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shailendraanand4389
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Shailendra Anand

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Shailendra Anand

रचना दिनांक 30 जनवरी दोहजार पच्चीस
वार गुरुवार
समय पांच बजे
्भावचित्र ्
निज विचार ्
 छाया चित्र में कला और की सद सम,,
 ईश्वरीय शक्ति से, ही भव्य आकाशीय पिंड की ,,
अनेकानेक अमृत बरसाती पूर्णमासी गहराईयों 
और अमावस्या की रात काली घनघोर अंधेरा में आंखों में,
 सामान्य मनुष्य मनुज देह में विलीन नींद का छा जाना ही , 
जिंदगी की मानसिक रूप से अर्ध चेतना ऊंघना ,,
इत्यादि क़िया क़ियात्मक तथ्यों पर निष्ठा से सजाया गया है ।।
धंरती से अपनी दिशा लेकर अग्रसर हो जाते,,
नभमण्डल से औषधीय गुणों से,
 युक्त पादप प्रजातियां प्रजनन क्षमता जन मन जन सो मोहि
 पावा मोहि जानि शरण जन दशरथ श्रापित हुए,
 श्रवण कुमार वध अर्ध चैतन्य हुए दशरथ श्रापित बने ,,
श्रवण कुमार पूत्र वृध्दमातृपितृ के श्राप से,
 कर्म भूमि पर कारण बने रामवनवास जगत में
एक मर्यादा पुरुषोत्तम नरलीला कर जनमानस में
एक सजग और सचेत कर्तव्यपूर्ण आदर्श आधार बने।।
यही सही और सटीक कल्पना ही छाया चित्र में दिखाया गया,
 जलवा जनजीवन जनजाति और नर, मुनि श्रृषि, संन्यासी, 
वानप्रस्थी,योगी, वानर कपि भजै सदा ही जय जयमानव कल्याण ही 
जिंदगी में एक जीवंत प्रयास करें जनसेवा ही मानव सेवा है।। 
्््कवि शैलेंद्र आनंद ्
30जनवरी 2025

©Shailendra Anand  प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स success मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स
कवि शैलेंद्र आनंद

प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स success मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स कवि शैलेंद्र आनंद

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Shailendra Anand

White रघना दिनांक 29 जनवरी दो हजार पच्चीस
वार बुधवार
समय, सुबह पांच बजे
््््शीर्षक ््
्््गांव की और खेतों की हरियाली से आच्छादित कर रहे बढ़ते हुए,,
जीवन में किसानों के खैतो के बीच झरने,
और ताल तलैया तालाब नदियां से पहाड़ियों पर स्थित,
 बरसात का पानी अपने खुद जलस्त्रोत बनाते हुए।।
 झील और बावड़ियों से खेतों में अच्छी उपज और 
फलदार वृक्ष उगाएं काजू बादाम,
 और नींबू और शहद किशमिश से अपनी रूह मे खो कर दिया है ,,
और अपने कर्म का लेखा जोखा प्रस्तुत कर लिखी गई है।।
 प्रेम शब्द की कर्मकीगीता प्रत्येक जीवजगत का संसार सचं है ,,
जीवन का स्वरूप प्रत्येक व्यक्ति का आयना नज़रिया,
 सहज महज़ एक कर्म की गीता है।।यह महज संयोग नहीं है,,
व्यक्तित्व चिरित्र से कर्म मर्म समझ गई हरक्षण हरपल तैयार रही है ।।
 प्रेम शब्द की रामानुज से अपनी रूह मे खो गई,
परिणीती अपने व्यक्तित्व रामायण है।।
हरित फलित जो भी मानव जन गण मंगल दायक हो,
जो कर्म भूमि वर्चस्व पर लिखा गया है प्यारा हिंदुस्तान हमारा है।।
माना कि हर नागरिक की त्याग तपस्या खुद से खूद में खोकर सपनो में कहती हैं,,
 त्वरित निर्णय की शब्दावली में निष्कर्ष नियन्त्रण की रामायण है 
हरक्षण हरपल अग्नि परीक्षा देते प्रेम शब्द आहूति से,,
 स्वहोम करता अपने विचार कर्म की गीता से कर्म भूमि पर कागज़ कलम दवात से लिखकर 
चित्र मानव जीवन, ज्ञान दर्शन कर देख रहा हूं मैं जिंदगी का स्वरूप माना गया,,
 ईश्वर प्रदत्त विषय कर्म से भाग्य विधाता सर्वग्य भाव में निश्चल सत्य अदृश्य शक्ति दिव्यता की खोज में आंखें डुब गई।।
 मेरे जीवन की ओर समझ में आया है जो धरती पर साकार लोक में भ़मण करते हुए,,
 जीवन का चरित्र चित्रण जो कर पाया है वहीं असल जिंदगी में कारण विचार सच की मूल भावना से,
 मन को परखना तन रगड़ते रहने वाले इस पैगाम में खोकर,
 सपनो की ओर से गीता और रामायण में एक स्वर पुकार नाद प्रेम शब्द ही जिंदगी की गीता है।। 
््कवि शैलेंद्र आनंद ्
29 जनवरी  दोहजार पच्चीस,,

