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shailendraanand4389
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Shailendra Anand

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Shailendra Anand

White ँंँरचनादिरात,,,२१,,,५,,,२०२४
वार,,, मंगलवार,,,
समय,,,सुबह,,,छह बजे
्््््भावचित्र शब्द चित्र खिंचती हुई मनोदशाएं ्््
्््््
छाया हो जब प्रतिछाया के प्रतिबिंब में मानसिक हलचल अंतर्गत आपकेपोस्ट में विराजित आत्मवायु आत्मप्रेम आत्मसात आत्माओं का स्वरूप में मानसिक बदलते परिवेश में भ़मण करते हुए हजरो जीवन लीलाओ को काल का गास बनाती है।।
््््््निजविचार ्््

 की घनघोर अंधेरी रात में
 भंयकर डरावनी किस्से और कहानियां से
 नगर गली पगडंडियों पर महलों में खण्डहरो में चित्र विचित्र बात है,,
 जिन्दगी नामालूम दहशत की अलग पहचान बनाई हुई
सोच पर ताले लगे हो घटनाओं से अवगत है।।
हरघर की चौखट पर जिंदगी के लिए हर दिन एक सवाल है,,
 समझना चाहिए क्योंकि इससे अचानक लफ्जो से जन्मा 
आत्माओं का परिभ़मण जनमानस के रहवासियों ने दिल में
 दर्दनाक कहानी और पिछली घटनाओं से अवगत करवाया गया है।।
अपनो के जीवन से बिछडे मन में वो मलाल है,, 
हर कुछ लगन से कार्य करने वाले लोग अवश्य ही 
कुछ यादगार पड़ावों पर ख्यालात की मजलिसे
 एक दुसरे से बंया करते मिल जाते है।।
लेकिन इन्सान उन घटनाओं से अवगत होकर
 सम्पूर्ण जीवन में सजग होकर अपना स्वभाव मानस में
 नजर आएंगे नवपीढियो को राह दिखाने वाले वचनों से
 सचेत रहें ऐसे प्रयास करते रहते है।।
क्या वास्तव में आत्माओं से अकाल काल की ग़ास बना
 जो आज की मनोचिकित्सक का रोगी हो सकता है ,,
लेकिन इन्सान के बस में जे मानसिक पीडा का निदान नहीं है।
लेकिन इन्सान चिकित्सा संबंधी राहत से निरन्तर प्रयास में गतिशील रहता है,,
वह अन्तिम क्षण तक सदैव प्राण रक्षा करने में सक्षम प्रयास करता है।।
लेकिन उम्मीद पर दुनिया कायम है और यह सुखद अहसास में मानसिक बदलते परिवेश में विचरण करते हुए जीवन सफल बनाएं।।
्््््कवि शैलेंद्र आनंद ्््
२१,,,५,,,,,,२०२४,,,

©Shailendra Anand #election_2024
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Shailendra Anand

White रचना दिनांक
््््२०,,,,५,,,,२०२४
वार   ्््सोमवार
समय सुबह ्््छह ््बजे
््््निजविचार ्््
््््छाया चित्र में भावचित्र खिंचती मुखपृष्ठ स्क्रीन पर आकाशगंगा मे
 बैशाख मांस में सूर्य का रौद्र रूप बलवान शब्द चित्र में भावचित्र खिंचती हुई
घटनाओं से भावचित्र खिंचती हुई खगोलीय स्थिति में
बादलों से घिरा हुआ चुभता हुआ खरा तपन ज्वाला से 
चढाव और उतरना हवाओं से संवाद स्थापित जल मिश्रित कर देख रहा है 
राहत मिलती कुछ लगन से कार्य करना आवश्यक है ्््््

