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shailjayadav8882
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shailja ydv

slippy mind

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shailja ydv

*कभी तो मुझे बड़ा होने दो * 
   
कब- तक  बच्चा समझते रहोगे,?
कभी तो बड़ा होने दो। 
कब -तक गिरते हुए मुझे सहारा दोगे?
कभी तो गिर कर खुद से उठने दो। 
कब -तक सही मार्ग का अनुसरण कराते रहोगे?
कभी तो गलत से सही मार्ग पर खुद से आने तो दो। 
कब -तक साथ चलोगे मेरे?
कभी तो अकेले मंजिलों को नापने दो। 
कब- तक मेरे डूबते हुए हाथ पकड़ कर बाहर लाओगे?
कभी तो खुद से तैर कर मझधार से बाहर आने तो दो।  
कब -तक  कुंए के अंदर की दुनियां में रखोगे?
कभी तो, समुन्द्र की घहराई में उतरने तो दो। 
 उड़ान भरने के लिए पैदा हुआ हूँ मैं, 
कभी तो "पर " फैला कर आसमान को छूने तो दो।
मेरे अपनों कब -तक मुझे बच्चा समझते रहोगे?
कभी तो मुझे बड़ा होने तो दो। 
शैलजा यादव 😊

©shailja ydv
   कभी तो बड़ा होने दो

कभी तो बड़ा होने दो #विचार

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shailja ydv

**बौद्ध धर्म शांति का धर्म** 

  जब -जब मन उदास होता है, 
चली जाती हूँ मैं, 
अपनी खिड़की पर, 
औ'घंटों निहारती हूँ 
उस पीपल के पेड़ को, 
जो सदा की ही भांति 
शांत,मौन और स्थिर भाव से, 
हिलते हुये मुझे धैर्य औ साहस देता है। 
 
ऐसा लगता है.!! 
मानों कह रहा हो 
"जिंदगी के रहस्य को समझो, 
मगर उलझो मत, 
उसे जिओ,मगर रोओ मत। 
 
इसी जीवन को  
समझने की चाह ने, 
राजकुमार सिद्धार्थ को
 "बुद्ध " बना दिया । 
पर.. 
एक सच है, 
मुझमें ही सारी शांति निहित  है।

©shailja ydv
  बुद्ध पूर्णिमा

बुद्ध पूर्णिमा #विचार

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shailja ydv

कभी - कभी अपने मनपसंद के इंसान से दूर होने पर 
उससे बहुत बातें करने का मन करता है, 
और उसे बस सुनने का मन करता है, 
पर...कॉल करने पर पता  चलता है कि 
सामने वाले का मन है ही नहीं बात करने का 
और उस वक़्त लगता  है कि 
कहाँ -कहाँ से बातें लाऊँ, 
कौन-कौन सी ऐसे बीते किस्से सुनाऊं कि 
वो बस रुक जाये कुछ पल के लिए 
बस ठहर जाये एकाध-मिनट के लिए, 
पर.... 
अंदर से आवाज़ आती है, 
जाने दो,रख दो फोन, 
कुछ अनबन हो जाये उससे बेहतर है कि 
bye बोलो और खुद के लिए  एक पल एकांत ले लो।

©shailja ydv #aaina बातें

#aaina बातें #विचार

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shailja ydv

आज समझ आया की व्यस्तता ही जीवन है,
आराम बस एक रोग है,
ज़ब आराम ज्यादा हो जाता है तब 
मन और शरीर का नाश पहले होने लगता है।
ग़र जीवन में 
सुबह की नित्य- क्रिया,
रसोईघर की क्रिया,
और बस आराम हो,
तो एक घुटन होने लगती है,
एक ही काम से और रोज के आराम से,
मन भागने लगता है,
 एक ही वातावरण के आवरण से।
अजीब सी बेचैनी मन को घेरने लगती है,
न जाने कितनी बीती बातें,
कितने सपने सब आँखों के सामने से 
नाचते -भागते दिखते हैं।
 इसलिए हे मन, हे मानुष, हे नारी
तू व्यस्त रह,
मस्त रह,
कर्मठ रह,
भागता रह,
नाचता रह,
अपने सपने, अपनी उड़ान
के पीछे उड़ता रह।
क्यों आराम बस एक रोग है।

©shailja ydv
  #relaxation आराम बस एक रोग है

#relaxation आराम बस एक रोग है #ज़िन्दगी

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shailja ydv

पति -पत्नी और तकरार  



दो लोग ज़ब शादी के बंधन में बंधते हैं तो वो रिश्ता बहुत पाक माना जाता है।
पवित्र बंधन का नाम शायद विवाह को ही दिया गया है।
पर विवाह के उपरांत ज़ब छोटी-छोटी बातों की टकराहट होने लगती है, 
तब रिश्ते की पवित्रता मानो कहीं खो सी जाती है।

 इस रिश्ते में जुड़ने से पहले, और शादी होने तक 
किसने, क्या- क्या बात बोलीं और कब- कब बोली, 
वो सब बात  दोनों पक्षों के मन में रह जाती है।
और यही बात शादी के बाद
 इस पवित्र रिश्ते की "पवित्रता" को,
'पाक' से' ख़ाक' की तरफ लें जाते हैं।
चाहे मर्द प्रधान हो या स्त्री,
पर बात ज़ब " दफन" होकर" कफ़न" से बाहर आने लगे,
 तब लगता है,
मानो इससे बेकार रिश्ता कोई हो नहीं सकता।
आखिर लोग आगे की न सोच कर,.
 बीते शुरुआती दिनों को लेकर टोंट क्यों मारते हैं?

तो क्यों न इस रिश्ते में बँधने के बाद,
दोनों बीती- बातों को माफ़ करते हैं 
और आगे का रास्ता साफ करते हैं 
एक नयी शुरुआत के लिए,
अपने लिए, अपनों के लिए और आने वाले सुंदर भविष्य के लिए।
शैलजा यादव

©shailja ydv #GingerTea पति -पत्नी और तकरार

#GingerTea पति -पत्नी और तकरार #ज़िन्दगी

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shailja ydv

कभी- कभी परेशानियों में अकेले रहना 
और खुद को मोटिवेट करना
दूसरों से कहने से कहीं ज्यादा अच्छा होता है।
 
न मन की बात किसी को बोलो
न सुन कर कोई अच्छा या बुरा समझेंगा
 क्यों कि 
अंत में अपनी परेशानियों का हल स्वयं ही निकालना पड़ता है।

©shailja ydv #Chhavi परेशानियां

#Chhavi परेशानियां #ज़िन्दगी

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shailja ydv

happy teddy day

मेरे लिए टेडी मत लाना,
ग़र लाना तो खुद को उसी टेड़ी की तरह लेकर आना।
जैसे टेडी को देख उसे
बांहों में भर लेने का दिल करता है,
उसे चूम लेने को जी चाहता है,
उसकी आँखों में देख कर बहुत कुछ कहने को मन करता है 
बस वैसे ही तुम भी 
मेरी चुप्पीयों में,
खामोशियों में,
तन्हाईयों में,
 मुझे भर लेना अपनी बांहों में,
औ' सुन लेना मेरी अंदर की कसक को,
चूम लेना मेरे माथे के सिकंस को
और बन जाना मेरे टेडी
हर जन्म में।

©shailja ydv #happy teddyday
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shailja ydv

प्रॉमिस डे


 ग़र तुम कहो,
मैं प्रॉमिस करता हूँ,
शादी के बाद मैं तुम्हारी उतनी ही इज्जत करूंगा,
 जितना इस वक़्त करता हूँ।
घर में कभी परिवार वालों के सामने तुम्हारा मजाक नहीं बनने दूंगा,
ग़र तुम कहो कि,
मेरे -तुम्हारे बीच की बातें,
मैं अपने तक रखूंगा और 
हमारी बातें  बस हम तक रहेंगी,
छोटी तकरार के बाद किसी तीसरे को 
बीच में लाने की नौबत नहीं पड़ेगी,
जीवन के उतार -चढ़ाव में साथ रहेंगे,
तो 
तुम शादी के सात बंधनों में बंधने के काबिल हो
मेरे हमदम।

©shailja ydv happy promise day

happy promise day #loveshayari

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shailja ydv

प्यार का पहला दिन


हो गया शुरुआत प्यार के पहले दिन का,
गुलाब दिवस के रूप में।
आखिर इसकी शुरुआत 
 लाल गुलाब से ही क्यों की जाती है?
ज़ब कि इसमें कांटे भी हैं,
इसे उगाने में मेहनत भी है,
देखभाल भी काफ़ी करनी पड़ती है।
क्या सिर्फ इस लिए कि
 इसकी सुंदरता और खुशबू  
सब फूलों से सर्वोपरि है?
या फिर इसलिए प्रेमी इसे पसंद करते हैं क्यों कि 
प्रेम का सूचक बस इसी एक फूल मात्र से ही रह गया है?
या फिर इसलिए क्यों कि 
इसके कांटे और खुशबू जीवन के दो पहलू हैं,
इसकी खुशबू 'सुख' है तो
कांटे दुःख।
दोनों को साथ लेकर चलना ही जीवन है,
शायद यही वजह 
प्रेम का आधार गुलाब है।

©shailja ydv #HappyRoseDay
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shailja ydv

जिम्मेदारियां

नदियां सतत प्रवाहमान हैं,
सृष्टि की प्यास बुझाने हेतु।
पर्वत सीना ताने सतत अडिग है,
देश-हित के लिए।
पेड़-पौधे सतत स्वछंद हैं,
धरतीवासी को प्राणवायु देने हेतु।
ये सभी व्यस्त हैं 
अपनी-अपनी जिम्मेदारियों से।
पर हम मनुष्यों को
जिंदगी को जीना भी यही सिखाते हैं।

हमारी जिंदगी भी जिम्मेदारियों से भरी पड़ी है,
पर इन जिम्मेदारियों के साथ 
 जीवन को जीना हमें भी नहीं भूलना चाहिये।
इन नदियों, पहाड़ों और पर्यावरण की तरह 
हमें भी  जी लेनी चाहिये जिंदगी को,
क्यों ये जो समय और जीवन की उमंग वाली उम्र हैना..
वो वापस दुबारा नहीं आने वाले.

©shailja ydv #mohabbat जिम्मेदारियां

#mohabbat जिम्मेदारियां #ज़िन्दगी

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