©Shailendra Anand #sad_quotes  मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर स्टूडेंट्स मोटिवेशनल कोट्स 
 Extraterrestrial life
कवि शैलेंद्र आनंद

#sad_quotes मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर स्टूडेंट्स मोटिवेशनल कोट्स Extraterrestrial life कवि शैलेंद्र आनंद

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Shailendra Anand

White रचना दिनांक,,28जनवरी। 2025
वार मंगलवार
सुबह  पांच बजे
्भावचित्र ्
््निज विचार ्
्शीर्षक ्
्््मुसाफिर हूं यारों में इस जीवन का जिन्दगी का आयना नज़रिया
 सब कुछ ,समय का खैला जणममरण का खैला है्््
ना सुबा ना शाम का पता है ना इस घड़ी विलक्षण प्रतिभा का अंदेशा है,,
जब तुम हो जो भी हो लगता है मेरे हो ना हो बस इतना है,,
कोई मेरा अपना इस जहान में खुद बखूद इस जगत का खुदा है।।
तेरे मेरे बीच में कोई इबादत और प्रेयर का मसला नहीं है,,
ये दिल का मामला है जो चाहे हम दोनों का दिली याराना है।।
यै दोस्ती निश्चल भाव से पुजा अर्चना का ढोंग ढकोसला नहीं है,,
हक और ईमान का वास्ता लेकर आये दिन,
 हममें रोज झगड़ा फसाद चलता रहता है।।
हम देखते नहीं है कि समय घड़ी पल क्षण घटी अंक्षाक्ष क्या है,,
दोनों का आपसी समझ प्रेम और बिछोह प्यार में आंखें निरन्तर,,
 अबोध बालक सी बात बात पर जिंदगी से जुड़ी 
और मुमकिन हो ना हो तो भी इन्सानी हक हो या फिर रुहानी रुह से,,
जस्बात वैचारिकी मंथन चिन्तन मनन करते हैं हम भाषाई आधार पर नहीं ।।
मसला है कि तू है तो देख आम हजरात में दीन दुनिया में दुखियों में यतीम बेसहारा लोगों में,,
अपाहिज तूने बनाये तेरे सजदे की कमी पेशी से छूट अता फरमाते हुए सकून फरमाते हुए।।
उनके हालात पर यकीनन रहम की गुजारिश करता हूं।।
तू मेरा है मैं तेरा हूं ना मैं तेरा कलमा पढ़ता है ना तेरी इबादत करता हूं ।।
ना ही तेरी सजदा में मूर्ति करता हूं ना कभी दहलीज पर जिंदगी में चिराग लगता हूं,,,
मैं तो दुनिया में कलम दवात कागज पर लिखकर चित्र विचित्र बात यह है।।
 यै दोस्ती निश्चल भाव से पुजा करने वाली अग्नि परीक्षा प्रेम श्रद्धा प्यार समर्पण है,,
माना कि तुम मेरे लिए कैंडल मार्च से शुरू हुई चर्च में प्रेयर से ओह माय गॉड पार्टिकल
 थ्योरी यानी कि ओह माई गॉड ऑफ में मेरी स्वरचित प्रेयर में शक्ति में वृद्धि हो
जो इन्सान कर्म में विश्वास में एक तेरा इशु से अपनी रूह मे खो कर प्यार करने वाले अहसास हो,
 प्यारा सा जीवन यै तेरे ख्यालों में खोया हुआ आनंद मस्ती छाई हुई ,,
शैलेंद्र आनंद की ओर से जन्मा विचार सच है।।
्कवि शैलेंद्र आनंद ्
28जनवरी2025,,

©Shailendra Anand #love_shayari  मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर स्टूडेंट्स Extraterrestrial life मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर सक्सेस
कवि शैलेंद्र आनंद

#love_shayari मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर स्टूडेंट्स Extraterrestrial life मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर सक्सेस कवि शैलेंद्र आनंद

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Shailendra Anand

रचना दिनांक ्27  जनवरी 2025
वार  सोमवार
समय आठ  बजे

्    ्भावचित्र ्
                  ्निज विचार ्
                    ्शीर्षक ्
          छाया चित्र में और नायक औरनायिका की        प्रेमिका की लाजवाब व्यथा कथा ्
छाया चित्र और कथानक में नजर आएंगी ,,
इस पैगाम पेश कर जो अर्ज किया ।1।
वह बहुत ही माकुल और संजीदगी से,
 अल्फ़ाज़ में मासुमियत और सहजता से स्वीकार कर देख रही।2।
। प्रेम और बिछोह प्यार करने वाले,
 अच्छे ख्यालात और एहसास में ,,
चांद से और धरती पर साकार लोक में,
 लफ्ज़ निकले।3।
 नयन सजल ढलके अक्स मोती बनकर तैयार खड़े इन्तजार में,,
 इस मानसिक तनाव और हर्ष में
 मिला जुला अस़र दिखा तो,
 मन अनमने भाव भंगिमा में 
आंखें खोल कर अपने ,
प्रेम में डुब गया।4।
         ्कवि शैलेंद्र आनंद 
27,, जनवरी  दोहजार  पच्चीस

©Shailendra Anand  मोटिवेशनल कोट्स फॉर वर्क success मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर सक्सेस
कवि शैलेंद्र आनंद

मोटिवेशनल कोट्स फॉर वर्क success मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर सक्सेस कवि शैलेंद्र आनंद

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Shailendra Anand

White रचना दिनांक ्26, जनवरी 2025,,
वार  रविवार
समय सुबह पांच बजे
्भाव चित्र ्
््निज विचार ्
््शीर्षक ्
््््हां सीते हा रघुनाथ मर्यादा ही जिंदगी और 
मौत से बड़ी यात्रा प्रारम्भ और अंत,,
 अंततः अमिट प्रेम का संविधान होता है ््््
्््
मोहब्बत का भी इन्सानी विधान होता है ्
निश्चित ही जिंदगी में एक संविधान होता है,
प्रेमी संग प्रेमिकाओं में मानसिक रूप और
आपसी समझ और रिश्ते की गहराईयों
 और अहमियत को तराशना  किसी प्रेमी प्रेमिका के,
 अपने विचार मन और आत्मा के आत्मीय संचरण का ,
रक्त संचरण से किसी जिंदगी के हीरे मोती लाल बनकर तैयार रहती,,
उम्मीद का नजारा देखने वाली अग्नि परीक्षा प्रेम शब्द से होती है्।।
,,,2,,,,
प्रेम का अनंत रुप है वह हर समय हर नागरिक मतदाता का राष्ट्र धर्म
 संविधान में न्याय में देश में आंखें खोल कर देखें सपनो में ,,
खो कर प्यार करने वाले को देशप्रेम देशभक्त वीरभूमि पर ,
प्राण आहूत करने वाले को शहीद कहां जाता है।।
देश का संविधान में न्याय की बारिकियों में मानसिक रूप से,
डाक्टर श्री भीमराव अम्बेडकर जी ने शोषित पीड़ित सर्वेहारा वर्ग 
श्रमिक मजदूर आम आदमी के जनजातीय जीवन शैली पर,
 अपना विचार देकर कहा कि इस देश में सभी धर्मों में समरुपता है,,
एक मिशन है जो धरती पर जिंदगी का एक जीवंत प्रयास ही ,,,
आदर्श आचार संहिता दर्शन मन का प्रेम गान राष्ट्र धर्म 
संविधान देश का रक्त संचरण ही सुन्दर है।।
26जनवरी 1949 को देश का संविधान लागू किया गया है 
यही सारे भारत प्रजातांत्रिक देश का स्वर्ण मुकुट धारण संविधान है।।
्कवि शैलेंद्र आनंद ्
26 जनवरी दोहजार पच्चीस ्