आ रही है भाग्य से मिलता जुलता प्राणी में एक अत्यंत ही सुन्दर छबि
 मनोमय प्यारी सी खुशबू से महक रहा है,,
और जहां ईश कृपा प्राप्त हो जाती है
वहां चाह रहे मंगल प्रवेश भव्य स्वपन प्रेरणा ही सुन्दर छबि है।।
जनजीवन की ओर से जन्मा आत्म मंथन प्रगति पर जिंदगी में,,
 एक स्वर पुकार शंखनाद आत्मप्रेम आत्मसात करने वाले
 लोग अवश्य ही आनंद दे रहे है।।
,,अनंत शब्दयोग में शब्द सार अनंतकोटी मनस्वी से
 अपनी आत्मसंष्लेशन वायु से ध्वनि संधान निजप्रयोग विभिन्न क्षेत्रों से
 आए भिन्न भिन्न अवधारणा से बने मानस का समायोजन
 किसी सतह पर विचार चेतना मंत्र शक्ति दिव्यता कोटीश्यं प्रमाणितं साक्ष्य 
से मंत्र का उदगम स्थान मन और वाणी विवेक होता है।।्््
इन  मंत्र  सृजन में एक स्वर नाद और अध्यात्म से ध्यान केंद्रित योग साधना तपस्या अभ्यास से मंत्रो को पर्व विशेष तिथियां पर ,,
सिद्ध प्रयोग शब्द न्यास अभिमंत्रित करके अपने कर्म से ही 
आनंद परोपकार और अन्य प्रयोजन में मंत्र संधान करते है।।
््््््््कवि शैलेंद्र आनंद ्््
२०,,,,५,,,,२०२४,,,

©Shailendra Anand #sad_quotes
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Shailendra Anand

White ्््रचनादिनाक ्््१९,,,५,,,,२०२४,,,
वार,,, रविवार,,
समय,,,,सुबह,,छह बजे
््््निज विचार ््््
््््छाया चित्र में भावचित्र खिंचती मुखपृष्ठ स्क्रीन पर फ्लाइंग एयरलाइंस फ़ोर्स
व्दारा प्रशिक्षण शिविर आयोजित अभ्यास करते हुए
 हवाई फ्लाइंग मिशन नेशन फर्स्ट लुकआउट प्रायोजित शिविर
आयोजित किया जाता रहा है्््््
आकाशीय एक्सरसाइज पैरामिलिट्री फोर्स सर्विसेज प्राइवेट और शासकीय संस्थान में दैनिक जीवन में कुछ बदलाव और मनोवैज्ञानिक प्रभाव से 
 खिलखिलाते चेहरेनभमण्डल से अपनी बात को लेकर खुश रहना सिखो और फ्लाइंग क्लब एयरलाइंस मैथड गेम्स और आर्मी एयरफोर्स में मानसिक रूप से चलित अभ्यास करते हुए अभ्यर्थियों में जोश खरोश हौसला बढ़ाया जा रहा एक रुटीन अभ्यास है ।।
एयरफोर्स व्दारा समय ्समय पर एयरफोर्स पर्वता रौहण युद्ध अभ्यास लाइव विडिओ कान्फ्रेंस व्दारा और सैन्य सैनिक अभ्यर्थियों को अभ्यास करवाया जाता है।।
ठीक युद्धपोत में जलीय समुद्रीय सैन्यकर्मियों के
व्दारा जल युद्ध पोत तैनात अभ्यास से एयरफोर्स से
 जलपोत में दूश्मनो के मन्सुबो को धाराशायी करना भी
 सूक्ष्म सोच एक मिशन सैन्य सैनिक अभ्यास होता है।।
आज शासन और प्रशासन आर्मी में तीनों जल सैना थल सैना
।। वायु सेना में कई‌ बदलाव दैखे जा सकते है।।
यही देश में बदल रहे परिवर्तन शील मंगल मिशन
 नेशन फर्स्ट लुक लॉन्च प्रोग्रामिंग मिशन नेशन होते रहते है।।
्््््कवि शैलेंद्र आनंद ्््
१९,,,५,,,,,२०२४,,,

©Shailendra Anand #Sad_shayri
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Shailendra Anand

रचना दिनांक,,,,१८,,,५,,,,२०२४
वार,,,,,, शनिवार
समय घड़ी क्षण में सुबह,,, ,,,,पांच बजे,,,
््््््निजविचार ्््््
छाया मार्तण्ड कर भुषणं त्वमं नमामि शनिश्चराय नमः,,
देवादि देव समय घटी पल क्षण में परिवर्तित हो
सुफल मनोरथ सिद्ध दायक गृह दायित्व नक्षत्र में हुआ है।।
आपका छायाचित्र कि अचानक लफ्जो से भावना से मन से जन्मा विचार 
सच में ही आनंद दे रहे है जो कुछ भी है ,,
मेरा गुरु गुरुवर्य आराध्यमं परंपरा के साथ 
कोई भी कारज प्रभु मूरत शं शनैश्चराय नमः ।।
शैलेंद्र जोशी की राशि भाव में मम राशि कुंभ में डुबकी लगाई है,,
 आप और दीघार्यु आयुष्यमान कलाविद शब्द शिल्पी कलमकारों में
 प्रेम गान प्यार दर्शन करने वाले अच्छे हो 
आप मेरे मित्र राशि में गोचर से भावना से प्रेरित होकर ईश्वरीय वरदान में 
आकरगंगा दशहरा दशमी तिथि पन्द़ह जून उन्नीस सौ सितानवे में 
कन्या ््गंगादशमी पर मंगल भाव में निश्चल स्थित है ।। 
समय चक्र में स्थित एक भाव में निश्चल सी बात है,,
जिन्दगी में भरोसा दिलाया सदा सुखी जीवन व्यतीत हे 
प्रभु मूरत देखी तिन शं शनैश्चराय नमः।।
रविवासरे सुर्य नमस्कार है भद्रकाली कपालिनी नमामि शनिश्चराय ऐं ध्वनि मैं क्लीं चामुण्डायै विच्चै नमः,,
 शिवाय ॐ नमः आनंद मूर्ति प्रेम भूषण प्रतिष्ठा ज्ञान दर्शन मार्गदर्शन करते है।। 
आप और आपके सदविचार ज्ञान दर्शन में स्वत संज्ञान में लेते है ,,
आप मेरे मित्र भाव भावना से काम प्रेरित होकर ईश्वरीय वरदान 
अतुल कुमार जैसे प्रवक्ता वाक्चातुर्य से जन्मा विचार सच है ।।
मेरा पूरा जीवन ही जिंदगी में मानसिक हलचल और धन भाव अभाव में लेकिन सूखद परिणाम कुल घोषित न्याय पाओ,,
 लक्ष्मी जी प्रसन्न हो का न्यास एवं धर्मस्व सलाह देते शनिश्चराय नमः आपके अदभुत अनुकरणीय वन्दंनीय भाव चित्र में दिखाया गया।।
 जिसे हम सरस्वती और गंगा अवतरण और संगलक्ष्मी का सान्निध्य साधना साधक,, साधना में तपस्या से प्रसन्न होकर ईश्वरीय शक्ति वर्धक प्रतिक्रिया व्यक्त देते
श्री शिवाय नमस्तुभय्मं में प्रेम और उदारता से जन्मा विचार सच है।।
यही सही समय क्या है माजरा सत श्री काल भैरव तंत्र बगलामुखी साधना तपस्या खुद से चाल चरित्र से सजाया गया मां विंध्यवासिनी देवी भवानी सिंह वाहिनी शीतलेश्वरी देवीभ्यों नमः,,
आपका प्यार करने वाले आपका स्वागत है
 तुम्हारा नवागत से भावना से मन प्रसन्न हो 
यही मेरा मार्गदर्शन करें यही अभिलाषा है।। 
्््््कवि शैलेंद्र आनंद ्््््
१८,,,५,,,,२०२४,,,

©Shailendra Anand
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Shailendra Anand

