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shailendraanand4389
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Shailendra Anand

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Shailendra Anand

White रचना दिनांक 25,,,4,,,,2024,,,
वार,,,,, गुरुवार
समय सुबह नौ बजे
्््््छाया आस्था अंन्आस्था प्रतिक्रिया से चित्र बहुत विचित्र है,,
 अन्नपूर्णा अन्नंअनामय में विराजित विन्ध्येश्वरी पर्वतीय क्षेत्रों में विघमान है ्््
्््निज विचार ््््
भावचित्र शब्द से शब्दों का स्वरूप ज्ञान दर्शन है ,,
 ईश्वर निर्राकार प्राकृतिक सौंदर्यता बिखेरती नजर आ रही है।।
 प्रेम शब्द और वनसंपदा जड़ी बूटियों से लता पत्रादि में विराजित,,
 मां अन्नपूर्णा अन्नंअनामय में आराध्य देव श्री धन्वंतरी ने 
पर्वतीय पादपजडीं जलीय जीवन जीवं से जन्मा आत्म मंथन प्रगति 
आयुर्वेद चिकित्सा संबंधी ज्ञान चक्षु योग साधना तपस्या खुद मैं खोकर
 प्राणियों को जीवनदायिनी प्राणसुधा में स्प्दि में विराजित है इससे।।,,
 अन्नपूर्णा अन्नंअनामय में संपूर्ण विश्व में 
शब्द चित्र बहुत सुंदर खिंच कर देख रही है।।
  प्रेम संबंध पल अनमोल विचार सबक सिखाना तन मन की सुन्दरता को,,
 परखना चिकित्सा से उपचार रोग का निदान निकालता ही जिंदगी है।।
।नील अम्बर में से सूर्य किरणों से धुप स्नानादि से 

प्राकृतिक चिकित्सा,,
और वायुमंडल में बादलों और जल का संमिश्रित वायु से घनघोर संन्सर्ग से 
कड़कड़ाती ध्वनि प्रकाश और ऑक्सीजन और हवाओं का तेज संचरण से
 जल विद्युत और जलवृष्टि से जन्मा जलचिकित्सा विज्ञान है।।
वन जंगल वन्यजीव में केशर कस्तूरी मृग में गाय का दुध और 
अनेकानेक रीतियां से रोग उपचार में एक जीवंत कलाकृति होती ह
््््््््््
कवि शैलेंद्र आनंद ््््
25,,,,,अप्रेल,,,,2024

©Shailendra Anand #mountain
5202d4dc0755852d26f899f4b703dc8a

Shailendra Anand

White रचना दिनांक 24,,,,4,2024,,
वार बुधवार
समय,,सुबह पांच बजे
््््छाया आस्था और चिंतन में एक स्वर में प्रेम और उदारता और सहानुभूति और
 अपने प्रयास को पढ़कर अभ्यास करते हुए स्वरोजगार योजना में 
अधिक से अधिक लोगों को शासकीय योजनाओं का सामुहिक रूप से््््््
 जीवन स्तर उठाने वाले अच्छे ख्यालात रहे ्््
््््भावचित्र ््््निजविचार ्््

शीर्षक निरोगी हो प्यारा सा जीवन हर हाथ को काम मिले 
सबको रोजगार उपलब्ध हो तभी सच्चे अर्थों में अक्ल शक्ल में 
सामने आई हर पल हर क्षण में परिवर्तित हो
 शासन में शासकीय स्तर पर रोजगार और निर्माण में 
एक जीवंत कलाकृति होती है ।।
यह मिशन नेशन फर्स्ट लुक टाईम्स सहारा से जन्मा विचार सच में प्रजातंत्र का मूल स्वभाव में 
राजनैतिक दल के वैचारिक घोषणा पत्र में संवैधानिकता से मूल मूद्दे मंहगाई पर लगाम लगाने वाले ,,
आत्ममंथन वैचारिक क़ांन्ति नायक विभिन्न विपक्षी दल या सत्तापक्ष सत्ता में
 आने पर घोषणा पत्र जारी को संवैधानिक दर्जा प्राप्त घोषणा पत्र जारी दर्जा होना चाहिए
ताकि आम नागरिकों को स्वच्छ सन्देश दुनिया में आम जनमानस में 
एकात्मकता रामराज्य सा लोकतंत्र को मजबूत करने वाले अच्छे ख्यालात रहे।।।।
यह दोस्ती निश्चल भाव से संयुक्त रूप से जीवन में एक जीवंत कलाकृति होती है।।ं
हम सब जन लोकपाल विधेयक पर चर्चा हो सकती है,,
लेकिन हकीकत में बदल नहीं सकते क्योंकि भारत प्रजातांत्रिक देश के 
जनप्रतिनिधियों में लोकपाल विधेयक बिल पर देश के प्रमुख को भी निश्चित रूप उसके दायरे में 
लाया जाने वाला पारदर्शी तरीके से स्वच्छता शुचिता का नाम है लोकपाल विधेयक बिल पास हो।।,,
आज चेहरे पर लगाएं कुछ ही दिनों में एक राजनैतिक पटल पर सुर्खियां पा रहे
,, देश का प्रत्येक व्यक्ति पूजन में अपना संवैधानिक अधिकार प्रक्रिया मूल्यों का शैनै शैनै 
उस समय क़िया क़ियात्मक तथ्यों पर आधारित मूद्दे जनहितकारी होने वाले कल्याणकारी योजनाएं
 कारी कारी कदम उठाए गए कदमों से से जन्मा विचार स्थायित्वता प्रदान करती है।।
मतदान और मतदाता जागरूकता और अपने विचार 
और व्यवहार संस्कार कथन सच्चाई दैनिक जागरण जीवन 
और देशहित राष्ट्र धर्म सर्वोपरि होना चाहिए यह प्रत्येक व्यक्ति का
 जनहित में एक समय से कुछ षल देश सवा में परोक्ष रूप से जनकल्याण
 और मानवता पर जिंदगी में मानसिक रूप से जूटे रहे यही आज के दौर की आवश्यकता है।।

्््््््््््
कवि शैलेंद्र आनंद
24,,,,,,4,,, अप्रैल,,,,,,2024,,,

©Shailendra Anand
  #Dosti
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Shailendra Anand

hanuman jayanti 2024 हूंनु ्मंन्तैय नमः मारुति नंदन सुनंद पुत्र कर्मवीर मानस अन्छन्नी नंदन जय हो


्््शैलेन्द़ आनंद आनंद

©Shailendra Anand #hanumanjayanti24
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Shailendra Anand

21,,,,4,,,,2024
वार रविवार
शाम सात बजे
््््््छाया चित्र में भावचित्र खिंचती मुखपृष्ठ पर ख्यालात रहे है
 आज चेहरे पर जिंदगी मुसाफिर की तरह मशगूल है
 सफर जीवन का कमंयोग रथ का नाम ही जिंदगी है््््््
््््निजविचार ्््््
महज महक रही है
दिल से दिल के‌ कायल किस्से महज कुछ लगन है
 प्रेम और खुशी के बीच इच्छा शक्ति की परिभाषा
जगत में ललक और अभ्यास ही नहीं
 बल्कि यह भी सच की खोज वैचारिक वैज्ञानिक
 आधारभूत ढांचे की ही संवरचना ही आनंद का
मौलिक चिंतन में एक स्वर पुकार नाद में ।।
ऊं कार सूरनादू में ओरमानसिक बदलते परिवेश में
 रंगा रंग लाई जा रही है ,,
प्रेम शब्द भाग्य नमन वन्दंनीयश्रधदानत वंदना से जुड़े
 एक सवाल पर कभी कोई प्रश्नचिन्ह लगा देते है ।।
हम दिलों से पूजा करने वाले लोग अवश्य ही
सुन्दर मन की सुन्दरता में दरशणात मन को तराशते तन का पिंजरा ,,
ढोलक बनकर बजाने वाले आत्ममंथन मन का दर्पण होता।।
 स्स्वच्छ और पवित्र रिश्ता है,,
 तन का पिंजरा और मन की ढोलक पर थाप देते 
सूरताल पर आलाप कर सूरो को सांज में।।
करुं पदपखारन मैं मेरे मनमंन्दिर में संसार में एक स्वर मेरा मिला लो,,
 ज्ञान दर्शन में समर्पित है तन मन है चंचल शौख में वीणा बनकर दिलों में मेरी।।
््््््
कवि शैलेंद्र आनंद
21,,,, अप्रैल,,,2024,,,

©Shailendra Anand
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Shailendra Anand

White रचना दिनांक 20,,,,4,,,2024
वार,,,, शनिवार,,,,
समय दोपहर,,,,,, तीन बजे
,,,,,,,,,छाया चित्र में भावचित्र खिंचती मुखपृष्ठ पर छाया आस्था अंन्आस्था प्रतिक्रिया से ,,
अनजान मुसाफिर हूं,,,,
 राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता बनाए रखना ही सद्बुद्धि यज्ञ पूर्णाहुति है।््््््
््््निजविचार ्््
राष्ट्र धर्म संविधान में न्याय में देश को
 एक महापर्व प्रजातांत्रिक प्रणाली से,,
अभिमत आत्म विश्वास की कसौटी पर लोकतंत्र में 
मतदाता और मतदान ही महादान सर्व श्रेष्ठ विधान है।।
जन जन मानस में अपने विचार का एक बड़ा मिशन राष्ट्रीय
नेतृत्व में जन आंदोलन राह दिखाने वाले इस देश को

©Shailendra Anand #VoteForIndia
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Shailendra Anand

White रचना दिनांक ्््19,,,,4,,,,,2024,,,
वार,,,,, शुक्रवार 
समयकाल,,,,शाम,,,,,,सात बजे
्््,,,, निज विचार ्््,,,
्््््छाया चित्र में भावचित्र खिंचती मुखपृष्ठ स्क्रीन पर नभ मण्डल में ,,
असंख्य आकर्षणों और अपने आप झिलमिलाते तारे टिमटिमाते तारों में 
नीलगगन में रात्रि कालीन विचरण करने वाली प्राकृतिक सौंदर्यता बिखेरती नजर आ रही
अग्नि में जल प्रकाश वायु नभमण्डल में पिण्ड उल्कापिंड नक्षत्र से युक्त काल गणना ही आनंद में विचरण करने वाली््््््

 आकाशीय पिंडों में सकल सृष्टि जीवं ईश्वरंकर्म से जो भी हो वह जुनून ही सुन्दर है,,
 तन मन से लोक जनमानस में एकात्मकता सृजन करआत्मज्ञानी स्वप्रकाश वाणी से 
अपनी रूह को राह दिखाने वाले अच्छे ख्यालात रहे है।।
जहां दर्शन ईश कृपा वंदना में खोकर डुब कर मनोभाव पढ़ कर
 सच्चाई का आयना नजरिया जिंदगी की बड़ी से जन्मा विचार सच है।।
 बड़ी मात्रा में एक पूजा कर एक दिव्य पूजा ही
आनंद लोक मंगल करण कृपाल श्रीधरण में मानसिक रूप से जन्मा विचार सच है यही दर्शन ही सुन्दर और सार्थक है जो धरती पर साकार लोक में भ़मण करतीअदश्य रुप में आंखें डालकर अच्छे ख्यालात अच्छे से प्रकाश डाला गया है।।।
्््््
कवि शैलेंद्र आनंद
19,,,, अप्रैल,,,2024,,,

©Shailendra Anand #Night
5202d4dc0755852d26f899f4b703dc8a

Shailendra Anand

White रचना दिनांक,,,,18,,,,,4,,,,,,2024,,,
वार  ,, गुरुवार
समयंकाल,,, प्रातः,,4,,00  बजे
 ्््््््््
््््््निज विचार ्््््
छाया चित्र शीर्षक ्््भावचित्र में छाया चित्र है
््््््सुबह उदित हे सूर्य बादलों से घिरा हुआ रमणीय दृश्य 
दृषयावलोकन सौंदर्यता बिखेरती नजर आ रहा है ््््
््््््
चंद चित्र लफ्ज चंद सवाल संवाद मेरे जेहन से,,
 संवाद का सिलसिला शुरू मेरी नब्ज टटोलने लगे ,।।
तो मैंने उसे अपने विचार से ही आनंद दे,,,
 यही मऩोभाव में ही आनंद की सिन्दूरियां ,,
किरणें निकलती गगन में अमर ज्योति प्रकट हुई ।।
मां भारती तेरी याद में,,
 ये आस्था के फूलों से बैशाखियों सा पर्व 
भांगडा करते  सिक्खं नर नारियों में
 उल्लास जोश से भरे करतारपुर से ।।
शबद अनमोल वचन गुरुद्वारा,,
 श्रीसंत नानकणां गुरुवाणी नानकणां में
 बसया प्रेम और विश्वास का लंगर चलते रहे।।
सत श्रीं काल वाहेगुरु वाहेगुरु जी
 गुरु गोविन्द सिंह जी महाराज ने 
शहीदों के ताने बाने में स्वहोम से देशभक्त णा,,
 सकल पंच तत्वों ने सिक्खों णां पंजप्यारा सेवादार  
मियों के फौज संगत कीर्तन करतेसच नामणा
 सकल जगतणां सिक्खों का एक बड़ा सा
 जीवन जथ्था कारज जानत है।।
देश भक्ति भाव से लहू वरण करते देशप्रेम में,,
अपणा सब कुछ गुरुणां तण मण बाजरे दी मुट्ठ से
 अपनी रूह को राह दिखाने में एक अलख जगाई है।।
कूरबानियों में राष्ट्र धर्म कर्म सर्वोपरिता का
पाठ सबक सिखाना ही जिंदगी है,,
अंत अनंत सच की बाती प्राण की हाथी है 
अनंतकाल परमंगुरु की शरणां में सांज है।।
तन का पिंजरा ढोलक बनकर तैयार हुआ है,, 
क्या इस प्रकार निर्राकार आकारहीन निरन्जन चलता जगत में बजता है।।
 इस संसार में  झुठी माया मोह तन की काया माया है,,
दो दिन की झुठी छुटी काल करम की बात है
 वाहेगुरु जीवन में एक स्वर घल्लू उठे नानका
सदी उठी जाय रै््।।
््््््
कवि शैलेंद्र आनंद
18,,,,, अप्रैल,,,2024,,,

©Shailendra Anand #SunSet
5202d4dc0755852d26f899f4b703dc8a

Shailendra Anand

रचना दिनांक,,,17,,4,,,2024
वार बुधवार,,,
समय,,,सुबह पांच बजे
,,,,,,,,्््
छाया चित्र में भावचित्र खिंचती मुखपृष्ठ पर नवद़ात्री दैवीय शक्तियों में सर्व धर्म समभाव निष्ठ भव सागर में मां शब्द जन्म दिवस कोख मानस में नारी शक्ति सम्मान पूज्जयन्ते में 
शास्त्र सम्मत अनेकानेक अध्यात्मिक ज्ञान दर्शन करने का स्वरूप महाशाही दशनामी महाकुंभ जीवन जन्म दिवस मंगलमय हो
 ्््भावचित्र निज विचार कर रही है ््््
प्रेम शब्द की सिगीं से जन्मा विचार सच का 
आयना नजरिया आनंद का र्निगुण अभिषेक है््््
््््निजविचार ्््शीर्षक निरोगी काया ््शब्दचित्र प्रेम शब्द से ही आनंद दे मंगल हर्ष और उल्लास से बुधवार सुबह श्री चरणों में समर्पित करिष्यामि
 श्री गणेश को नमन वन्दंनीय प्रथम वंदना में खोकर हासिल कर देख रही हूं 
गिरजा शंकरी मानसरोवर कैलाश पर्वत वासिनी 
दैवीय शक्ति दिव्यता नमोस्तुते नमोस्तुते ्््
मैं और मेरी मात्रृशक्ति योगमाया में शास्त्र दर्शन हे
 प्रभु श्रीराम रघुवंश में कौशल्या देवी भवानी में 
अयोध्या निर्विवाद रूप मृत्युलोक यशोगान कर्मलीलाऐ करने वाले यशस्वी
 श्रीं राम महर्षि श्री वाल्मीकि जी के सुकृति में शास्त्र सम्मत
 अनेकानेक अध्यात्मिक रामायण में वर्णित है,,
कि वह इस ईश्वरीय शक्ति अंशावतार में 
विष्णु नरोत्तम उत्तम वैष्णव सम्प्रदाय में 
चौबीस अवतार अक्षरधाम मनमंन्दिर है 
जहां से ईश्वरीय शक्ति पात का विचरण नवरात्रि पर्व पर
सकल जगत में एक स्वर पुकार नाद में
 मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का यशोगान है।।
जन्म से लेकर आज तक प्राणवल्लभ कैशवं
निर्राकार ओमकार आकारहीन निरन्जन अवधुत
्््््् देवत्व कलाओं में निपुण हो प्यारा सा जीवन सफल बना रहे है।।

।।्््््््
कवि शैलेंद्र आनंद
17,,,, अप्रैल,,,,2024,,,,







्््

©Shailendra Anand #navratri
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Shailendra Anand

White रचना दिनांक 16,,,,4,,,2024
वार मंगलवार
समयकाल में सुबह,,,,, पांच बजे््

्््निज विचार ्््
,,,,,,,भावचित्र खिंचती मुखपृष्ठ पर जिंदगीछायाचित्र सी यादें बनकर अपने विचार ्,,
गम और प्रेम की दो,, विवादों दिलदारो की दिवारो को भेदना ही आनंद का
 दर्शन दर्पण लक्ष्य है,,,,,,,
दास्तानें रौशन में चिन्गारियां हमारे अपने कर्म विचार,,
 और व्यवहार हालात परिस्थितियों कुछ हद तक सुबह शाम की रंगत में
निखार में बराबरी की हिस्सेदार रही हो माना कि उस वजह से प्रेम और खुशी के बीच एकाएक विरह का आ जाना किसी महखाने से कम नहीं है।।
शीर्षक मरहम लगाने लगा वो लफ्जो से भावना से,,गम की साकी बन बन रौशन दान बना
 रत की अंधेरी कोठरी में शामियाने पर बैठे तन्हां वक्त की चुनौती को लिखुं ,,
जो भी इन्सानी तहजीब से ईमान लिखूं प्रेम का गुलिस्तां हमारा 
परबत वो लफ्जो से जन्मा है जिन्दगी की दास्तान से सिसकारियां भरती है ।।
ज़िन्दगी किसी भी विषय पर अपने इम्तहान से भरी जोखिम होती है,,
 जो कि सुख और दुख की मिश्रित आबोहवा में खुली हवाओं से 
सूर्खी से अपनी रूह मे खो कर प्यार करने लगी
 लगन अगन दिल में एक चाहत बन गई।।
प्रेम स्वपन में आयी वो लफ्जो की संन्जीदगी तन्हां
 वक्त पर जिंदगी का आयना मनमंन्दिर में 
एक स्इणवर में प्रेम गान प्यार से खुबसूरती बयां करती
इस संसार में एक जीवंत प्रयास बन गई।।
ईश्वर आपको और आपके परिवार को शक्ति प्रदान करता है,,़
मन दर्पण कहलाए कवि जिनके पास दिनकर प्रेरक है।।
प्रेम शब्द शिल्पी ने अपनेविचार रखे ,,
मानव जीवन में एक स्वर पुकार शंखनाद है।।
््््््््््
कवि शैलेंद्र आनंद
16,,,,,,,, अप्रैल,,,2024,,,

©Shailendra Anand #SAD
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Shailendra Anand

White रचना दिनांक1,,,,5,,,,,4,,,,2024
वार,,,,सोमवार
समयकाल,,,, सुबह ,,,,,,छह बजे
््््निजविचार ््,,,,
छाया चित्र में भावचित्र खिंचती चली गई तस्वीररकाष्ठ कला तेलचित्र 
का कलात्मक अभिव्यक्ति ढंग सलीका तदसमयानुसार अपनी ब़श और तूलिका का बेजोड़ नमूना पेश समन्वय स्थापित मानस में,,
अपने विचार व्यक्त आस्था प्रकट करना एक अदभूद ईश्वरीय वरदान होता है।।
 कलासृजक का एक मानसपूजन है ,,
मां कालरात्रि महागौरी दैवी शक्ति आराध्यं शक्ति करिष्यामि।।
हम दिलों से खोज वैचारिक रूप से जीवन के विभिन्न हिस्सों से सजाया गया,,
फूलों का विस्मरण स्मरण गूलदस्ता जिंदगी का आयना नजरिया,,
आनंद का र्निगुण नायाब तोहफा छायाचित्र प्रदर्शनी 
मुखपृष्ठ पर छाया चित्र बहुत सुंदर है।।
कल्पना परिकल्पना को जमीनी सच्चाई पर छाया चित्र में,,
 शक्ल में सामने लाना एक तरह से छलते मन का दर्पण है।।
 दिल प्रेम का नाम दर्शन मैं याद रखना आनंद ही आनंद जिंदगी है,,
कल और आज चेहरे पर छाई झूर्रिया निश्चित गवाही देता,,
 जो कल का सूरज नवगीत परिसंवाद देखा नहीं केशव इस तन ््््मन ्््ने।।
आज गया वो कल नहीं है कल है वो आज नहीं है,
, मैं क्या देखु भुत भविष्य वर्तमान मेश,,
 मैली चादर,मैली वो राम ।गाया भजन कीर्तन मैं निकले मेरे प्राण।।
तन जरा्््् मन जला यह खोटी खरी बात स्पंदन से,,
 रमा रमण आनंद मैं प्राण वायु है।।
 अखण्ड दिव्य स्वप्न में दर्शन प्रभु श्रीराम रघुवंश है ,,
चैतीयनवरात्र वरुण देव दुजकाचांद ईद मुबारक है।।
 दो हजार चौवीस का संजोग पक्ष में,,
 आमचुनाव लोकतंत्र का लोकसभा चुनाव है।।
ऐसे वाकयात इतिहास के स्वर्णिम अक्षर में दर्ज हो चुका है,,
यही कारण अन्तर्दृष्टि मेरी स्वरचित रचनाएं में
 एक जीवंत कलाकृति होती है ज्ञात अज्ञात है तो देश दुनिया सुनती है देखती है।।
्््््कवि शैलेंद्र आनंद ्््््
15,,,, अप्रैल,,,,2024

©Shailendra Anand #Couple
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