©Shailendra Anand #GoodMorning  मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर सक्सेस मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स
मोहब्बत नामा है प्रेमी और प्रेमिका के साथ ही जिंदगी में देश प्रेम और विश्वास प्यार आदर्श संविधान में न्याय पाओ 26 जनवरी दोहजार पच्चीस की शुभकामनाएं देते है।।
  कवि शैलेंद्र आनंद

#GoodMorning मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर सक्सेस मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स मोहब्बत नामा है प्रेमी और प्रेमिका के साथ ही जिंदगी में देश प्रेम और विश्वास प्यार आदर्श संविधान में न्याय पाओ 26 जनवरी दोहजार पच्चीस की शुभकामनाएं देते है।। कवि शैलेंद्र आनंद

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Shailendra Anand

रचना दिनांक 25 जनवरी दोहजार पच्चीस
वार शनिवार
समय सुबह पांच बजे
््भावचित्र ्
््निज विचार ्
््शीर्षक ्
।््तेरी रुहानी रुह में अल्फाज़ नगीना लिखने वाले अच्छे ख्यालात की इबादत है,,
 संविधान में न्याय पाओ मर्यादा में रहो यही सही समय की मर्यादा और प्रतिष्ठा सौगात दी गई है।।
राजनीति और धर्मांन्धता और अर्थ व्यवस्था में सुधार समरसता बहुत जरूरी है ््
पच्चीस   जनवरी  दोहजार   पच्चीस
अंक शास्त्र में 25बराबर25तारीख और साल में एक समान है।
 श्रुति स्मृति चिन्ह प्रदान देश में,
 अवाम में खुशहाली में एक विधान संविधान का आलेख सुलेखा की पूर्व संध्या पर ,
हम दिलों से पूजा करें जनसेवा ही मानव सेवा है जिसे हम गणतंत्र दिवस कहते हैं,।।
माना कि तुम मेरे लिखे शब्दों से सहमति असहमति जताते हुए ,
जनस्वीकारोक्ति निस्वार्थ भाव को नहीं नकार सकते हो।।
यही उत्तेजना यन्त्र तंत्र को मजबूत करने वाले,
 संविधान विशेषज्ञ दल में शामिल समन्वय समिति द्वारा स्थापित विचार संगोष्ठी में,
 आन्तरिक रूप से एक अन्तिरम निम्नांकित विषय वस्तु धारा नियमावली पर
 आपसी सहमति बहस में 
विचारों का आदान प्रदान करने वाली अग्नि परीक्षा स्वलेखक और सहयोगीयो में,
 एक सम निदान हेतु सेतुबंध में कुछ मन का अन्तर्द्वंद से सजाया गया जिसे हम 
अनुसरण करें अंनत आख्यान संहिता दर्शन शास्त्र ज्ञान दर्शन है।।
। तथ्यों पर विचार प्रवाह में बह निकले ध्वनि तरंगों में एक गाढे खून पसीने की पीड़ा हो,
 किसी धनवान का आयना नज़रिया जो भी व्यक्ति पहले इन्सान नागरिक हैं ।।
तदपश्यात प्रृथ्वीतले परिभ़मणं लोककल्याणं नरलीला में,
 जाति, धर्म, भाषा, सम्बन्धी कहावतें से पूजा करने वाले हो सकते है।।
जो इन्सान आज अपने विचार व्यक्त आस्था प्रकट कर रहा है,
 वह उस समय की मर्यादा काल्पनिक दशा का आख्यान व्याख्यान कर रहा हूं।
यह जग मग माया मोह ््मद से जलरंहा रहा है,,
और यह सुखद अहसास दिया गया जिसे हम देश का संविधान कहते हैं।।
यह आज का दर्शन मैं शैलेंद्र आनंद जो देख सकता हूं ,,
वह अदभुत झलकियां हकीकत में रचती बसती है ।
दीप्ति नवल किशोर मेरे दिल में दीपक कलश स्वस्तिक कुंभ राशि में 
पच्चीस जनवरी दोहजार पच्चीस की सुबह स्वागत में ,,
सुंदरता को परखना तन मन को निखारना स्वयं को पढ़कर अभ्यास से 
मन को लिखने वाले आत्ममंथन को आनंद कहते हैं।।
््कवि शैलेंद्र आनंद ्
25 जनवरी। 2025

