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https://telegram.org/dl चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो, सांसों में मेरी खुशबु बनके बिखर जाते हो, कुछ यूँ चला है तेरे इश्क का जादू, सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो क्या चाहूँ रब से तुम्हें पाने के बाद, किसका करूँ इंतज़ार तेरे आने के बाद, क्यों मोहब्बत में जान लुटा देते हैं लोग, मैंने भी यह जाना इश्क़ करने के बाद
Rajesh Mahawar
Rajesh Mahawar
Rajesh Mahawar
Rajesh Mahawar
Rajesh Mahawar
Rajesh Mahawar
Rajesh Mahawar
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