Nojoto: Largest Storytelling Platform
kunwarsa8257
  • 20Stories
  • 25Followers
  • 172Love
    373Views

Kunwar Sa

  • Popular
  • Latest
  • Video
4a2cc0081af53d282c2646eca1a7d21e

Kunwar Sa

#poetryunpravan hi thik hulugged

#poetryunpravan hi thik hulugged

4a2cc0081af53d282c2646eca1a7d21e

Kunwar Sa

apne shok
#lovebeat

apne shok #lovebeat

4a2cc0081af53d282c2646eca1a7d21e

Kunwar Sa

okat dek lete hai
#lovebeat

okat dek lete hai #lovebeat

4a2cc0081af53d282c2646eca1a7d21e

Kunwar Sa

juban kadvi hi sahi

#lovebeat

juban kadvi hi sahi #lovebeat

4a2cc0081af53d282c2646eca1a7d21e

Kunwar Sa

जो गुज़र चुका है

#lovebeat

जो गुज़र चुका है #lovebeat

4a2cc0081af53d282c2646eca1a7d21e

Kunwar Sa

apne tumhare hai

#poetryunplugged

apne tumhare hai #poetryunplugged

4a2cc0081af53d282c2646eca1a7d21e

Kunwar Sa

okat ke tane mat dena

#lovebeat

okat ke tane mat dena #lovebeat

4a2cc0081af53d282c2646eca1a7d21e

Kunwar Sa

कश्मीरी लड़की से फौजी रणजीत सिंह की रोंगटे खड़े कर देने वाली प्रेम कहानी 

कहते हैं आत्महत्या कायरता का सबूत होती है। आत्महत्या कायर करते हैं। लेकिन सैन्य अधिकारी जानते थे कि रणजीत ने अपनी शहादत क्यों दी थी। सेना ने रणजीत को ‘किल्ड इन एक्शन’ माना, जिसने कई लोगों की जान लेने की जगह अपनी जान देकर सेना के शौर्य को बनाये रखा। सेना ने रणजीत सिंह को उचित सम्मान दिया।



     

बुरहान वाणी की मौत के बाद से कश्मीर में लगातार ४ महीने से ज्यादा प्रोटेस्ट चले। लेकिन कुछ साल पहले भी एक ऐसा प्रोटेस्ट हुआ था। भारतीय सेना के एक जवान पर एक लड़की के रेप और एक नागरिक की हत्या का आरोप लगा था।
आज उसी की कहानी
सवार रणजीत सिंह एक सिख नौजवान थे, पंजाब के एक छोटे से गांव के। मात्र 17 साल की उम्र में सन 2000 में वो भारतीय सेना में भर्ती हो गए थे। वो एक बेहतरीन खिलाडी थे और बास्केट बाल में स्पेशलिस्ट थे। दो साल की सेवा के बाद वो गनर के तौर पर टैंक पर चलने के लिए अपॉइंट कर दिए गए। कुछ ही दिनों में उनकी नियुक्ति राष्ट्रीय राइफल्स में हो गयी। राष्ट्रीय राइफल्स सेना का एक खास अंग है जो 1990 के बाद कश्मीर में इंसर्जेंसी से निपटने के लिए गठित हुआ था। इसमें 50% इन्फेंट्री से और बाकी 50% सेना के बाकी अंग से लिए जाते हैं। चूँकि रणजीत सिंह इन्फेंट्री से नहीं थे तो कश्मीर भेजे जाने से पहले उन्हें ट्रेनिंग के लिए कोर्प्स बैटल स्कूल भेजा गया। इस स्कूल में एक समय में 3 से 4 हजार तक सिपाही ट्रेनिंग लेते हैं और ये ट्रेनिंग चार हफ़्तों की होती है।
रणजीत सिंह इस ट्रेनिंग में बेस्ट स्टूडेंट जज किये गए थे। एक बेहद रिगरस और टफ ट्रेनिंग के बाद रणजीत सिंह ने कश्मीर में अपनी यूनिट के कंपनी ऑपरेटिंग बेस को ज्वाइन किया। उन्हें उम्मीद थी की अब उन्हें थोड़ी राहत मिलेगी। लेकिन यहाँ शेड्यूल उस ट्रेनिंग से भी ज्यादा सख्त था। इस यूनिट में 60 - 70 जवान अमूनन होते हैं, जिसमें एक तिहाई एडमिनिस्ट्रेशन और सिक्योरिटी में, एक तिहाई पेट्रोलिंग और ऑपरेशन में और बाकी के एक तिहाई रेस्ट और ट्रेनिंग में होते हैं। किसी बड़े ऑपरेशन या इमरजेंसी के दौरान सभी सिपाही फील्ड में होते हैं और उस समय बिना किसी रेस्ट के 24 से 72 घंटे तक की ड्यूटी होती है। औसतन एक सिपाही को सिर्फ 5 से 6 घंटे सोने के मिलते हैं वो भी कभी कभी किस्तो में।

ऐसे माहौल में करीब 6 महीने तक रणजीत सिंह ने काम किया और छोटे बड़े ऑपरेशंस में हिस्सा लिया जिसमें 7 टेररिस्ट मारे गए। ऐसी यूनिट का एक खास काम लोकल लोगों से मिलकर इंटेलिजेंस इकठ्ठा करना भी होता है। रणजीत सिंह को भी ये जिम्मेदारी सौंपी गयी कि वो लोगों से संपर्क बनाकर सूचनाएं इकट्ठी करें। सामान्यतः सैनिक मेडिकल टीम के साथ गांव जाते हैं, अपने संपर्क सूत्रों से मिलते हैं और सूचनाएं इकट्ठी करते हैं। रणजीत सिंह ने भी मेडिकल टीम और सद्भावना प्रोजेक्ट की टीमों के साथ गांव-गांव जाना शुरू किया और लोगों से संपर्क बनाने शुरू किये। रणजीत जी ने अपने कई सोर्स डेवलप किये जिनकी सूचना के आधार पर सेना ने कई सक्सेसफुल ऑपरेशंस को अंजाम दिया।
और ऐसे में एक दिन रणजीत की मुलाकात एक सोर्स की छोटी बहन से हुई। लव एट फर्स्ट साइट। दोनों तरफ से। पहली मुलाकात जैसे शर्माते सकुचाते हुई थी। लेकिन जल्द ही दोनों मिलने के बहाने खोजने लगे। एक आकर्षक सिख नौजवान, एक सुन्दर कश्मीरी लड़की। जैसे आसमान से उतरी जोड़ी हो। परियों की कहानियों के जैसे। एक तरफ सेना का डिसिप्लिन था , दूसरी तरफ अलग अलग धर्म, संस्कृति थी। समाज के पहरे थे। और पार्श्व में चलता युद्ध था।
लेकिन दिल की पुकार कौन ठुकरा सका है। दोनों एक दूसरे के गहरे प्यार में थे। मुलाकाते पब्लिक व्यू में ही संभव होती थीं और बहुत कम ही हो पाती थीं। लड़की कॉलेज जाती थी। इसलिए दोनों का आपसी प्यार मोबाईल के सहारे परवान चढ़ रहा था। घंटों फोन पर दोनों बातें करते। और इन बातों के लिए रणजीत को अक्सर अपनी 5 घंटे की नींद भी खोनी पड़ती थी। लेकिन इश्क में पगलाए रणजीत को इसकी परवाह नहीं थी।

इस बार रणजीत जब छुट्टियों से वापस आया तो अपनी महबूबा के लिए अंगूठी भी लाया था। एक मेडिकल कैम्प में उसने वो अंगूठी अपनी प्रेयसी को दी। रणजीत सिंह का दो साल का टेन्योर पूरा हो रहा था। लेकिन रणजीत ने वालंटीरियलि अपना टेन्योर 6 महीने और बढ़वा लिया। लेकिन जल्द ही ये 6 महीने भी पूरे होने लगे। रणजीत सिंह की दूसरी पोस्टिंग आ गयी। उसे कश्मीर छोड़कर जाना था। उसने अपनी महबूबा को मिलने के लिए बुलाया।
एक दिन बाद ही उसे नयी पोस्टिंग पर जाना था, इसलिए यूनिट में आज उसे कोई ड्यूटी नहीं दी गयी थी। ताकि वो अपनी पैकिंग कर सके। वो कैम्प छोड़कर बाहर नहीं जा सकता था। रणजीत ने देखा की एक पैट्रोलिंग टीम पैदल निकल रही थी। वो बिना किसी अधिकारी को बताये उस टीम के सबसे पीछे लगकर कैम्प से निकल गया। जब गांव पास आया तो वो अपनी टीम से अलग हो गया और एक उजाड़ मकान के पास पहुंचा। रणजीत सेना की पोशाक में था अपने सभी हथियारों के साथ। इसी मकान में उसने अपनी प्रेयसी को बुलाया था। रणजीत जानता था वो कितना बड़ा रिस्क ले रहा है, लेकिन प्यार के आगे फिर कौन सोचता है।
मुलाकात मुख़्तसर सी थी। रणजीत ने अपनी प्रेयसी से वादा किया कि वो जल्द ही वापस आएगा और शादी करके उसे अपने गांव ले जायेगा। दोनों ने साथ रहने की कसमे खायी और फिर मिलने का वादा करके उस घर से निकले। लेकिन जैसे ही वो घर से बाहर आये। उन्होंने देखा एक भीड़ बाहर खड़ी थी। क्रोध में भरी भीड़। लोगों ने रणजीत को घेर लिया और उसे धक्का देने लगे, मारने पर उतारू हो गए। वो चिल्ला रहे थे कि रणजीत ने उस लड़की के साथ बलात्कार किया है। रणजीत ने उस भीड़ को समझाने की कोशिश की। उस लड़की ने भी भीड़ से कहा , लेकिन वहां सुनने वाला कोई न था। भीड़ गुस्से से पागल हो रही थी और रणजीत की जान लेने पर उतारू थी। रणजीत ने अपनी गन हाथ में लेकर उन्हें चेतावनी दी।