©Shailendra Anand देशभक्ति और देश संविधान में न्याय में देश में अवाम में खुशहाली आती है  भक्ति  भाव से पुजा करने वाले अच्छे लगते 
 देश भक्ति में संनिहित है विचार सच है।

देशभक्ति और देश संविधान में न्याय में देश में अवाम में खुशहाली आती है भक्ति भाव से पुजा करने वाले अच्छे लगते देश भक्ति में संनिहित है विचार सच है।

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Shailendra Anand

White रचना दिनांक 24।जनवरी।  2025
वार शुक्रवार
समय सुबह पांच बजे
््भावचित्र ्
्निज विचार ््भावचित्र ्
   ्निज विचार ्
       ्शीर्षक ्
्मन को शांति दे और मुमकिन हो,
 प्यारा सा जीवन में प्रयास ही,
 जिंदगी का आनंद ही जिंदगी है्््
        ््््
विद, से विद्वता और ज्ञान से दर्शन,,
 और प्रेम से अन्तर्मन,मनविशाद से,
 विषग्रंथि विषगरल समान रूप है।1।
काया माया मोह ््मद से जलरंहा,
सत तज दी करम से अपनी,
रूह मे दो चार,।2।
 गुणवत्ता से परिपूर्ण बोद्धिसत्व,
किर्ति फैलाते हैबुध्दमं शरमं गच्छामि।3।
भाव पुजा अर्चना है ज्ञान रस दर्शन हैं,
कर्म पुजा करने वाले अच्छे लगते है।4।
जय जिनेन्द्र जय महावीर ने ,
सत्य अहिंसा परमो धर्म ,
कर्म गीता परम पूज्य है।5।
यही मानव धर्म विचार सच है,,
प्रेम शब्द से जन्मा आत्म मंथन,
 चिन्तन में एक स्वर पुकार है।6।
       ् कवि शैलेंद्र आनंद ्
24,, जनवरी 2025,3

©Shailendra Anand #sad_quotes  मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर सक्सेस मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स
कवि शैलेंद्र आनंद

#sad_quotes मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर सक्सेस मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स कवि शैलेंद्र आनंद

