Nojoto: Largest Storytelling Platform
rituraj1290
  • 173Stories
  • 22Followers
  • 1.5KLove
    227Views

Ritu Raj

www.RituRajPoetry.com

  • Popular
  • Latest
  • Video
59ff4c3c03fdaf445183b28c27d1b9a1

Ritu Raj

वो चोट जीसकी मरहम़ ना मीला - जैसे जख्म़ अब भी गहरे हैं,
    जज़्बात झूठी - जैसे काली रात,
सौ सफ़ेद लीब़ास पिछे - चेहरे हैं !!

हैं नश़्ल फूलों की एक जैसे - खुशबू सारे एक लगे ,

गये फूल लाने - बच काँटे सारे ,
  दिखा भवरों के फूल पे - पहरे हैं !!

सौ तंत्र रंग में लाए वो - षड्यंत्र संग में लाए वो,
 है शाम अग़र बेश़क उनकी ,वो शाम भी - सनम मेरे हैं !
      
हैं जीतने चाल - उन्होने- चल दिए,
मैंने उससे ज्यादा - लीखावट को - पल दिए ,
      
इतने चाल कभी वो ना चल सके,
जीतने स्याही बहाए - कलम़ मेरे हैं !!


     By ऋTu राज .....✍🏻

©Ritu Raj #SAD
59ff4c3c03fdaf445183b28c27d1b9a1

Ritu Raj

वो आए इस कद़र - तूफ़ाँ को संग लाते हुए,
      सौ दर्द़ की दिवार - सजा़ते हुए !

                                                                                                  वो आए इस कद़र - 
                                                                        लीए टूकड़े ख्वाब़ के - अँगराते  हुए !
         .                                                                देख खुद ही खुद को - मनाते हुए !

क्या तूमने वो आग़ की लपटें देखी है ?
                  जिनमें ख्वाहिशें तब़दिल हो रही हो ,      
                                                                                                 तो आओ,
                                                                                       दिखाऊँ, अपनों को ही -
     
                                                                            खुशियों  कि चिता - जलाते हुए !!


                                                      By ऋतु राज✍️

©Ritu Raj #Identity
59ff4c3c03fdaf445183b28c27d1b9a1

Ritu Raj

_ऐसी ना आदत तेरी - कि करूँ ख़िलाफत मैं,_
     _हुई अब भी ना कमी मानों - मेरी चाहत में !_
_पर, लीखना अब छोड़ दिया मैने है - तूझे हर नज़्म में अपनी ,_

_और ना दलील पेशी होगी ना - सबूत माँगे जायेंगे ,_
  _सीधा कलम से करुँ फैसला -  आ मेरी अदालत में !!_

        रूह़-ए-कलम



  By ऋतु राज ✍️

©Ritu Raj #IFPWriting
59ff4c3c03fdaf445183b28c27d1b9a1

Ritu Raj

#HeartfeltMessage
59ff4c3c03fdaf445183b28c27d1b9a1

Ritu Raj

मैने देखे जीतने ख्वाब़ - हर ख्वाब़ में है पास तू,
                             
                                              धूप में फ़िरता रहुँ मैं - सूकूँ कि मेरी रात तू ,

जला दुँ मैं दुनियाँ को - तेरे मेरे प्यार से,
      
                                     तूझ ही  में मेरी दूनियाँ   -  मेरे जब होती है साथ तू !!

©Ritu Raj #RoseDay2021
59ff4c3c03fdaf445183b28c27d1b9a1

Ritu Raj

मैने देखे जीतने ख्वाब़ - हर ख्वाब़ में है पास तू,
    बेचैन मेरा दिल - सूकूँ कि मेरी रात तू,
      जला दुँ मैं दुनियाँ को - तेरे मेरे प्यार से,
      है तूझ ही  में मेरी दूनियाँ - मेरे जब होती है साथ तू !!


       ~      ऋतु राज

©Ritu Raj #Rose
59ff4c3c03fdaf445183b28c27d1b9a1

Ritu Raj

आज बेबाक हुए अल्फ़ाज़ मेरे - तो ऐसे कैसे छोड़ दुँ ,
    इन्हें अब भी चादर बना - जिश़्मों पर ओढ़ लुँ ,
      हैं अब भी कुछ निशानियाँ - जो उसे लफ़्जों से सज़ाया था ,
  
  इक कलम ही है ग़वाही - उस कलम को कैसे तोड़ दुँ ? 

          ~     ऋतु राज

©Ritu Raj #Dark
59ff4c3c03fdaf445183b28c27d1b9a1

Ritu Raj

सूना है - खोई-खोई सी रहती हो,
    ग़र खोना ही है - तो कहो शाम लीख दुँ ?
   कोई, कस़र रह गई थी - अगर मोहब्बत़ में,
        तो इक पैग़ाम लीख दुँ ?

मैं लीखा तो नहीं - तूम्हारी लकीरों में शायद,
शायद नसीबों को - ना मंजूर हुई होगी,
 तूम्हें छीन खुदा को भी दर्द़ - हाँ जरुर हुई होगी !
  
 जो रहे ईश़्क अधुरे हमारे - आज - तूम्हें ईश़्क का सलाम लिख दुँ ?
    आज-कल हिर - कलम है मेरी,
तो इक गज़ल तूम्हारे नाम लीख दुँ ?
      
     ग़र लीखुँगा - तो लीखुँगा - मैं पन्नों पर इतनी दफ़ा तूम्हारा नाम !
       कि, नज़ीरें चिख उठेगी कह - 
तूम्हें शायरी भी और - अपनी पूरी आवाम़ लीख दुँ !! 
            इक गज़ल तूम्हारे नाम लीख दुँ ?
  
By ~ ऋतु राज ✍🏻

©Ritu Raj #Identity
59ff4c3c03fdaf445183b28c27d1b9a1

Ritu Raj

तेरी जूल्फें-तेरी आँखें - क्या उल्फ़त सी लाई है !
कि जब देखें - जिधर देखें - वहाँ शामत़ सी आई है !
    
                                
                                    तेरा वो मुस्कूरा जाना - तेरा बाहों में आ जाना ,
                                    मेरी बाहों को क्या तूमने तेरी - आदत़ दिलाई है,
         

तिहार सी कैदखाना तूम तो हम - कैदी तूम्हारे हैं !
       चले आये तूम्हारी कैद में हम,
 
     जो तूमने भी  चाहत दिखाई है !!

                              By - ऋतुु राज

©Ritu Raj #Lumi
59ff4c3c03fdaf445183b28c27d1b9a1

Ritu Raj

चेहरे एक - मूखौटे सात है,
          
                                                               
                                                            
                                                और उसने कहा - वो मेरे साथ है !


छोड़ो कसमें - वादों की हम - दुहाई क्या दें,
   

                                                     जब मानों संग पूरी आवाम पर,
                                                            

                                                                वो मेरे खीलाफ़ है !!

         ~ ऋतु राज

©Ritu Raj #baarish
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile