Nojoto: Largest Storytelling Platform
rakhu1405703437285
  • 67Stories
  • 89Followers
  • 879Love
    12.7KViews

Rakhu

  • Popular
  • Latest
  • Video
4b52b637bb5012ea05a7a2de9ae22ec4

Rakhu

#Happiness  Anjali Yadav अहिरानी Lucknow

#Happiness Anjali Yadav अहिरानी Lucknow #Love

4b52b637bb5012ea05a7a2de9ae22ec4

Rakhu

####Bojrangboli Baba###Pooja Udeshi ##

###Bojrangboli Baba##Pooja Udeshi ##

4b52b637bb5012ea05a7a2de9ae22ec4

Rakhu

####Sexy##boy###

###Sexy#boy###

4b52b637bb5012ea05a7a2de9ae22ec4

Rakhu

@@@@Anju #F XXXXX@@@@@

@@@@Anju #f XXXXX@@@@@ #Motivational

4b52b637bb5012ea05a7a2de9ae22ec4

Rakhu

Pooja Udeshi @@@@SSXXgjkkytgojjfrt###

Pooja Udeshi @@@@SSXXgjkkytgojjfrt### #Society

4b52b637bb5012ea05a7a2de9ae22ec4

Rakhu

Anjali Yadav अहिरानी Lucknow @@@@duhhjioo####

Anjali Yadav अहिरानी Lucknow @@@@duhhjioo#### #Love

4b52b637bb5012ea05a7a2de9ae22ec4

Rakhu

@#@#@# BAITHAKE ######Anjali Yadav अहिरानी Lucknow

@#@#@# BAITHAKE #####Anjali Yadav अहिरानी Lucknow

4b52b637bb5012ea05a7a2de9ae22ec4

Rakhu

@@@@Merrage cuppole###################Riya

@@@@Merrage cuppole##################Riya #Love

4b52b637bb5012ea05a7a2de9ae22ec4

Rakhu


1. ॐ शिवाय नम:
 
2. ॐ सर्वात्मने नम:
 
3. ॐ त्रिनेत्राय नम:
 
4. ॐ हराय नम:
 
5. ॐ इन्द्रमुखाय नम:

 
6. ॐ श्रीकंठाय नम:
 
7. ॐ वामदेवाय नम:
 
8. ॐ तत्पुरुषाय नम:
 
9. ॐ ईशानाय नम:
 
10. ॐ अनंतधर्माय नम:
 
11. ॐ ज्ञानभूताय नम:
 
12. ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नम:
 
13. ॐ प्रधानाय नम:
 
14. ॐ व्योमात्मने नम:

 
15. ॐ युक्तकेशात्मरूपाय नम:

इस शिव गायत्री मंत्र के साथ इन मंत्रों का जप अत्यंत शुभ फलदायक माना गया है। 
 
शिव गायत्री मंत्र : ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्।।
 
आप किसी भी तरह के कर्ज में डूबे हुए हैं तो शिवजी को प्रणाम करते हुए 15 मंत्रों का जप करें। कर्ज निश्चित रूप से उतरेगा। 
 
ॐ नम: शिवाय मंत्र का महत्व 
 
भगवान शिव जब अग्रि स्तंभ के रूप में प्रकट हुए तब उनके पांच मुख थे। जो पांचों तत्व पृथ्वी, जल, आकाश, अग्नि तथा वायु के रूप थे। सर्वप्रथम जिस शब्द की उत्पत्ति हुई वह शब्द था ॐ बाकी पांच शब्द नम: शिवाय की उत्पत्ति उनके पांचों मुखों से हुई जिन्हें सृष्टि का सबसे पहला मंत्र माना जाता है यही महामंत्र है। इसी से अ इ उ ऋ लृ इन पांच मूलभूत स्वर तथा व्यंजन जो पांच वर्णों से पांच वर्ग वाले हैं वे प्रकट हुए। त्रिपदा गायत्री का प्राकट्य भी इसी शिरोमंत्र से हुआ, इसी गायत्री से वेद और वेदों से करोड़ो मंत्रों का प्राकट्य हुआ।

 
इस मंत्र के जाप से सभी मनोरथों की सिद्धि होती है। भोग और मोक्ष दोनों को देने वाला यह मंत्र जपने वाले के समस्त व्याधियों को भी शांत कर देता है। बाधाएं इस मंत्र का जाप करने वाले के पास भी नहीं आती तथा यमराज ने अपने दूतों को यह आदेश दिया हैं कि इस मंत्र के जाप करने वाले के पास कभी मत जाना। उसको मृत्यु नहीं मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह मंत्र शिववाक्य है यही शिवज्ञान है। 
 
जिसके मन में यह मंत्र निरंतर रहता है वह शिवस्वरूप हो जाता है। भगवान शिव प्रत्येक मनुष्य के अंत:करण में स्थित अव्यक्त आंतरिक अधिष्ठान तथा प्रकृति मनुष्य की सुव्यक्त आंतरिक अधिष्ठान है। नम: शिवाय: पंचतत्वमक मंत्र है इसे शिव पंचक्षरी मंत्र कहते हैं। इस पंचक्षरी मंत्र के जप से ही मनुष्य संपूर्ण सिद्धियों को प्राप्त कर सकता है।
 
इस मंत्र के आदि में ॐ लगाकर ही सदा इसके जप करना चाहिए। भगवान शिव का निरंतर चिंतन करते हुए इस मंत्र का जाप करें। सदा सब पर अनुग्रह करने वाले भगवान शिव का बारंबार स्मरण करते हुए पूर्वाभिमुख होकर पंचाक्षरी मंत्र का जाप करें।

©Rakhu
  #Shiv Montro########

#Shiv Montro######## #समाज

4b52b637bb5012ea05a7a2de9ae22ec4

Rakhu

#NojotoVideoUpload @@@@Happy Birthday Celebration@@@@Anupriya

@@@@Happy Birthday Celebration@@@@Anupriya #Love

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile