Nojoto: Largest Storytelling Platform
santoshverma4544
  • 181Stories
  • 2.2KFollowers
  • 9.6KLove
    18.0KViews

Santosh Verma

संतोष वर्मा आजमगढ़ वाले।(कवि)

  • Popular
  • Latest
  • Video
526ced02cc7aed796457c06e3d2def7f

Santosh Verma

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset https://youtube.com
/@svclasses-b3r?si=1w5UkBNsaA67WxJ8
subscribe my यूट्यूब chanel  ।।।
thnx दोस्तों। ।।।।

©Santosh Verma subscribe my channel

subscribe my channel #विचार

526ced02cc7aed796457c06e3d2def7f

Santosh Verma

White बिल्ली की एक दिन आई खाला, 
पहन कानों में बड़ा सा बाला,।
बोली कैसे हो तुम लाला, 
जाओ झट से लाओ कोई प्याला। 
देह हो गई है बिल्कुल काला, 
लाली पाउडर का पड़ा है ठाला ।
फ़ट से पानी बिल्ली ने बर्तन में घाला ,
खाला ने फौरन स्नान कर डाला। 
बोली काके लाओ अब कुछ खाने वाला, 
गुड़ गुड़ पेट में बन रही गैस का जाला। 
गले में चुभ रहा जैसे कोई भाला, 
दौड़ लाया उसने तुरंत मटन मसाला। 
पूरी चट कर गई अकेले खाला, 
बिल्ली बैठ जपती रही कंठी माला। 
बोली खाना था बड़ा रसीला, 
उठ बोली अब कर लेने दो थोड़ा पैंट ढीला। ।
written by संतोष वर्मा azamgarh वाले 
खुद की जुबानी। ।

©Santosh Verma
  #billi की khala##

#Billi की khala## #कविता

526ced02cc7aed796457c06e3d2def7f

Santosh Verma

White पढ़ लेता तुझे अगर तूँ किताब होती, 
हल ढूंढ़ लेता अगर तूँ सवाल होती,,
सीने से लगा के रखता तुझे, 
अगर तूँ हिसाब होती। ।
धारण कर लेता अगर तूँ लिबास होती, 
होठों से लगा लेता अगर तूँ खाली गिलास होती,,
थम जाता तेरी छांव में, 
अगर तूँ विलास होती। ।
written by संतोष वर्मा azamgarh वाले 
खुद की जुबानी। ।

©Santosh Verma
  #soch ###

soch ###

526ced02cc7aed796457c06e3d2def7f

Santosh Verma

White एक वाक़या हुआ मेरे साथ, 
निकल नहीं रहे मेरे अल्फाज़,,
आश्चर्यचकित था मैं आज, 
क्योंकि चौराहे से निकल रही थी उनकी बारात ।।
देख उड़ गए मेरे होश, 
समझ नहीं आया है किसका दोष,,
बैठ बस सोचता रहा, 
पहुंचा गई मुझको बड़ा आघात। ।
हस्र ऐसा होगा नहीं सोचा था, 
इश्क की राह न ऐसा खोजा था,,
मैं तिल तिल जलता रहा, 
अशुभ हो गई मेरी प्रभात। ।
written by संतोष वर्मा azamgarh वाले 
खुद की जुबानी। ।

©Santosh Verma
  #wakya #
526ced02cc7aed796457c06e3d2def7f

Santosh Verma

Black कुछ तो मोहलत दे ऐ मेरे यार, 
मुझे थोड़ा ठहर जाने दे ।
अगला किरदार भी तेरा सह लूँगा, 
पहले मुझे ज़मी पर उतर जाने दे। ।
घायल कर देना निकाल छल पिटारे से, 
थोड़ा मुझे संवर जाने दे। 
तेरे हर ज़ख्मों को गले लगा लूँगा, 
थोड़ा पहले वाला भर जाने दे। ।
शिकवा तुझसे मुझे कोई यार, 
थोड़ा मुझे घर जाने दे,।
कदमों में मखमल बिछा दूँगा तेरे, 
पहले मुझे निखर जाने दे। ।
written by संतोष वर्मा azamgarh वाले 
खुद की जुबानी। ।

