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triwal6068930524155
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triwal

iam jus a crazy jack ass

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triwal

White ये तुम ही होगे जो रोज ए हश्र खुद के खिलाफ गवाही दोगे
मुनसिफ ओ मुजरिम आप खुद होंगे फिर किसको सफाई दोगे

सजा अपनी तुम खुद मुकर्रर करोगे बतर्ज ए आईन ए खुदा
और दार ए मक्तल मैं जल्लाद भी तुम ही दिखाई दोगे

गुनाह, गुनाह है जानते हो पर किताबों की ओट में करते हो
वहां न चलेगी उस दिन कोई दलील लिखी जो लिखाई दोगे

©triwal #sawan_2024
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triwal

White नहीं रहा वो जिसका ये किस्सा अब कहा जाता है
बमुश्किल ही जिंदगी रहे वक्त किसी का आता है

हम खुद पस्तों का भी उससे क्या कैसा गिला के वो
जो इशारों इशारों मे चांद सूरज तारा बनाता है

©triwal #weather_today
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triwal

White इस सफर ए दहर को भी अब ख़त्म ही समझो
मेरी दौड़ शहर शहर को भी अब ख़त्म ही समझो

है खत्म लहू जिस्म में अब ए ख्वाब-ओ-ख्यालो
इस बख्त जिगर को भी अब ख़त्म ही समझो

होने लगे हैं मुझसे भी अब  शिकश्त जदा शेर
मेरे सुखन के हुनर को भी अब ख़त्म ही समझो

के इस मुल्क में सोच की बस हद है जात,धर्म,तो
यहां इंकलाब ओ गदर को भी अब ख़त्म ही समझो

जिस दर पे जियारत का हक हो जब हस्ब ए हैसियत
उस दर के करम ओ असर को भी अब खत्म ही समझो

जिस घर में बुजुर्ग एहसान जताते हैं जब अपने फर्ज का
टूटेगा जल्द घर, घर वो भी अब ख़त्म ही समझो


दहर-दुनिया
बख्त-फौलाद
सुखन-शायरी
जियारत- दर्शन,पूजा
हसब-हिसाब

©triwal #sad_shayari
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triwal

White    इश्क़ सबको है यहाँ फलक से
 साँसों में जुनूं भी तो चाहिए

 हर हार पर और उबाल मारे
बदन में वो खूं भी तो चाहिए

 हुनर ही काफी नहीं सफ़र को
हौसलों में नुमूं भी तो चाहिए

 पंख आंखें मौके तक पहुंचा देंगी
बाज को फिर नाखूं भी तो चाहिए

 ये शेर तीर यूं ही नहीं होता
एहसास ओ मौजू भी तो चाहिए

हमे कुबूल है संगदिली की तोहमत
भाई आंख में आंसू भी तो चाहिए

ये नहीं के कह दिया बस
 बतर्रज ए ख़ू भी तो चाहिए

ईम्तहान ए वफ़ा को टाईगर
दरमियान खुलू भी तो चाहिए

हमारी बकैती से किसी कान पर 
रेंगनी एक अदद जूं भी तो चाहिए

नुमूं-चढ़ाव
मौजू- विषय
बतर्ज - तर्ज के साथ
ख़ू- व्यवहार
ख़ुलू- दूरी, खालीपन

©triwal #sad_shayari
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triwal

White  

जहां में रंज ओ गम ओ जंगे सिर्फ इस ही वजह से हैं
 के काबिज हुकूमत पंसद है, मोहब्बत पसंद पर

©triwal #good_morning_quotes
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triwal

White   मुझे लगा था बिछड़ के मुझसे उदास होगा
क्या पता था रकीब इस कदर खास होगा

चलो वो खुश है यही बहुत है, क्योंकि
इश्क में जरूरी नहीं के वो पास होगा

यूं कोई अब हिज़्र ए इश्क में मरता नहीं है
पर लगा उसे कम-से-कम एहसास होगा

हमे ये डर है ना लौट आए संग हो रहे हैं हम
जो आया तब तक हमें होश ना हवास होगा

उन्हें मुबारक दुनिया दारी के ये तमाम पैहरन
हमे वो वस्ल ए गुजिश्ता हशर तक लिबास होगा

©triwal #sad_shayari
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triwal

White ये तो शुक है के मौत सभी को आती है वरना
ये भी तंज ए गरीबी था, के गरीब हैं मर जाते हैं

 यूं नहीं के ग़रीब को रात ख्वाब आते ही ना हों 
सुबह पर जाना है वहां कदम भूखे जिधर जाते हैं

 मंजिलें, सफर, हौसला,कामयाबी ये सब मुफलिसी में कहां
ये काफिले देहाड़ी के बस देहाडी से घर जाते हैं

 महलों पे कोई फतवा हुआ है कभी कुफ्र ओ मुनाफिकी का यहां?
ये मज़हब ओ दीन के ठेके भी आवाम ही के सर जाते हैं

 धर्म ओ मजहब दर असल फलसफे है दस्तूर ओ रिवाज नहीं
तभी हुक्मरान हर दौर अवतारों रसूलों पे बिगड़ जाते हैं

जब से हर मजहब पर हो गये मक्कार ओ अय्याश काबिज
 तब से अछूत,पसमंदा, मुरतद काफिर हर सू नजर आते हैं

©triwal #milan_night
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triwal

White जिंदगी जा रही है ज्यों सम्त ए इंतकाल धीरे धीरे
 समझ आ रही है वक्त की हर एक चाल धीरे धीरे

 ज़लज़ले तक झेल गई पर आबाद रही, वो बस्ती
बता रही है मजहब कर रहे हैं पामाल धीरे धीरे

 उसे साथ चाहिए है मेरा शायद अपने जवाब नहीं
तभी वो मुझे सुना रही है अपने सवाल धीरे धीरे

 बदनसीबी में हमारी मिसाल होगी हमारे बाद शायद
सो जिंदगी बना रही है हमें बेमिसाल धीरे धीरे

 उसके दुःख ही उससे मोहब्बत की वजह था पर अब
ये उसकी खुशी मिटा रही है ये ख्याल धीरे धीरे

 हम पर उरूज़ आने तो दे जिंदगी जरा ढंग से
तू तो दिखा रही है अभी से ज़वाल धीरे धीरे

©triwal #milan_night
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triwal

#RapKaMausam
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triwal

White हमारे पास पनाह तो है सर छुपाने लायक
बस हिम्मत नहीं जंग से भाग जाने लायक

हम भूख से मरेंगे एक तो खुराक गोश्त है
दूजा ये अकीदा कि गोश्त हो खाने लायक

 और उन्हीं को है शिकायत हमारी गुमनामी से
वहीं जिसने छोड़ा नहीं हमें जमाने लायक

इतने दर्द ओ ग़म और कमाल है बा होश है हम
फक्र है चलो हमी हैं ऐसे ग़म उठाने लायक

 सरबरा ए मुल्क हैं आप सिर्फ एक फिरके के नहीं
सड़क पे आओ तो रहो सबको मुंह दिखाने लायक

 हथियार नहीं तो आवाज उठा जुल्म के खिलाफ
वरना तू बन जाएगा जुल्म किये जाने लायक

©triwal #t20_worldcup_2024
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