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adilkhan7238
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"SILENT"

🇮🇳 " Works at Govt. SUB -INSPECTOR AT J&K POLICE 🚨🇮🇳

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"SILENT"

White 



अंतिम समय जब कोई नहीं जाएगा साथ 
एक वृक्ष जाएगा 
अपनी गौरैयों-गिलहरियों से बिछुड़कर 
साथ जाएगा एक वृक्ष 
अग्नि में प्रवेश करेगा वही मुझसे पहले 

‘कितनी लकड़ी लगेगी’ 
शमशान की टाल वाला पूछेगा 
ग़रीब से ग़रीब भी सात मन तो लेता ही है 

लिखता हूँ अंतिम इच्छाओं में 
कि बिजली के दाहघर में हो मेरा संस्कार 
ताकि मेरे बाद 
एक बेटे और एक बेटी के साथ 
एक वृक्ष भी बचा रहे संसार में।

©"SILENT" # Hindi pantiya#Naina Neha@Nehit_Enola Anshu writer T4_tanya_ R... Ojha

# Hindi pantiyaNaina Neha@Nehit_Enola Anshu writer T4_tanya_ R... Ojha #SAD

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"SILENT"

White फिर 
मन आषाढ़ हो चला 
तैरती रुई धुनी हुई।

बंद हवा लिखती है देह भर पसीना 
दीवारों में कसी हुई। 
माथे पर हाथ रखे बैठी है 
तबियत होकर छुईमुई। 
चप्पा-चप्पा खड़ी उमस 
परत-दर-परत चुनी हुई। 

बूँद-बूँद गल कर हम भीड़ों में 
बहते हैं हिम-नदी सरीखे। 
हम खंडित इंद्रधनु उठाए 
इस्पाती भाषा में चीख़े। 
बादामी कानों तक आकर 
सुनो बात अनसुनी हुई।

©"SILENT" #Hindi pantiya#Nîkîtã Guptā princess Uttarakhand queen Twinkle Agarwal Niaz (Harf)

#Hindi pantiyaNîkîtã Guptā princess Uttarakhand queen Twinkle Agarwal Niaz (Harf) #Poetry

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"SILENT"

White घाव जहाँ भी देखो, सहलाओ प्यार से ।

नारों से भरो नहीं
भरो नहीं वादों से
अंतराल भरो सदा
गीतों-संवादों से
हो जाएँगे पठार शर्तिया कछार से ।
भटके ना राहगीर 
कोई अँधियारे में
दीये की तरह जलो
घर के गलियारे में 
लड़ो आर-पार की लड़ाई अंधकार से ।
हाथ बनो, पैर बनो
राह बनो जंगल में
लहरों में नाव बनो
सेतु बनो दलदल में
प्यासों की प्यास हरो पानी की धार से ।

©"SILENT" #Hindi pantiya#Anshu writer T4_tanya_ Naina Niaz (Harf) Mrs.Donia Aakash Bhardwaj

#Hindi pantiyaAnshu writer T4_tanya_ Naina Niaz (Harf) Mrs.Donia Aakash Bhardwaj #Poetry

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"SILENT"

White नहीं फूलते कुसुम मात्र राजाओं के उपवन में,
अमित बार खिलते वे पुर से दूर कुञ्ज-कानन में।
समझे कौन रहस्य ? प्रकृति का बड़ा अनोखा हाल,
गुदड़ी में रखती चुन-चुन कर बड़े कीमती लाल

जलद-पटल में छिपा, किन्तु रवि कब तक रह सकता है?
युग की अवहेलना शूरमा कब तक सह सकता है?
पाकर समय एक दिन आखिर उठी जवानी जाग,
फूट पड़ी सबके समक्ष पौरुष की पहली आग।

©"SILENT" # Hindi pantiya#I_surbhiladha Satyaprem Upadhyay T4_tanya_ Naina Sun Shine

# Hindi pantiyaI_surbhiladha Satyaprem Upadhyay T4_tanya_ Naina Sun Shine #Poetry

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"SILENT"

White तेरे दिए गए जख्मों, दर्द से कह दो, मुझ से उलझा ना करें,
क्योंकि उनसे मेरी दोस्ती बहुत पुरानी है,
मुझे हर हाल में जीने का हुनर अच्छे से आता है ..

©"SILENT" # just shayri #Shalu I_surbhiladha Uttarakhand queen Mrs.Donia Aakash Bhardwaj T4_tanya_

# just shayri #shalu I_surbhiladha Uttarakhand queen Mrs.Donia Aakash Bhardwaj T4_tanya_ #Poetry

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"SILENT"

White कहाँ पर बोलना है
और कहाँ पर बोल जाते हैं।
जहाँ खामोश रहना है
वहाँ मुँह खोल जाते हैं।

कटा जब शीश सैनिक का
तो हम खामोश रहते हैं।
कटा एक सीन पिक्चर का
तो सारे बोल जाते हैं।

नयी नस्लों के ये बच्चे
जमाने भर की सुनते हैं।
मगर माँ बाप कुछ बोले
तो बच्चे बोल जाते हैं।

©"SILENT" # just Hindi pantiya#Trisha09 Anshu writer Sajidkashmiri Uttarakhand queen I_surbhiladha

# just Hindi pantiyaTrisha09 Anshu writer Sajidkashmiri Uttarakhand queen I_surbhiladha #Poetry

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"SILENT"

White दुख ने मुझको
जब-जब तोड़ा,
मैंने
अपने टूटेपन को
कविता की ममता से जोड़ा,
जहाँ गिरा मैं,
कविताओं ने मुझे उठाया,
हम दोनों ने
वहाँ प्रात का सूर्य उगाया।

©"SILENT" # Just shayri#Uttarakhand queen Sajidkashmiri Anamika..... Niaz (Harf) Shubhanshi Shukla

# Just shayriUttarakhand queen Sajidkashmiri Anamika..... Niaz (Harf) Shubhanshi Shukla #Poetry

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"SILENT"

White चांद रोज़ छत पर आकर इतराता बहुत था,
कल रात मैंने भी उसे तेरी तस्वीर दिखा दी........!!!

अजीब सी बेताबी है तेरे बिना,
रह भी लेते है और रहा भी नही जाता…..!!!

©Adil Khan #shayri#
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"SILENT"

White कहेगी नही वो कभी तुमसे कुछ भी
जो अर्पण किये तुम पर निज नींद सपने
तो सुनकर भी अनसुन करोगे भी क्या तुम?
वो रातें, वो नींदें, वो फिकरे, वो सपना
हो व्याकुल भले ही वो पीड़ा मे अपने
तुम्हें देखते ही जो होते हैं संदल
उस संदल हृदय को जो पढ़कर न समझे
तो बोलो की आखिर पढ़ा क्या है तुमने?
त्यागे थे जिसने मिथक जग कथन सब
रखा था सर्वोपरि तुम्हारे हितों को
जो उसके हितों पर तुम क्षण भर न ठहरे
तो सोचो कि आखिर किया क्या है तुमने.....

©Adil Khan #Shayri#
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"SILENT"

White गिरवी रखीं हैं साँसे ,कुछ उधार तो मिले।
जिंदगी की बस हल्की सी ,फुहार तो मिले।
जिंदगी की डोर बंध गयी है अब सिलिंडर से,
मरीज को उसके हिस्से की बयार तो मिले।

©Adil Khan # just shayri#

# just shayri# #Shayari

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