©Santosh Verma
  #mere यार ##

mere यार ##

526ced02cc7aed796457c06e3d2def7f

Santosh Verma

Black ठहरा मैं नादान, 
शास्त्रों का नहीं मुझे ज्ञान,।
पूछता एक सवाल आसान, 
इंसानियत बड़ी या इंसान,।
दो मेरे प्रश्नो पर ध्यान, 
मिटाओ मेरा अज्ञान, l।
हो रहे हो क्यों हैरान, 
बन रहे हो क्यों हैवान। 
सुमिरो राम का गान, 
खड़े कर लो अपने कान,,
न लोगे अब किसी की जान। ।
written by संतोष वर्मा azamgarh वाले 
खुद की जुबानी। ।

©Santosh Verma
  #Thinking ##

Thinking ##

526ced02cc7aed796457c06e3d2def7f

Santosh Verma

White ना पूछो क्या हाल है, 
फैला जंजाल है,,
ये तो बेगम कमाल है। 
उधेड़ रही बिल्ली की खाल है, 
आज गड़बड़ लग रही दाल है,,
लग रहा बुन रही कोई जाल है,
ये सब पड़ोसियों की चाल है। ।
मन में उछल रहा सवाल है, 
मंडरा रहा अब काल है,,
नारंगी सी हो रही लाल है, 
आगे उसके क्या मेरी मजाल है। ।
फूला उसका गाल है, 
घर में हो रहा कदमताल है,,
धुन में बज रही थाल है, 
बड़ा होने वाला धमाल है। ।
साड़ी में न फाल है, 
बकरा होने वाला अब हलाल है,,
अब मत पूछो क्या हाल है। ।।
written by संतोष वर्मा azamgarh वाले 
खुद की जुबानी। ।

©Santosh Verma
  #begam#
526ced02cc7aed796457c06e3d2def7f

Santosh Verma

Beautiful Moon Night सजन से मिलने की घड़ी आ गई, 
लेने मुझे खूबसूरत परी आ गई।
मुझे आज खूब सजा दो, 
ढोल ताशा बजा दो,,
बेचैन हो रहा है दिल जरा समझा दो, 
कमरे की रोशनी जरा जला दो। ।
पर्दों को जरा हटा दो, 
अम्मा को जरा बुला दो,,
कोई नया वस्त्र मंगा दो, 
बापू को जरा बता दो। ।
रास्ते में फूल बिछा दो ,
धीरे से अब मुझे सुला दो,,
नींद अब गहरी आ गई, 
सजन से मिलने की अब घड़ी आ गई। ।
written by संतोष वर्मा azamgarh वाले 
खुद की जुबानी। ।

©Santosh Verma
  #sajan ##

sajan ##

526ced02cc7aed796457c06e3d2def7f

Santosh Verma

Men walking on dark street था इशारा मेरी तरफ, 
विचारों ने डाला फर्क,,
मन में लोभ अथक, 
कर दिया मुझको पृथक। 
पैसों का हुआ उसे गुमान, 
भूल गए राम का नाम,,
रवैए से उसके मैं हैरान। 
छल उसमे कोटि कोटि समाया, 
तबाह कर मुझको बिसराया ,
लाचारियों पर मेरे उसे तरस न आया ।।
written by संतोष वर्मा azamgarh वाले 
खुद की जुबानी। ।

©Santosh Verma
  #Life_changing ###

Life_changing ###

526ced02cc7aed796457c06e3d2def7f

Santosh Verma

Beautiful Moon Night घूम घूम सब देख लियो, 
तब जाके ये लेख लिखो,,
स्वारथ के सब अधीन रे बन्दे, 
सांचों को पूछो न कोय। ।
झूठों का मान बढ़े है, 
किनारे बैठ ईमान रोय ।।
भले की कोठरी खाली, 
हाथ गयो उसके बाँध,,
क्या घनघोर कलयुग आयो, 
मानुष गयो सब बेड़ी लांघ। ।
करे हरदम जुगती धन की, 
फिर भी मन भरे न ढेर,,
सारी उम्र एड़ी घिसे, 
अकेले जग में रह गयो शेर। ।
रगड़ रगड़ तन सुघरायो ,
मैली अपनी साख दिखलायो ,,
भ्रमर बन डाली डाली मडरायो,
अंत समय में कछु न साथ आयो। ।
written by संतोष वर्मा azamgarh वाले 
खुद की जुबानी। ।

©Santosh Verma
  #सत्य ###

सत्य ###

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile