैं स्मार्टनेस में क्लियर प्रिये।
तुम व्हाट्सएप की मिस्टर हो।
मैं फेसबुक का राज प्रिये।

©Raj sarswat #welove
3e534b55fe07bc822fcf67ec7c06a577

Raj sarswat

Alone  

दिल धड़क जाएगा।
तुम मिलो तो सही।
मन महक जाएगा।
तुम मिलो तो सही।

एक सफर में मिले थे।
कभी तुमसे हम।
फिर संवर जाएंगे।
तुम मिलो तो सही।

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile