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pradeepkumar1059
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Pradeep Kumar

गीत के बोल : जाने वो क्या लोग थे, जिनको वफ़ा का पास था दूसरे के दिल पे क्या गुज़रेगी ये एहसास था अब हैं पत्थर के सनम, जिनको एहसास ना ग़म वो ज़माना अब कहाँ, जो अहल-ए-दिल को रास था अब तो मतलब के लिए नाम-ए-वफ़ा लेते हैं लोग जब भी जी चाहे, नई दुनिया बसा लेते हैं लोग एक चेहरे पे कई चेहरे, लगा लेते हैं लोग

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Pradeep Kumar

 Hiiiii
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Pradeep Kumar

 Hiii bro

Hiii bro #nojotophoto

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Pradeep Kumar

 Hiiiiii

Hiiiiii #nojotophoto

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Pradeep Kumar

 Hello
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Pradeep Kumar

न जी भर के देखा न कुछ बात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की

कई साल से कुछ ख़बर ही नहीं
कहाँ दिन गुज़ारा कहाँ रात की

उजालों की परियाँ नहाने लगीं
नदी गुनगुनाई ख़यालात की

मैं चुप था तो चलती हवा रुक गई
ज़ुबाँ सब समझते हैं जज़्बात की

सितारों को शायद ख़बर ही नहीं
मुसाफ़िर ने जाने कहाँ रात की

मुक़द्दर मेरे चश्म-ए-पुर'अब का
बरसती हुई रात बरसात की Hiiii

Hiiii

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Pradeep Kumar

न जी भर के देखा न कुछ बात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की

कई साल से कुछ ख़बर ही नहीं
कहाँ दिन गुज़ारा कहाँ रात की

उजालों की परियाँ नहाने लगीं
नदी गुनगुनाई ख़यालात की

मैं चुप था तो चलती हवा रुक गई
ज़ुबाँ सब समझते हैं जज़्बात की

सितारों को शायद ख़बर ही नहीं
मुसाफ़िर ने जाने कहाँ रात की

मुक़द्दर मेरे चश्म-ए-पुर'अब का
बरसती हुई रात बरसात की न जी भर के देखा न कुछ बात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की

कई साल से कुछ ख़बर ही नहीं
कहाँ दिन गुज़ारा कहाँ रात की

उजालों की परियाँ नहाने लगीं
नदी गुनगुनाई ख़यालात की

न जी भर के देखा न कुछ बात की बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की कई साल से कुछ ख़बर ही नहीं कहाँ दिन गुज़ारा कहाँ रात की उजालों की परियाँ नहाने लगीं नदी गुनगुनाई ख़यालात की

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Pradeep Kumar

गीत के बोल : जाने वो क्या लोग थे, जिनको वफ़ा का पास था 
दूसरे के दिल पे क्या गुज़रेगी ये एहसास था 
अब हैं पत्थर के सनम, जिनको एहसास ना ग़म
वो ज़माना अब कहाँ, जो अहल-ए-दिल को रास था 
अब तो मतलब के लिए नाम-ए-वफ़ा लेते हैं लोग 
जब भी जी चाहे, नई दुनिया बसा लेते हैं लोग 
एक चेहरे पे कई चेहरे, लगा लेते हैं लोग

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Pradeep Kumar

गीत के बोल : जाने वो क्या लोग थे, जिनको वफ़ा का पास था 
दूसरे के दिल पे क्या गुज़रेगी ये एहसास था 
अब हैं पत्थर के सनम, जिनको एहसास ना ग़म
वो ज़माना अब कहाँ, जो अहल-ए-दिल को रास था 
अब तो मतलब के लिए नाम-ए-वफ़ा लेते हैं लोग 
जब भी जी चाहे, नई दुनिया बसा लेते हैं लोग 
एक चेहरे पे कई चेहरे, लगा लेते हैं लोग गीत के बोल : जाने वो क्या लोग थे, जिनको वफ़ा का पास था 
दूसरे के दिल पे क्या गुज़रेगी ये एहसास था 
अब हैं पत्थर के सनम, जिनको एहसास ना ग़म
वो ज़माना अब कहाँ, जो अहल-ए-दिल को रास था 
अब तो मतलब के लिए नाम-ए-वफ़ा लेते हैं लोग 
जब भी जी चाहे, नई दुनिया बसा लेते हैं लोग 
एक चेहरे पे कई चेहरे, लगा लेते हैं लोग

गीत के बोल : जाने वो क्या लोग थे, जिनको वफ़ा का पास था दूसरे के दिल पे क्या गुज़रेगी ये एहसास था अब हैं पत्थर के सनम, जिनको एहसास ना ग़म वो ज़माना अब कहाँ, जो अहल-ए-दिल को रास था अब तो मतलब के लिए नाम-ए-वफ़ा लेते हैं लोग जब भी जी चाहे, नई दुनिया बसा लेते हैं लोग एक चेहरे पे कई चेहरे, लगा लेते हैं लोग #Shayari

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Pradeep Kumar

 Hiiii
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Pradeep Kumar

 गीत के बोल : जाने वो क्या लोग थे, जिनको वफ़ा का पास था 
दूसरे के दिल पे क्या गुज़रेगी ये एहसास था 
अब हैं पत्थर के सनम, जिनको एहसास ना ग़म
वो ज़माना अब कहाँ, जो अहल-ए-दिल को रास था 
अब तो मतलब के लिए नाम-ए-वफ़ा लेते हैं लोग 
जब भी जी चाहे, नई दुनिया बसा लेते हैं लोग 
एक चेहरे पे कई चेहरे, लगा लेते हैं लोग

गीत के बोल : जाने वो क्या लोग थे, जिनको वफ़ा का पास था दूसरे के दिल पे क्या गुज़रेगी ये एहसास था अब हैं पत्थर के सनम, जिनको एहसास ना ग़म वो ज़माना अब कहाँ, जो अहल-ए-दिल को रास था अब तो मतलब के लिए नाम-ए-वफ़ा लेते हैं लोग जब भी जी चाहे, नई दुनिया बसा लेते हैं लोग एक चेहरे पे कई चेहरे, लगा लेते हैं लोग #nojotophoto

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