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कुनाल खरे (अद्वित)

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कुनाल खरे (अद्वित)

बाद में मुझ से ना कहना घर पलटना ठीक है
वैसे सुनने में यही आया है रस्ता ठीक है
शाख से पत्ता गिरे, बारिश रुके, बादल छटें
मैं ही तो सब कुछ गलत करता हूँ अच्छा ठीक है

            ~तहजीब हाफी

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कुनाल खरे (अद्वित)

तुम्हारी राह में मिट्टी के घर नहीं आते
इसीलिए तो तुम्हें हम नज़र नहीं आते
मुहब्बतों के दिनों की यही ख़राबी है
ये रूठ जाएँ तो फिर लौटकर नहीं आते

~ वसीम बरेलवी

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कुनाल खरे (अद्वित)

तुम्हारी राह में मिट्टी के घर नहीं आते
इसीलिए तो तुम्हें हम नज़र नहीं आते
मुहब्बतों के दिनों की यही ख़राबी है
ये रूठ जाएँ तो फिर लौटकर नहीं आते

                             ~ वसीम बरेलवी

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कुनाल खरे (अद्वित)

बिछड़कर फिर  मिलेंगे यक़ीन कितना था ।
बेशक  ख्वाब था मगर हसीन कितना था।।

  - आशुतोष अग्रवाल #darkness
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कुनाल खरे (अद्वित)

तुम देव दिवाली सी रोशन,
मै मोक्ष भवन सा शांत प्रिए।
तुम कोल्ड कॉफी सी vt की,
मैं अस्सी की नींबू चाय प्रिए।।
 

                       - words_of_banaras©®

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कुनाल खरे (अद्वित)

ग़ज़लों का हुनर अपनी आँखों को सिखाएंगे
रोयेंगे बहुत लेकिन आंसू नहीं आयेंगे
कह देना समंदर से हम ओस के मोती है
दरया कि तरह तुझ से मिलने नहीं आयेंगे
       

         ~ बशीर बद्र साहब

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कुनाल खरे (अद्वित)

कितने ऐश उड़ाते होंगे कितने इतराते होंगे
जाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे
यारो कुछ तो हाल सुनाओ उस की क़यामत बाहों की,
वो जो सिमटते होंगे उन में वो तो मर जाते होंगे

                 ~जौन एलिया
                                
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कुनाल खरे (अद्वित)

जितनी भी की थी उतनी मोहब्बत नही मिली
क्या फायदे को रोइये लागत नही मिली
क़ातिल हमारे क़त्ल से मशहूर हो गया
हमको शहीद हो के भी शोहरत नही मिली

                  - मेहसर अफरीदी

                       
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कुनाल खरे (अद्वित)

किसी भी खेत पे बरसे ,कहीं का हो जाये
ख़ुदा करे कि ये बादल ज़मीं का हो जाये
मैं उसके जिस्म का सब ज़हर पी के मर जाऊँ
अगर वो सांप मेरी आस्तीं का हो जाये

-शकील आज़मी



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कुनाल खरे (अद्वित)

क्या खबर उस रोशनी में और क्या रोशन हुआ
जब वो इन हाथो से पहली मर्तबा रोशन हुआ
वो मेरे सीने से लग कर जिसको रोयी कौन था
किसके बुझने पर मैं आज उसकी जगह रोशन हुआ

- तहजीब हाफी


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