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diwakar5296
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Diwakar Kumar

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Diwakar Kumar

उतारो मुझे जिस क्षेत्र में, सर्वश्रेष्ठ कर दिखाउंगी,
औरों से अलग हूं दिखने में, कुछ अलग कर के ही जाउंगी।

चाह नहीं है एक अलग नाम की, इसी को महान बनाउंगी,
नारी हूं मैं इस युग की, नारी की अलग पहचान बनाउंगी।

चाहे जो भी मैं बन जाउं, गर्व से नारी ही कहलाउंगी,
चाहे युग कोई सा आये, मै ही जगत जननी कहलाउंगी।

दुनिया के इस कठिन मंच पर, एक प्रदर्शन मैं भी दिखलाऊंगी,
कठपुतली नहीं किसी खेल की, अब स्वतंत्र मंचन कर पंचम लहराउंगी।
#महिला_शक्ति #WomenEmpowerment 
#ComeOutFromComfortZone
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Diwakar Kumar

सभी गंभीरता से विचार विमर्श जरूर करें।

जो लोग 1962 के भारत को याद करते हैं और बार बार उस हार की दुहाई देते हैं , वो लोग हमारे उन बहादुर सैनिकों का अपमान करते हैं-  जिन्होंने ताक़त में कम होने के बाद भी चीन का ज़बरदस्त मुक़ाबला किया l.  हार गए लेकिन घुटने नहीं टेके । 

इसी युद्ध में मेजर शैतान सिंह के नेतृत्व में कुमाऊँ दस्ते की अहीर टुकड़ी के 123 जवानो में से मेजर शैतान सिंह समेत 109 लोगों ने शहादत का जाम पिया था l

 लेकिन 1700 से ज़्यादा चीनी सैनिकों को मौत के घाट उतारकर रेज़ांग लॉ को चीनी क़ब्ज़े से आज़ाद कराया था । 

उसके बाद 1967 में चीन ने जब सिक्किम पर हमला किया, तो भारत ने उसे मुँह तोड़ जवाब दिया था । 
भारत यह युद्ध जीता था । 
चीन को अपने 340 सैनिकों की जान से हाथ धोना पड़ा था और भारत के 88 जवान शहीद हुए थे । 

1975 में सिक्किम को इंदिरा गांधी जी के सक्षम नेतृत्व में चाइना की नाक के नीचे से भारत में मिलाकर, इसे भारत का 22वाँ राज्य घोषित कर दिया था । 

1987 में चाइना के सारे ऐतराज़ को दरकिनार करते हुए,  तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी ने अरुणाचल प्रदेश को सम्पूर्ण राज्य का दर्जा दिया था । 

जो लोग भी भारत चीन को सिर्फ़ 1962 की हार से देखते हैं , वो उन सभी सैनिकों , सरकारों का अपमान करते है जिन्होंने वक़्त वक़्त पर चीन को मात दी है । 

इसमें कोई शक नहीं कि आज का भारत 1962 वाला भारत नहीं है l  लेकिन आज का भारत किसी एक व्यक्ति या किसी एक सरकार की वजह से ताक़तवर नहीं बना है । इसमें हमारी सभी सरकारों , हमारे वैज्ञानिकों , हमारी सेना और हमारे देश के हर व्यक्ति का योगदान है । 

न्यूज़ चैनल वालों से गुज़ारिश है कि चाटुकारिता के लिए और बहुत मौक़े मिलेंगे । देशभक्ति के समय सरकार या व्यक्ति विशेष की भक्ति करके देश को गुमराह ना करें । #PaidMedia
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Diwakar Kumar

मिथिला पेंटिग, मधुबनी पेंटिंग या कोहबर  जैसे अनेक नामों से जानी जाती है इस चित्रकारी के अविष्कारक माता सीता के पिता जनक जी थे।। माता सीता और भगवान राम के विवाह में संपूर्ण मिथिला ( विदेह-नेपाल) को इसी चित्रकारी से सजाया गया था इसलिए इसे मिथिला पेंटिंग भी कहा जाता है और कोहबर भी।। #Mithila painting

#mithila painting

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Diwakar Kumar

मदर इंडिया (1957) पहली भारतीय फ़िल्म थी जो "ऑस्कर" के लिए नामित हुई।। और नरगिस दत्त पहली अभिनेत्री थीं जो कला और सिनेमा के क्षेत्र से "राज्यसभा" के लिए नामित हुईं... #Nehru and cinema

#Nehru and cinema

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Diwakar Kumar

मैं देर करता नहीं देर हो जाती है या हुजूर आते-आते बहुत देर कर दी या देर न हो जाये कहीं देर न हो जाये, जैसे गीत जिस अभिनेता को मिले हों उसने जाने में बिल्कुल देर नहीं की।।

नुसरत साहब पाकिस्तान में तो थोड़े मशहूर हो चुके थे लेकिन असली खेल बाकी था।। दादा साहब फाल्के के बाद अगर किसी ने भारतीय सिनेमा की अतुलनीय सेवा की है तो वह "कपूर खानदान" ही है।। राजकपूर का यह गुण था वे नई प्रतिभाओं को मौका देते थे। वे प्रतिभा के पुजारी थे। यह गुण पं नेहरू का था।। आज जो कुछ फ़िल्म इंड्रस्ट्री में दिख रहा है उसमें 75% योगदान कपूर खानदान का है।।
ऋषि कपूर की शादी(1980) में राजकपूर ने नुसरत फतेह अली को आमंत्रित किया। तब भारत ने पहली बार नुसरत को सुना। और ऐसा सुना कि आज तक उनका जादू नहीं उतरा। यह फोटोज ऋषि कपूर की शादी के हैं।। यहां नुसरत ने जो गीत गाया उसे राजकपूर ने अपनी "हिना" फ़िल्म में लिया।।

मैं हमेशा "खानदान" का समर्थक रहा हूँ। चाहे वह सिनेमा हो या राजनीति क्योंकि "पीढ़ियों से गुजर कर ही कोई श्रेष्ठ गुण पैदा होता है" इंदिरा जी और राजकपूर इसके सशक्त उदाहरण हैं... #kapoor and sons

#kapoor and sons

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Diwakar Kumar

इंदिरा गाँधी ने 1971 में लोकसभा भंग कर मध्यावधि चुनाव की घोषणा कर दी। इंदिरा गाँधी ग़रीबी हटाओ नारे के साथ चुनाव में उतरीं। इस आम चुनाव में इंदिरा की कांग्रेस को कुल 352 सीटें मिलीं। चुनाव के नतीजों ने साफ़ कर दिया कि जनता ने ग्रैंड अलायंस को नकार दिया है। ग्रैंड अलांयस में मोरारजी की कांग्रेस (ओ), संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, भारतीय जन संघ और स्वतंत्र पार्टी शामिल थीं। अब केंद्र में इंदिरा गाँधी की स्थिति काफी मज़बूत हो गई और वह स्वतंत्र फैसले करने के लिए आज़ाद थीं। #Indira gandhi : Iron lady

#Indira gandhi : Iron lady

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Diwakar Kumar

साल 1959 में इंदिरा गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष चुनी गईं। उस समय उनकी उम्र 42 साल थी। इंदिरा के कांग्रेस का अध्यक्ष चुने जाने पर कई लोगों ने नेहरू पर परिवारवाद फैलाने का आरोप भी लगाया। 8 सितम्बर 1960 को इंदिरा जवाहर लाल के साथ विदेश दौरे पर गई थीं, इसी दौरान फ़िरोज गांधी की मृत्यु हो गई। 27 मई 1964 को नेहरु की मौत के बाद जब लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री बने तो इंदिरा को सूचना और प्रसारण मंत्री बनाया गया। 1965 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान उन्होंने आकाशवाणी का इस्तेमाल लोगों में राष्ट्रीय भावना को मजबूत करने के लिए किया। इस दौरान सेना की चेतावनी के बावज़ूद वह खुद श्रीनगर में मौजूद रहीं और जवानों के मनोबल को बढ़ाने में योगदान दिया। #Indira gandhi : Iron lady

#Indira gandhi : Iron lady

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Diwakar Kumar

रोटियां 3 दिन पुरानी थी और भूख 4 दिन , वो गरीब बड़े आराम से खा गया रोटी क्योकि रोटी  भूख के मुकाबले ताजी थी। #Think
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Diwakar Kumar

इंदिरा गांधी ऑक्सफोर्ड में अपनी पढ़ाई के दौरान वे इंडियन लीग की सदस्य बनीं। इसके बाद जब वे भारत आईं तो स्वतन्त्रता आन्दोलन में शामिल हो गयीं। स्वतंत्रता आन्दोलन में सक्रिय होने की वजह से सितम्बर 1942 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। जेल में उन्होंने 243 से ज्यादा दिन बिताए। इसके बाद 13 मई 1943 को ब्रिटिश सरकार ने उन्हें रिहा कर दिया। 20 अगस्त 1944 को राजीव गांधी का जन्म हुआ और करीब ढ़ाई साल बाद संजय गांधी पैदा हुए। #Indira gandhi: Iron lady

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Diwakar Kumar

 27 मई 1964 को नेहरु की मौत के बाद जब लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री बने तो इंदिरा को सूचना और प्रसारण मंत्री बनाया गया। 1965 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान उन्होंने आकाशवाणी का इस्तेमाल लोगों में राष्ट्रीय भावना को मजबूत करने के लिए किया। इस दौरान सेना की चेतावनी के बावज़ूद वह खुद श्रीनगर में मौजूद रहीं और जवानों के मनोबल को बढ़ाने में योगदान दिया। #Indira gandhi: Iron lady

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