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A S

कविता और शायरी करने का शौंक , और आध्यात्मिक सलाहकार (spritual Counselor ) entrepreneur (gift packaging)

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A S

कतरा कतरा बिखर रहा है 
तू भी दिल से उतर रहा है 

कुछ नहीं भाता अब इस दिल को 
न महफ़िल न तन्हाई 
दर्द कुछ ऐसा दिल में ,उतर गया है 

जज्बातों का समन्दर 
लहराता था मुझमें कहीं 
अब वो पानी उतर गया है 
तू भी दिल से उतर गया है 

कह लेते थे कर लेते थे 
कलम उठाकर कागज़ से बातें 
दर्द की स्याही से-वो भी गल गया है 
तू भी दिल से उतर गया है 

महज़ लफ्जों का है ताना बाना 
और चीर के रख दे रूह तक 
क्या क्या ना खंजर बन गया है 
तू भी दिल से उतर गया है

©A S
  tubhidilseuttargayahai#jajbat#mefil#tanhai#katrakara#jJbatokasamander

tubhidilseuttargayahaijajbatmefiltanhaikatrakarajJbatokasamander #कविता

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A S

न रस्ता , न मंजिल तू
जीने की, वजह भी नहीं है तू 

फिर कंयू, 
ये सवाल है 
उलझा उलझा सा 
हर ख्याल है। 

बिना वजह की खुशी
बेवजह उदासी, 
कर जाती है कई सवाल 
जवाब कोई मिलता नहीं
उदासी ओर गहरा जाती है।



I

©A S #Walk rasta#manjil#jeenekivajah#khayal#uljhasa#khushi#udasi#sawal#jawab

#Walk rastamanjiljeenekivajahkhayaluljhasakhushiudasisawaljawab #कविता

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A S

इतना आसान नही होता यूँ पुरुष का जन्म ले लेना अनगिनत दुआओं और

बेहिसाब मन्नतों के धागों की पैदाइश होते हैं ये पुरुष । और उस पर भी ज़िंदा रहने के लिए, इन्हें चाहिये सिंदूर, बिंदी, मंगलसूत्र, बिछिया, लाल चूड़ियाँ और लाल चुंदरी

और हरी-हरी मेंहदी के पुख्ता कवच कुण्डल भी - .....तब कही जाके इनकी ज़िंदगी सुरक्षित हो पाती है।

और औरत क्या गज़ब जिजीविषा है औरत में, लाखों बद्द्द्दुआओं और बेहिसाब हिकारत के बाद भी, वो जन्म लेती है ज़िंदा रहती है

और जी के दिखा देती है ::: ।

©A S
  #Behna औरत#aurat#औरत

#Behna औरतauratऔरत #कविता

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A S

जब दिल भर आता है पर अश्क इक नहीं आता. कोई बेखबर लम्हा याद की चुकौटी काट जाता

बरसातों का मौसम पर दिल बंजर ज़मीं बादल बरस बरस रह जाता कोई अंकुर भी न निकल पाता।

©A S ashq#dil#yade#khubsuratlamha#chukoti#badalbarasbaras#ankur

ashqdilyadekhubsuratlamhachukotibadalbarasbarasankur #शायरी

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A S

इतना आसान नही होता
 यूँ पुरुष का जन्म ले लेना
 अनगिनत दुआओं और

बेहिसाब मन्नतों के धागों की
 पैदाइश होते हैं ये पुरुष ।
 और उस पर भी ज़िंदा रहने के लिए, 
इन्हें चाहिये
 सिंदूर, बिंदी, मंगलसूत्र,
 बिछिया, लाल चूड़ियाँ और लाल चुंदरी

और हरी-हरी मेंहदी
 के पुख्ता कवच कुण्डल भी -
 .....तब कही जाके इनकी ज़िंदगी
 सुरक्षित हो पाती है।

और औरत क्या गज़ब जिजीविषा है
 औरत में, 
लाखों बद्द्द्दुआओं और 
बेहिसाब हिकारत के बाद भी
, वो जन्म लेती है ज़िंदा रहती है

और जी के दिखा देती है ::: ।

©A S
  औरत#औरत#औरत

औरतऔरतऔरत #कविता

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A S

*सत्संग की दुकान...-*
एक दिन मैं सड़क से जा रहा था, रास्ते में एक जगह बोर्ड लगा था, ईश्वरीय किराने की दुकान...
मेरी जिज्ञासा बढ़ गई क्यों ना इस दुकान पर जाकर देखूं इसमें बिकता क्या है?
जैसे ही यह ख्याल आया दरवाजा अपने आप खुल गया, जरा सी जिज्ञासा रखते हैं तो द्वार अपने आप खुल जाते हैं, खोलने नहीं पड़ते, मैंने खुद को दुकान के अंदर पाया... 

मैंने दुकान के अंदर देखा जगह-जगह देवदूत खड़े थे, एक देवदूत ने मुझे टोकरी देते हुए कहा, मेरे बच्चे ध्यान से खरीदारी करना, यहां सब कुछ है जो एक इंसान को चाहिए है...

देवदूत ने कहा एक बार में टोकरी भर कर ना ले जा सको, तो दोबारा आ जाना फिर दोबारा टोकरी भर लेना... 

अब मैंने सारी चीजें देखी, सबसे पहले *धीरज* खरीदा, फिर *प्रेम*, फिर *समझ*, फिर एक दो डिब्बे *विवेक* के भी ले लिए...

आगे जाकर *विश्वास* के दो तीन डिब्बे उठा लिए, मेरी टोकरी भरती गई... 

आगे गया *पवित्रता* मिली सोचा इसको कैसे छोड़ सकता हूं, फिर *शक्ति* का बोर्ड आया शक्ति भी ले ली..
*हिम्मत* भी ले ली सोचा हिम्मत के बिना तो जीवन में काम ही नहीं चलता...
थोड़ा और आगे *सहनशीलता* ली फिर *मुक्ति* का डिब्बा भी ले लिया... 

मैंने वह सब चीजें खरीद ली जो मेरे प्रभुजी मालिक को पसंद है, फिर एक नजर *प्रार्थना* पर पड़ी मैंने उसका भी एक डिब्बा उठा लिया..
वह इसलिए कि सब गुण होते हुए भी अगर मुझसे कभी कोई भूल हो जाए तो मैं प्रभु से प्रार्थना कर लूंगा कि मुझे भगवान माफ कर देना... 

आनंदित होते हुए मैंने बास्केट को भर लिया, फिर मैं काउंटर पर गया और देवदूत से पूछा, सर.. मुझे इन सब समान का कितना बिल चुकाना होगा... 

देवदूत बोला मेरे बच्चे यहां बिल चुकाने का ढंग भी ईश्ववरीय है, *अब तुम जहां भी जाना इन चीजों को भरपूर बांटना और लुटाना, जो चीज जितनी ज्यादा तेजी से लूटाओगे, उतना तेजी से उसका बिल चुकता होता जाएगा और इन चीजों का बिल इसी तरह चुकाया किया जाता है...*

कोई- कोई विरला इस दुकान पर प्रवेश करता है, जो प्रवेश कर लेता है वह माला-माल हो जाता है, वह इन गुणों को खूब भोगता भी है और लुटाता भी है...

प्रभू की यह दुकान का नाम है *सत्संग की दुकान* 
सब गुणों के खजाने हमें ईश्वर से मिले हुए हैं, फिर कभी खाली हो भी जाए तो फिर सत्संग में आ कर बास्केट भर लेना... 
.
*प्रभू की इस दुकान से एक चीज भी ग्रहण कर सकुं ऐसी कृपा करना.*

🙏🏻🕉🙏🏻

©A S
  #MoonShayari जीवन यात्रा

#MoonShayari जीवन यात्रा #प्रेरक

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A S

संस्कार 
 अनुभव के अभाव मे 
स्वयं को
अज्ञानता की सूली पर
 लटकाये रखने से ज्यादा कुछ नहीं.

अनुपमा

©A S
  #God संस्कार#अज्ञानता#सूली

#God संस्कारअज्ञानतासूली #समाज

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A S

जब भी तेरे 
अनकहे एहसास की आवाज को सुन पाती हूँ 
मैं ठहर सी जाती हूँ 

मन बैठा हुआ होता है 
कहीं शांत झील की 
गहराई में 
ख्वाहिशों के बवंडर को 
शांत हुआ पाती हूँ 
मैं जब भी तेरे अनकहे एहसास ........

तूने छूआ था 
मेरी रूह को एक बार 
और मैं हर रोज 
उस छुअन को सहलाती हूँ 
मैं जब भी...

तेरा कोई वादा ना था कभी 
साथ होने का मगर 
तुझे हर मोड़ पर 
खड़ा हुआ पाती हूँ 
मै जब भी..........       💦🌸

©A S
  #एहसास#सुन#ठहर#अनकहेएहसास#छुअन
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A S


समय को पकडऩे चली थी मैं
मैने कहा
   तू क्यों हर पल भागता फिरता है
   तेरा एक छोर पकड़ती  हूं
   तू दुसरे छोर से निकल जाता है
   मेरे हाथ क्यों नहीं आता
   तू रुके तो तुझे संवार लूं
   बहते पलो की सलवटे निकाल लूं
   अधुरा गीत सा बजता रहता है
   आ तेरी धुन पुकार लूं
   समय चलता रहा और मेरे कहे पे
   ठहाके लगा के हंसता रहा
   बोला पागल
   मेरे पीछे मेरे लिए मत भाग
   तू थमी रह  एक जगह
   मुझे मत पुकार
   हवा के झोंका सा उड़ता रहूंगा
   रुक गया तो कयामत को चुनुंगा
   तुम समझती क्यूं नहीं 
   मेरे साथ बहती क्यूं  नही 
   नहीं हूं मैं तेरी किसी रेस का घोड़ा
   मेरा तो वजूद ही है चलते रहना 

   सुन के मैं घबराई
   बात उसकी मेरी समझ में आई
   फिर उसने अपना एक टुकड़ा दिया।
   मैंने उस पे नाम तेरा लिख ​​दिया
   अब कहां तू जा पाएगा
   याद बन के मेरे रूह में ही बस जाएगा
   तू समय सा उड़ता रहा
   मैं हर पल की याद की चादर बुनती रही
   तू हर पल बिछड़ता  रहा
   मैं हर पल को संजोती रही

©A S
  #समय#बन्धन#अधुरागीतसा#पागल


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