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authorgarimagupt4581
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दुःखीआत्मा

सुबह का वक़्त और कहानी के साथ एक सुकून भरी चाय मिल जाए तो मजा आ जाए 2 oct को पैदा हुई लेकिन मैं शास्त्री जी को मानती हु और अहिंसा मे बिलकुल भी भरोसा नहीं करती।

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दुःखीआत्मा

सारांश को कुछ ध्यान आया और उसने पूछा "अंशु कहां है? नजर नहीं आ रहा!"

    काया ने सुहानी को कोहनी मारी और धीरे से कहा "नजर तो निशी भी नहीं आ रही।" चारो लड़कियां मुंह दबाकर हंसने लगी। उन चारों को इस तरह आपस में खुसर फुसर करते देख सिद्धार्थ समझ गया। "छोटे! छोड़ ना उसको! हम लोग चलते हैं। उसको जब आना होगा वो आ जाएगा।"
कहानी "सुन मेरे हमसफर "
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©दुःखीआत्मा
  #boat #love #life #story #lovestory #कहानी
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दुःखीआत्मा

"रात बहुत ज्यादा हो गई अवनी!
 चल कर सो जाओ। दूसरों के बारे में सोच कर 
अपनी नींद खराब करोगी तो तबीयत बिगड़ जाएगी।
 फिर वह लोग देखने नहीं आएंगे जिनको लेकर तुम 
परेशान हो रही हो। हमें बाहर वालों से 
कोई मतलब नहीं होना चाहिए। जल्दी आओ।"
कहानी "सुन मेरे हमसफर "
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©दुःखीआत्मा
  #Remember  #love #story #कहानी #प्रेमकहनी #lovestory
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दुःखीआत्मा

बहुत कुछ ऐसा हुआ है जिसके कारण दोनों परिवार का रिश्ता टूटते टूटते बचा है और यह सब कुछ उनकी अपनी बेटी की वजह से। बहुत कुछ ऐसा किया है उन्होंने, जिसकी वजह से ना सिर्फ समर्थ भाई अपनी सगी मां से नफरत करते हैं बल्कि यह लोग भी अपनी बेटी से हर रिश्ता तोड़ चुके हैं। इस वक्त उनकी बेटी कहां है, किसी को कुछ नहीं पता। बस इतना जान लो कि वह औरत बड़े पापा को खुश नहीं देख सकती थी। बाकी की जितनी भी कहानी है वह तुम्हें सब धीरे-धीरे पता चली जाएगी। तुम चिंता मत करो, अब तुम मित्तल परिवार की बहू हो तो उस घर से जुड़े हर राज हर कहानी और हर बीते कल के बारे में तुम्हें जरूर बताया जाएगा।"  निशी ने बस अपनी गर्दन हिला दी।

©दुःखीआत्मा
  #Leave #love #romance #story #कहानी
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दुःखीआत्मा

सुहानी ने उसे समझने की कोशिश की लेकिन काया तो जैसे उस पर भड़क चुकी थी। "बड़े सीधे बन रहे हो तुम! इस दुनिया में तुमसे ज्यादा सीधा इंसान कोई और हो ही नहीं सकता। कितने शरीफ हो, है ना? अगर तुम जैसा इंसान शरीफ हो गया तो पूरी दुनिया में शराफत खत्म हो जाएगी। यह जो मुखौटा लगाकर रखा है ना, अभी के अभी नोच दूंगी मैं। क्या रहे हो तुम यहां पर? निकलो यहां से। निकलो यहां से वरना मैं पुलिस को बुलाउंगी और उनसे तुम्हारी खातिरदारी करवाऊंगी। मुफ्त का खाना खाने आए हो ना यहां तुम?"
कहानी "सुन मेरे हमसफर "
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©दुःखीआत्मा
  #angrygirl #story #love #lovestory #कहानी #प्रेम
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दुःखीआत्मा

अव्यांश ने थोड़ा डरते हुए कहा "ठीक है, मैं समझ गया तुम्हारी बात। लेकिन गाड़ी को थोड़ा तो स्लो कर दो। देखो, मेरा दिल यहां गले तक आ गया है। तुम चाहती हो कि मेरा दिल निकल कर बाहर आ जाए और मैं मर जाऊं? नहीं ना! तो प्लीज गाड़ी स्लो कर दो, प्लीज!"
कहानी "सुन मेरे हमसफर"
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©दुःखीआत्मा
  #कहानी #story #lovestory #love
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दुःखीआत्मा

ससुराल जा रहा है? अपनी बीवी के पास?
 तो कम से कम उसकी पसंद की 
आइसक्रीम या पेस्ट्री, कुछ भी ले लेन
, खाली हाथ मत जाना, सिर्फ फाइल लेकर।
 वरना तेरे फाइल से कूट कूट कर
तेरा अचार बना देगी वो।
 लाइफ टाइम तुझे ताना मारेगी।"
 सुहानी ने बिना अव्यांश का जवाब सुने
 फोन काट दिया।
कहानी "सुन मेरे हमसफर"
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©दुःखीआत्मा
  #angrygirl #love #lovestory #कहानी
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दुःखीआत्मा

ऐसे ही है वो। 6 महीने सब के बिना गुजारे हैं उसने
, और जब घर आया है तो परिवार पूरा नहीं है।
 कोई भी फंक्शन हो, कोई भी पार्टी हो,
 उसे उसके अपने, अपने आसपास चाहिए होता है। 
 खुशियों का मतलब ही है कि हम उसे 
अपनों के साथ बाटें, अपनों के आसपास रहे।
 वरना वह खुशियां किस काम की!
 तुम जाकर देखो उसे। समझाओ, संभालो।
 और अगर ज्यादा नखरे दिखाए तो सीधे-सीधे मेरा नाम कह देना, सारी अकल ठिकाने आ जाएगी।"
कहानी "सुन मेरे हमसफर "
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©दुःखीआत्मा
  #dilkibaat #love #lovestory
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दुःखीआत्मा

थाम लेना तुम हाथ मेरा,
जब कभी भी अंधेरा मुझे छूने को आए।

©दुःखीआत्मा जलीभून
  #Tanhai #बस_एक_आदत_लिखने_की

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