जहां से परे
क्यूँ नहीं हैं एक जहां
हो जहा ना कोई हमारा ना हम किसी के
अकेले बैठ खो जाते हम खुद में
ना किसी को पाने की खुशी और ना ही किसी को
हो खोने का डर
जहा अकेले बीत जाती उमर ये सारी
✨ #Shayari
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Priya singh | Nojoto: India's Largest Storytelling Platform...