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himanshusingh4408
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Himanshu Singh

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Himanshu Singh

दोस्ती उसी से करो..
 जो
दोस्ती निभाने का औकाद रखते हों II दोस्ती उसी से करो..
 जो
दोस्ती निभाने का औकाद रखते हों II

दोस्ती उसी से करो.. जो दोस्ती निभाने का औकाद रखते हों II

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Himanshu Singh

बिछड़े हैं कुछ दोस्त इस कदर..
यकीन मानो यकीन नहीं होता II बिछड़े हैं कुछ दोस्त इस कदर..
यकीन मानो यकीन नहीं होता II

बिछड़े हैं कुछ दोस्त इस कदर.. यकीन मानो यकीन नहीं होता II

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Himanshu Singh

मेरे हालातों पे हस मत ए दोस्त,
जितनी बार तूने कोशिस भी नहीं की
उतनी बार मे हार के खड़ा हो चुका हूँ II
          -दोस्ती मेरे हालातों पे हस मत ए दोस्त,
जितनी बार तूने कोशिस भी नहीं की
उतनी बार मे हार के खड़ा हो चुका हूँ II

मेरे हालातों पे हस मत ए दोस्त, जितनी बार तूने कोशिस भी नहीं की उतनी बार मे हार के खड़ा हो चुका हूँ II

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Himanshu Singh

तमन्नाओं से भरी हो जिंदगी,
ख्वाहिशो से भरा हो हर पल,
दामन भी छोटा लगने लगे,
इतनी खुशियां दे आपको आने वाला कलII

  - जन्मदिन की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं तमन्नाओं से भरी हो जिंदगी,
ख्वाहिशो से भरा हो हर पल,
दामन भी छोटा लगने लगे,
इतनी खुशियां दे आपको आने वाला कलII
  जन्मदिन की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं

तमन्नाओं से भरी हो जिंदगी, ख्वाहिशो से भरा हो हर पल, दामन भी छोटा लगने लगे, इतनी खुशियां दे आपको आने वाला कलII जन्मदिन की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं

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Himanshu Singh

जिस पर आँख बन्द करके भरोसा करो.. साला वही हमारी आँखे खोल देता हैं II
    - दोस्ती जिस पर आँख बन्द करके भरोसा करो.. साला वही हमारी आँखे खोल देता हैं II

जिस पर आँख बन्द करके भरोसा करो.. साला वही हमारी आँखे खोल देता हैं II

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Himanshu Singh

ग़द्दार दोस्त से तो
ईमानदार दुश्मन अच्छा
            - दोस्ती ग़द्दार दोस्त से तो
ईमानदार दुश्मन अच्छा

ग़द्दार दोस्त से तो ईमानदार दुश्मन अच्छा

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Himanshu Singh

खामोश चेहरे पे हजारो पेहरे होते हैं,
हस्ती आँखों में ज़ख़्म हज़ारो होते हैं I
जिनसे अक्सर रूठ जाते हैं हम, असल मे उन्हीं से हमारे रिश्ते गहरे होते हैं II खामोश चेहरे पे हजारो पेहरे होते हैं,
हस्ती आँखों में ज़ख़्म हज़ारो होते हैं I
जिनसे अक्सर रूठ जाते हैं हम, असल मे उन्हीं से हमारे रिश्ते गहरे होते हैं II

खामोश चेहरे पे हजारो पेहरे होते हैं, हस्ती आँखों में ज़ख़्म हज़ारो होते हैं I जिनसे अक्सर रूठ जाते हैं हम, असल मे उन्हीं से हमारे रिश्ते गहरे होते हैं II

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Himanshu Singh

मैं भिखारी भी बन जाऊँ तेरी खातिर I
कोई डाले तो सही मेरी झोली मे तुझे II मैं भिखारी भी बन जाऊँ तेरी खातिर I
कोई डाले तो सही मेरी झोली मे तुझे II

मैं भिखारी भी बन जाऊँ तेरी खातिर I कोई डाले तो सही मेरी झोली मे तुझे II

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Himanshu Singh

इतने खाली खाली से है कि ग़म से भरे गए.
सब को समेटने वाले हम आज खुद बिखर गए II
                - दोस्ती इतने खाली खाली से है कि ग़म से भरे गए.
सब को समेटने वाले हम आज खुद बिखर गए II
                - दोस्ती

इतने खाली खाली से है कि ग़म से भरे गए. सब को समेटने वाले हम आज खुद बिखर गए II - दोस्ती

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Himanshu Singh

गलतियां भी होगी और गलत भी समझा जाएगा I
यह जिंदगी है जनाब.. यहा तारीफे भी होगी और कोसा भी जाएगा II गलतियां भी होगी और गलत भी समझा जाएगा I
यह जिंदगी है जनाब.. यहा तारीफे भी होगी और कोसा भी जाएगा II

गलतियां भी होगी और गलत भी समझा जाएगा I यह जिंदगी है जनाब.. यहा तारीफे भी होगी और कोसा भी जाएगा II

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