मैं कोई लेखिका नहीं हूं,ना ही मुझे पता है केसे है लिखना, मैं सिर्फ वही लिखती या बोल ती हु जो मैं महसूस करती हूं। शायद वही लिख सकू जो तेरे दिल मै , या फिर वही बोल दू यहा पे जो मेरे मन मैं है। कही तुम्ह सोच मै ना पड़ जाना के तुम्ह हो बड़े हसीन, शायद यह मेरे आखों का धोका हो जो मेरे नजरे तुम्हारे चेहरे पर आ फसी।
sanjeevni_sawant
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