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Shailendra Anand

रचना दिनांक 23। जनवरी 2025
वार  गुरुवार 
समय सुबह। पांच बजे
्शीर्षक ्
््लेखक कवि गजलकार में लेखन स्वतंत्रता सेनानी है,,
वह किसी का गुलाम नहीं है भविष्य वर्तमान भूतकाल का भूत भविष्य वर्तमान है ,
जहां ना पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि यही मेरी कामना उत्साह उमंग उमड़ पड़ा है ,
यही कवि शैलेंद्र आनंद है ््््भावचित्र ्
        ् निज विचार ्
लेखक ,कवि ,शायर ,ग़ज़ल, नज़्म, अल्फाज़, नगीना, होते हैं,,
 वह तराशता है, दिलो से लहु की तपिश से जलकर खाक हो गया।1।
 खुद से खूद में खोकर सपनो को जलाकर तापने वाला अपना जीवन के लम्हे को आंखों की तश्तरी में ,,
अक्स से  मोती को लालस्याही  में पिरोकर अजय अमर प्रेम उजाला वह अदभुत लम्हे को लिख डाला।2।
 जो किसी राजव्यवस्था की गुलामी से कम नहीं है,,
 लेकिन वह खुद अपने विचार व्यक्त आस्था प्रकट कर देख रहा है ।3।
परतंत्र और आजाद उन्मुक्त अभिव्यक्ति अनुवाद से गध्य पद पर ख्यालात रखना,,
 और अपने स्तर पर शासन और प्रशासन देश और विदेश में आंखें डालकर बात लिखी जाना
 किसी मोत के मयत्सर से कम नहीं था।4।
वाकया यही नहीं ठहरता है लेखक कवि का आयना नज़रिया जिस्म पर जिंदगी के कोड़े इतने बरसाय के वे,,
 फिर आगे कभी लिखने का दूस्साहस भी इन्सानी हक से ना कर पाय।5।
 मगर ख्याल रखना सिर्फ कवि शायर ग़ज़ल नज़्म अल्फाज़ नगीना लिखने वाले आत्ममंथन करना आवश्यक है,,
कवि शैलेंद्र आनंद एक जीवंत पीड़ा एक लेखक कवि गजलकार व्यथा कथा दूर्र दशा पर चरित्र पल अनमोल विचार प्रवाह प्यार लिखूं।6।
 प्रेम शब्द से जन्मा विचार सच है,,
 यही मेरी स्वरचित रचनाएं में आंखों का सूक्ष्म नयन अश्रुजल बह निकले,
 ध्वनि तरंगों से जन्मा विचार सच में तेरे ख्यालों की पीडा का एक सरस्वती पूत्र का आयना नज़रिया लिख दिया गया।7। 
एक हिन्दूस्तानी लेखक कवि शैलेंद्र आनंद प्रेम जो जीना सिखाता है ,,
सच्चा धर्मगुरु जीवन हो राष्ट्र धर्म सर्वोपरि है संविधान मेरा धर्म कर्म है।8।
          ्कवि शैलेंद्र आनंद ्
23  जनवरी 2025

©Shailendra Anand  मोटिवेशनल कोट्स हिंदी प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर सक्सेस
कवि शैलेंद्र आनंद

मोटिवेशनल कोट्स हिंदी प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर सक्सेस कवि शैलेंद्र आनंद

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Shailendra Anand

White रचना दिनांक  22 जनवरी  2025,,
वार   बुधवार
समय  सुबह  छह  बजे
््भावचित्र ्
     ्््निज विचार ्
्््छाया चित्र में नीले अम्बर में एक सुन्दर छबि सुकुमार दृश्य विचार दृष्टिकोण में 
एक मानस को पढ़कर अभ्यास से संघर्षरत पुस्तक में 
रखी गई तस्वीर में नजर आते दिखाई दे रहा है ्््
शिक्षा दीक्षा संस्कार शिक्षण मानस में नजर आएंगे कथा और
कथानक में साहित्य और संस्कृति से कला और दर्शन में ,
एक सुन्दर सा जीवन फूलों से भी नाजुक सा जीवन सफल हो।
 जो भी व्यक्ति को राह दिखाने वाले इस संदेश में,,
 मन की सुन्दरता से ही आनंद दे सकता है, लेकिन इस बार
मैंने अपने आप में एक मनो दर्शन भावचित्र में उकेरते हुए,
 मन का स्व आन्दोलन से चेतना आ रही है।।
 प्रेम शब्द ही जिंदगी है। 
ऊं कार से  द्वन्द्वात्मकता रचित शब्द सूर में,,
 एकाकार हो प्यारा सा एकात्मकता समरुपता ऐकेश्वरवाद से सजाया गया  जिसे हम अनुसरण करें।।
 अंनत आख्यान संहिता दर्शन मन दर्पण प्रेम दर्शन करने वाले अच्छे लगते है ,
्भावचित्र ्
     ्निज विचार ्
          ्शीर्षक ्
     ्् ,,माया जींव अंश है ईश कृपा विधान से
        कर्म भूमि पर जातक कर्म विधान है
            मृत्यु      ् लोक में भ़मण करें
        दो शब्द से   ् लाचार है ््
,घर,आंगन, माया,गोचर,लग्न,
जेहि सब कुछ भाग्य सुफल मनोरथ,
 सिद्ध पूर्ण योग साधना प्रधान है ।1।
तपबल , ,बाहूबल साध्य साधक,
साधना प्रकृति से प्रेम करना ही जिंदगी है।2।
परम ब़म्ह कर्ममंत्र यंत्र देवत्व कलाओं से परिपूर्ण किर्ति से ,,
पूर्ण लोक योगसमाधि मोक्ष कारकं।3।
 दिव्य चक्षु से खुल गई ब़म्हाण्डभ़कूटि साध्य साधक साधना में ,
,गुरुणा ,करुणा, मंत्रणा ,,
सिद्ध मंत्र शक्ति ,दिव्यता ,कोटीश्यं नमन ।4।
दो शब्द है प्रेम ,भाव,जग,मग,माया,
सूर,नर,नाद,राग,लय, 
मैं स्वर सरस्वती पूत्र हूं।5। 
आनंद है मेरा काज है,,
 ऐं ध्वनि शंखनाद नाद से।6।
प्रेम शब्द से निकला जींव म्हारो,,
 प्राणतत्व ही पंचतत्व से बना।7।
 यह जग मग माया मोह ््मद का संसार है,,
अजीब गरीब और महान है,
 जो धरती पर साकार है ,,
और परलोक में निर्राकार है ।8।
      ्कवि शैलेंद्र आनंद ्
22 जनवरी 2025