White रचना दिनांक १७,,,५,,,,२०२४
वार ््््शुक्रवार

समय,,,सुबह दस बजे
््््निजविचार ््््
आपके सदविचार प्रेरणादायक उद्धरण से जन्मा है
 मेरा जन्म दिवस की शुरुआत और शुभकामना संदेश से
 शुभचिंतक सज्जन के अमिट प्रेम शब्द ही महासागर है 
जो धरती पुत्र कर्मवीर मानस शैलेंद्र आनंद आपका कृतज्ञ हूं 
मैं जिंदगी में जीवन फूलों से अच्छादित छाया चित्र में
 भावचित्र खिंचती मुखपृष्ठ पर जिंदगी लाजवाब है ्््


नगर में हों या निश्छल पहला प्यार लिखूं
 प्रेम शब्द से ही आनंद है बधाई ❤️❤️❤️ में एक स्वर में 
प्रेम गान प्यार करने वाले अच्छे लगते है ।।
माना कि तू क्या जाने इतिहास बेचारा क्या है
माजरा सत सत में एक बार फिर मिलेंगे दूआओ से साक्षात्कार करवाता है,,
अपने आपसे पूछो मैं क्या करूं और क्या हूं
 खुद से खूद खडा सवाल संवाद करना ही जिंदगी की बड़ी चुनौती है ।।
आज चेहरे पर जिंदगी के कर्तव्यों और दायित्वों से अपनी
भय और चिंता खोफ से अपनी रूह मे खो कर देख रहा था
 वक्त और हालात के दौर में विविध रूप में जीवित प्राणतत्व से
 अपनी रूह मे खो कर डुब गई मेरी पहचान 
और साथ ही जिंदगी को बेहतर बनाने से
 पहले इन्सान को इन्सान समझना जरूरी है
आज मैं आपको बता दूं कि मेरी स्वरचित रचनाएं अब भी
आत्म मंथन और अपने विचार सपनो को
 साकार स्पष्ट रूप से एक जीवंत कलाकृति होती है।।।
हम खोज वैचारिक मतभेद प्रतिबद्धता प्रखरता से उभरकर आई
 वैचारिक क़ांन्ति के मनोवेग तत्वरित करने से,,
 जन्मा विचार सच है जो तात्कालिक नहीं दीर्घकालिक होती है।।
यही स्वरूप है शिवतत्व में आनंद बोध है शैलेंद्र आनंद का,,
यही शुभकामना संदेश है ््््््निजविचार में
 एक जीवंत हो प्यारा सा जीवन में
 एक बार फिर मिलेंगे दूआओ मैं याद रखना जरूरी है।।
्््निजधिचार ्््््कवि शैलेंद्र आनंद
१७,,,५,,,,२०२४,,,



 अपनी रूह को कंपकंपा देने वाली अग्नि परीक्षा से भय खोफ में

©Shailendra Anand #flowers
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Shailendra Anand

White रचना दिनांक १६,,,,,,,५,,,,२०२४,,
वार,,,,, गुरुवार
समय सुबह छह बजे
्््््निजधिचार ्््
उंगलियों के पौर में रेखांकित रेखाओं का लेखा जोखा है
शब्द न्यास कर्म से ही  हूं इस रचना में रहती हूं ्््
किस्मत की बनती बिगड़ती धड़कनों से 
अपनी रूह मे खो कर प्यार करने लगा
 भावचित्र खिंचती मुखपृष्ठ स्क्रीन शब्द चित्र 
प्रेमपत्र उपहार मुसाफिर हूं ।।
यारों क्या कहना इस जीवन का जिन्दगी का,,
 एक पल भी हो सकता है ।।
सफर तय किया गया ईश्वर ने पहले इन्सान बनाया है,,
अन्तिम परिवर्तन रुप स्वरूप स्वर पुकार शंखनाद है।।
अटल सत्य सनातन विचार सच में
सुंदर छबि में प्रेम रस रसायन है ,,
मैं तो समय घडी की घटित हुई
 कल्पना से ही एकमात्र विकल्प है।।
यही दशा एक व्यक्ति उंगलियां से
 अपनी ओर खींच लेता है,,
जाने अंजाने उन गलतियों को परखना भी बड़प्पन है।।
हमसे जुड़ें हमसे तुमसे प्यार करता है 
तो देश दुनिया सुनती है,,
 देखती है तो वह जुनून है कि हर साल एक जीवंत प्रयास करें
 जनसेवा में जीवन समर्पित कर देख रहा हूं।।
आंनद सफर में हमसफ़र जुड़ते जाते है प्रेम शब्द अंततः रह जाता है
यह जन्मदिन है शैलेंद्र आनंद का प्राण न्यौछावर करने को तैयार हूं।।
यह मिट्टी का घरौंदा थोड़ी सूख दुख की
 बैशाखियों पर एक नया आयाम दिया गया है,,
ईश्वर सत्य है इन्सान को इन्सान समझे मुझे इस लायक बनाये
 ताकि मैं जिंदगी में किसी के लिए अपना सर्वस्व खो कर
 प्यार करने वाले अच्छे ख्यालात रहे
 मेरे मित्र जीवन के सपने साकार हो
 प्यारा सा जीवन फूलों से सजाया गया है।।
्््््कवि शैलेंद्र आनंद
१६,,,,५,,,२०२४

©Shailendra Anand #love_shayari
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Shailendra Anand

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©Shailendra Anand
  #good_night
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Shailendra Anand

White रचना दिवस ्््१५,,,,५,,,,२०२४,,,,
वार,,,,, बुधवार
समय हंस है ््््सुबह  छह  बजे
््््््ऋऋनिज विचार ्््््
्््््छाया चित्र वीथिका में सौर मण्डल में सौन्दर्य लहरी गगनमण्डल से
अपने पराये में नहीं आते है चमचमाते शीशे की तरह पारदर्शी तरीके से
सत्य धवल चांदनी रात में चंन्द्रमा की किरणों से शीतल हवाओं की मंद मंद
ध्वनि से स्वहोम आरोह अवरोह में सूरनाद घटप्राण में
 स्वहोम करु इस मन को शांत कर देख रहा हूं ््््
सम्पूर्ण जीवन में आदि अनादि कल्पनेश्वराय लोक में भ़मण करते
 आकाशीय पिंड उल्कापिंड से नभ चल मैं राशि गुण निर्गुण सगुण
 निर्राकार आर्य अनार्य में योग साधना तपस्या खुद मैं,,
 ईश्वर सत्य को पढ़कर अभ्यास करते हुए सत्य को खोजना ही
 आनंद कोष में बुध्मं शरणं मम में एक स्वर पुकार
नाद में ।।
एक पंथ का स्वरूप में स्थापित विचाराअग्नि नकारात्मक ऊर्जा का
 मन से समूल ध्यान में नज़र आये आत्मप्रकाश से सत्यार्थ प्रकाश में,,
 अनेक अनेकानेक अध्यात्मिक दर्शन मार्गदर्शन 
और तथ्यहीन मूद्दे पर शास्त्रार्थ कर सकते है।।
आज शक्ति और वरदान ब़म्हनाद वैदिक मंत्र त्रच्चा से अमोध शक्तियो में,,
 अनेक अनेकानेक अध्यात्मिक ज्ञान दर्शन का स्वरू 
प स्व अर्जन कामना काम्य अहंम भाव केवलमं में।।
मानव कल्याण स्वनिज भाव से आत्मकमल में
 स्वपराग कण में   ओज तेज से जन्मा बम्हकमल में ,,
योगनिष्ठ भाव से एक खोज सत्य सनातन विचार सुंदर का उदगम स्त्रोत है।।
 चांद की तरह पूर्ण कालिक आज्ञा चक्र में स्थित योगिस्थ होक
र कूण्डलिनी जागृत कर समाधिस्थ हो कर प्राणतत्व से,,
 अभ्यास करते हुए प्राण वायु को सर्ग और उत्सर्ग करने वाले
 अभ्यास ही ध्यान योग योगासन साधना तपस्या है ।।
यही जीवन का कमंयोग चित्रण आनंद रुप योग साधना चिकित्सा औषधि है।।
््््््््
्््््कवि शैलेंद्र आनंद ््
१५,,,,,५,,,,२०२४,,,,,