इस चेतावनी को सुनते ही एक आदमी ने हाथ में कुल्हाड़ी लिए उस पर हमला किया। और कोई चारा न देखकर रणजीत ने फायर किया। गोली सीधी उस आदमी को लगी और वो वहीँ गिरकर ढेर हो गया। भीड़ तत्काल छंटी और रणजीत वहां से निकल गया। लेकिन मुश्किल से वो 50 गज दूर ही जा पाया था कि विपरीत दिशा से आती एक बड़ी भीड़ ने फिर उसे घेर लिया। रणजीत सड़क के बीच में सैकड़ो लोगों की भीड़ के बीच अकेला खड़ा था। भीड़ उस पर पत्थर फ़ेंक रही थी। भीड़ रणजीत की जान लेने पर आमादा हो चुकी थी रणजीत के लिए संकट की घडी थी। उसके पास गन थी, ग्रेनेड थे। वो उस भीड़ पर ग्रेनेड फ़ेंक कर निकल सकता था। फायर कर सकता था। लेकिन तय था की कई लोग मारे जाते।
शायद उस पर एक जान पहले ही ले लेने का अपराध बोध हावी हो रहा था। रणजीत ने भीड़ से परे अपनी निगाह फिराई। उसे अपनी प्रेमिका दिखी। लोगों की जकड में तड़फड़ाती हुई। दोनों की नजरें मिली। लड़की की आँखें आंसुओ से भरी थीं। रणजीत ने अपनी गन उठाई और उसकी नाल अपने मस्तक से सटा दी। एक गोली चली। आग की तरह ये खबर कश्मीर में फ़ैल रही थी कि एक सेना के जवान ने एक लड़की के साथ रेप किया और एक नागरिक को मार दिया। सेना के लिए ये बड़े अपमान की बात थी। तुरंत एक्शन लेते हुए पुलिस ने कार्यवाही शुरू की।
रणजीत के मोबाईल से उस लड़की की काल डिटेल मिली। पुलिस ने उस लड़की से पूछताछ शुरू की। लड़की ने सारी कहानी कह सुनाई। सेना और पुलिस ने उस गांव जो श्रीनगर सोनमर्ग रास्ते पर था, और कंगन नाम से जाना जाता था, वहां बड़े बूढ़ो की बैठक बुलाई। जहाँ उस लड़की ने पूरी सच्चाई बयान की। और उसके बाद प्रोटेस्ट थमे। सरकार ने मृत व्यक्ति के परिवार को मुआवजा दिया। उस लड़की को सेना ने अपने सरंक्षण में ले लिया और उसकी पढाई की आगे पूरी जिम्मेदारी ले ली।
रणजीत। जिसने आत्म हत्या कर ली थी। कहते हैं आत्महत्या कायरता का सबूत होती है। आत्महत्या कायर करते हैं। लेकिन सैन्य अधिकारी जानते थे कि रणजीत ने अपनी शहादत क्यों दी थी। सेना ने रणजीत को ‘किल्ड इन एक्शन’ माना, जिसने कई लोगों की जान लेने की जगह अपनी जान देकर सेना के शौर्य को बनाये रखा। सेना ने रणजीत सिंह को उचित सम्मान दिया। मैंने जब ये कहानी पढ़ी, बार-बार पढ़ी, हर बार मेरी आँखें भर आयी। मैं सलाम करता हूँ इस बहादुरी को। रणजीत सिंह को। भारतीय सेना को। ऐसा अद्भुत पराक्रम एक भारतीय सैनिक ही कर सकता है। एक ऐसी प्रेम कहानी जो दफ़न हो कर रह गयी।
मैं आभार प्रकट करता हूँ लेफ्टिनेंट जनरल H.S. Panag जी का जिन्होंने ये कहानी लिखी। और पनाग साहब वही थे, जिन्होंने कोर्प्स बैटल स्कूल में रणजीत सिंह को बेस्ट स्टूडेंट का अवार्ड दिया था। और आभार कर्नल अभिषेक वाजपेयी जी का जिनकी वॉल पर मैंने इस कहानी को पढ़ा। रणजीत सिंह का नाम हमेशा अमर रहेगा। नाज है हमें रणजीत पर और गर्व है भारतीय सेना पर।

©Kunwar Sa #Books
4a2cc0081af53d282c2646eca1a7d21e

Kunwar Sa

dusman apne aap ban jate h

#Birth

dusman apne aap ban jate h #Birth #Life_experience

4a2cc0081af53d282c2646eca1a7d21e

Kunwar Sa

man lijiye

#lovebeat

man lijiye #lovebeat

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile