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ऋतुराज पपनै

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ऋतुराज पपनै

कोई भी भाषा संचार का माध्यम होती है जिसके द्वारा हम अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं फिर चाहे वह लिखित भाषा हो या सांकेतिक भाषा हो।
सांकेतिक भाषा सभी भाषाओं में उत्कृष्ट भाषा है क्योंकि कभी-कभी विभिन्न भाषायी ज्ञान की कमी के कारण संकेतों के माध्यम से अपने भावों को व्यक्त किया जा सकता है।

©ऋतुराज पपनै #English
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ऋतुराज पपनै

अंग्रेजी के मदर में वो प्रेम नहीं जो हिन्दी के माँ से उजागर
होता है।
संस्कृत जननी है तो पोती है हिन्दी।
माँ में ममत्व सी शोभित होती है हिन्दी।
एक दिन हिन्दी राष्ट्रीय ही नहीं अंतराष्ट्रीय भाषा के रूप में उभर कर आएगी।
मैंने गौर किया है अंग्रेजी मीडियम से पढ़े कुछ लोग स्वयं को अधिक साक्षर दिखाने के लिए फर्राटेदार अंग्रेजी का प्रयोग करते हैं और स्वयं को सबसे अलग दिखाना चाहते हैं जबकि कभी भी प्रेम पूर्वक वार्ता करने के लिए हिन्दी भाषा का प्रयोग किया जाता है अथवा कोई हिन्दी भाषी हिन्दी भाषा में वार्ता करते समय शालीन व्यवहार को दर्शाता है।
वास्तव में हिन्दी संस्कारी भाषा है।

©ऋतुराज पपनै
  #English
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ऋतुराज पपनै

"कल्पना नहीं राम कल्प हैंं सजनी"


*कल्प= कल्प हिन्दू समय चक्र की बहुत लम्बी मापन इकाई है। 
चतुर्युग के अन्तर्गत चार युग
सत्युग १७,२८,००० वर्ष; त्रेता १२,९६,००० वर्ष; द्वापर ८,६४,००० वर्ष और कलियुग ४,३२,००० वर्ष। अतएव एक कल्प १००० चतुर्युगों के बराबर यानी चार अरब बत्तीस करोड़ (4,32,00,00,000) मानव वर्ष का हुआ।

©ऋतुराज पपनै #Hum
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ऋतुराज पपनै

प्रीत के रंग से रंग गयी राधा,
संग-संग गोपी गोप गोपाल।
श्याम वर्ण को रंग चटक है
फीक्को लागे अबीर गुलाल।

©ऋतुराज पपनै #श्याम_रंग
#Happy_holi
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ऋतुराज पपनै

रसिया रंग रसिया गोपाला कृष्णा,
रंग देना मोहे रंग-रंग में।
पीत वर्ण कौ तिलक लगाई दौ,
श्यामल रंग मोरे अंग-अंग में।

©ऋतुराज पपनै #रसिया_रंग_रसिया
#हरे_कृष्णा❤️🙏🏻

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ऋतुराज पपनै

बंसुरी बजावत कदमन की छय्या।
कालिया पर नृत्य करत ता ता थय्या।
मो पै डारे रंग गुलाल 
हाय दय्या सुन री मय्या
डारि गयो रंग मो पै गोकुल कौ बाँवरा।
नन्द बाबा कौ लाडलो श्याम साँवरा।

©ऋतुराज पपनै #बंसुरी
#हरे_कृष्णा
#braj_languge_writing
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ऋतुराज पपनै

तन मेरा भीगा,मन मेरा झीना।
बस श्याम मिलन की आश में जीना।।

©ऋतुराज पपनै #तन_मेरा_भीगा
#holi_radhakrishna
#Hare_krishna
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ऋतुराज पपनै

चित में बस गयो मोर मुकुट वारो।
नन्द नन्दन गोपाल हमारो।
जाके मुख सहस्र चन्द्र सों
गोप गोपिका नयन निहारो,
श्याम साँवरा गोपाल हमारो।

©ऋतुराज पपनै #krishna_Holi
#Hare_Krishna🙏 
#Happy_holi
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ऋतुराज पपनै

प्रेम रंग में विलसित प्रेम की पावन रेखा।
श्यामल रंग में श्यामा जी को वृन्दावन में देखा।।

©ऋतुराज पपनै #प्रेम_रंग
#प्रेम_मंदिर_वृंदावन 
#Radheradhe
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ऋतुराज पपनै

"जितना अधिक विलंब होगा उतना ही प्रेम प्रगाढ़ होगा।
जितनी अधिक प्रतीक्षा होगी उतना ही संबंध मधुर होगा।
सत्य को मिलने में समय तो लगता है।
माँ गौरा के आशीर्वाद को फलने में समय तो लगता है।"

©ऋतुराज पपनै #Shiv
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