©Shailendra Anand #election_2024
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Shailendra Anand

White रचना दिनांक 14,,,,5,,,,,,2024,,,,
वार,,, मंगलवार
समय दोपहर।  ,,,, चार बजे
्््््निज विचार ्््््
्््छाया चित्रण किया गया है सहज सुन्दर छबि में प्राकृतिक रूप से एक 
आकाशीय पिंड उल्लासित हो
 प्यारा सा जीवन फूलों से भी अधिक सूक्ष्म सोच पर निर्भर करता है््््््

जलतंरंगनी नभमण्डल में अच्छादित है तारामण्डल से अपनी सुन्दरता से 
सूरम्य आकर्षित करती है जनमानस की नज़र से देख रही है ,,
प्रेम शब्द ध्वनियां सुनाई दे रही है और यह सुखद अहसास हुआ है ।।
दिल से और हकीकत में निखरती जा रही है मधूकामिनी से
 चहचहाहट से पक्षियों का कलरव करते है ,,
नदियां सागर के किनारे फुदकती रहती है
 पक्षियों के झुंड से सजाया गया है।। 
धरती पर साकार लोक सेवा में मानव जीवन ही
 जिंदगी में आनंद हो प्यारा सा जीवन में एक स्वर पुकार नाद है
दिल की आवाज सुनाई दे धड़कनों से अपनी रूह मे 
खो कर प्यार करने वाले लोग भी इन्सानी मानस में
 शास्त्र और अध्यात्म में एक जीवंत कलाकृति होती है।।
ईमान लिखूं प्रेम में अटूट आस्था हऔर यह पसंद जीवन में ए
क बार एक राह दिखाने वाले अच्छे ख्यालात रहे यह सुखद अहसास हो रहा है।।
यह प्रेरणा से जन्मा विचार सच तो ये भी हो सकता है और यह सुखद ओ तेरी कसम से सजाया गया है।।
्््््््कवि शैलेंद्र आनंद ्््््
14,,,,5,,,,2024,,,,

©Shailendra Anand #emotional_sad_shayari
5202d4dc0755852d26f899f4b703dc8a

Shailendra Anand

White रचना दिनांक 13,,,5,,,,2024,,
वार,,,, सोमवार
समय सुबह सात बजे
्््चित्र बहुत सुंदर है त्राकृतिक सौन्दर्य लहरी से
 छाया चित्र बहुत ही सुन्दर छबि मनोमय प्यारी सी लगती है ्
््््््निजविचार ््््
यहां पर एक सुन्दर सी ऐसी अध्यात्मिक ज्ञान दर्शन
करने वाले मन   का विषविमन काया माया तन की बाती 
मनोभाव का स्वरूप भी मन की अंगेठी पर ख्यालात की पहचा
न छौड़ कर देख रहा हैईश्वर सत्य का सदविचार ईश्वरीय शक्ति वर्धक लेख आलेख उल्लेखनीय शब्द चित्रप्रेमपत्र उपहार मुसाफिर के जीवन बन गई तस्वीर 
बन गई गीत सुनहरे पल में गाकर सुनाते हुए 
चांदनी रात में निखरती जा रहा है।
ख्याल अपना अभिमत आत्म सम्मान से सम्मानित किया गया है,,
वह क्षण भर में हमारी उपस्थिति का क्षण वो लम्हे यादगार बन जाते है।।
अगर हम किसी वज़ह से वह क्षण छुट जाते है,,
 वह कसक सी बात दिलचस्प बन जाती है।।
वह अहसास को महसूस करते रहते है,,
परन्तु समय लौट कर नहीं आ सकता ह।।
खुशियों और गम के प्यालेवो लफ्जो के तीर बेधते दिल
 में टीस बनकर दिलों में हर क्षण याद रहते है।।

्््कवि््शैलेन्द़ आनंद ्््
13,,,5,,,2024

©Shailendra Anand #summer_vacation
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