©Shailendra Anand #GoodNight  मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर सक्सेस
कवि शैलेंद्र आनंद

#GoodNight मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर सक्सेस कवि शैलेंद्र आनंद

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Shailendra Anand

रचना दिनांक 21जनवर 2021
वार मंगलवार
समय सुबह पांच बजेपं्भावचित्र ्
         ् निज विचार ्
           ् शीर्षक ्
          ््तेरी तलाश तेरे दर पे,
       तू कहां है और मैं कौन हूं््
वाह क्या बात है सही मायने में,
सच बोल कर ईशवंदना इसी को कहते हैं,।1।
,,सुना है कि तू रज रज कण कण में है,,
लेकिन इन्सान भला कैसे समझें,
वह नित बवाल लिये खड़ा है।2।
ना मालूम है वो लफ्जो से,
 भावना से कहां खड़ा है,,
रोजी रोटी काम काज में,
 निरन्तर युद्ध छिड़ा है।3।
घर घर में तैयार वयस्क युवा जगत और
 किशोरी रोजगार में ,,
सर्वहारा पुनर्जागरण काल में,
 सत्य कोण में संघर्षरत हैं।4।
कौम, जाति, धर्म, भाषा, नहीं होती
जींव में,,
 वो निरन्तर अबोध अर्ध मानस से 
जीता जागता उदाहरण है।5।
कर्मशील सजग प्रहरी,
 कर्म में जीता और मरता है,।6।
उसका कोई नाम नहीं रिश्ता नहीं,
जिसमें परिवर्तन का कोई मतलब नहीं है।7।
क्योंकि उसकी धड़कनों में,
 जो रचता है वो बसता है।8।
तभी तो सबसे अलग अलग गुणों में,
 जींवो में जीता जागता,जिन्न ,आत्मा ,प्राणतत्व, पंचतत्व, से बना ,,
आकार ,प्रकार, निराकार,साकार,में प्राण वायु प्रतिष्ठित है।9।
यही सही समय, वक्त का,काल परिवेश ,
का आयना नज़रिया सहज महज़
 प्रेम और बिछोह, प्यार का रिश्ता ,
अनमोल मृत्यु काल ही ,,
आनंद का तकल्लुफ आनंद 
मोक्ष कारकं दिव्य चक्षु है।10।   
          ्कवि शैलेंद्र आनंद ्
21 जनवरी 2025

©Shailendra Anand  मोटिवेशनल कविता इन हिंदी Extraterrestrial life मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर स्टूडेंट्स मोटिवेशनल कोट्स फॉर वर्क
कवि शैलेंद्र आनंद

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