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kumarsuraj9840
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Kumar Suraj

Kathak Dancer

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Kumar Suraj

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Kumar Suraj

@Shakeel azmi sahab best shayri pranam

#violin

@Shakeel azmi sahab best shayri pranam #violin

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Kumar Suraj

#violin by kumar suraj

#violin by kumar suraj

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Kumar Suraj

insta - surajkathak

#quote #Quotes #comments #quoteoftheday #life #love #igers #instagramhub #instadaily #instamood
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Kumar Suraj

ठोकरों से तू सभलता क्यूं नहीं।
मौसम के हिसाब  से बदलता क्यूं नहीं।
कर बुलंद हौसले और उतर जा दरिया में।
किनारों से आगे तू बढ़ता क्यूं नहीं।

सब जानेंगे भी तुझे पहचानेंगे भी तुझे
तू अपने आप को पहचानता क्यूं नहीं
मंजिले भी मिल जाएंगी तुझे कभी न कभी
कुछ वक्त रास्तों पर गुजारता क्यूं नहीं


Kumar___ कर बुलंद हौसले और उतर जा दरिया में।
किनारों से आगे तू बढ़ता क्यूं नहीं।

कर बुलंद हौसले और उतर जा दरिया में। किनारों से आगे तू बढ़ता क्यूं नहीं।

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Kumar Suraj

वक़्त ओर तुम दोनों एक जैसे हो।
दोनों ने ही जाते हुए पलट के नहीं देखा।

कुमार

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Kumar Suraj

गिरता रहा संभलता रहा
मौसम  के हिसाब से बदलता रहा।

ख़्याल-कुमार_ Aarohi Tiwari  deba shah ^√Ghost¥writer^™ Renu sabi khan

Aarohi Tiwari deba shah ^√Ghost¥writer^™ Renu sabi khan #विचार

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Kumar Suraj

माँ

बचपन से अब तक मेरे हर दर्द को 
तू अपना दर्द मानती हैं । माँ

 पर पता हैं

तुझे ज़रा सी तकलीफ़ होती हैं
तो जान मेरी निकल जाती है। माँ

तू ज़रा सा नाराज़ हो जाएं तो बेचैनी हो जाती हैं।
ऐसा लगता हैं दुनिया ही मेरी वीरान हो जाती हैं । माँ

ज़िन्दगी की इस उधेड़बुन में लगा रहता हूँ
सुबह से दोपहर ओर  कब दोपहर से शाम हो जाती है

पर जब तक तुझे एक बार न देखलु।
तब तक नींद नहीं आती हैं । माँ

सफ़र पर सफ़र तय करता रहता हूँ
मग़र हर वक़्त तेरी याद आती हैं माँ।

निराश हो भी जाता हूँ अगर ख़ुद से कभी।
तो तेरी दुआएं बहुत काम आती हैं माँ।

कुमार_ तुझे पता हैं माँ
#माँ #शायरी #कविता

तुझे पता हैं माँ माँ शायरी कविता

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Kumar Suraj

साजिशें ही नायाब निकली है मेरे अपनो की।
मेरा क़त्ल का इल्ज़ाम भी मुझ पर लगा दिया।

(_कुमार_)

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Kumar Suraj

साजिशें ही नायाब निकली है मेरे अपन की।
मेरा क़त्ल का इल्ज़ाम भी मुझ पर लगा दिया।

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