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panditvaibhav8209
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Pandit Vaibhav

सबके कर्ज़े चुका दूं मरने से पहले ऐसी मेरी नीयत है, मौत से पहले बता दे ज़िन्दगी तेरी क्या कीमत है

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Pandit Vaibhav

छा गया है धुआँ खो गया आसमां,
इश्क़ तेरा मेरा बन गया रहनुमा ।
(वैभव पंडित) वैभव की कलम से

वैभव की कलम से

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Pandit Vaibhav

मुलाकातों मे न सही बातों में सही,
इन सर्द और खुश्क रातो मे सही,
इश्क़ तो परवान चढ़ता ही रहेगा,
दिल हार ही लेंगे शह और मातों मे सही
(वैभव पंडित) वैभव की कलम से

वैभव की कलम से

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Pandit Vaibhav

बेशक़ मुफलिसी ने बांध रखा हो,
चलो पर ख्वाब तो देख सकते हैं,
बहुत महंगी हैं रोशनी बाज़ारो मे,
चलो आफताब तो देख सकते हैं ।
(वैभव पण्डित) वैभव की कलम से

वैभव की कलम से

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Pandit Vaibhav

Winter and Snowfall  गुनगुनी धूप में जाड़ो का असर देख लिया,
आज यूं हमने एक जाड़ो का नगर देख लिया,
पड़ी थी दूर तलक ओस की ठंडी बूंदे,
मुद्दतो बाद यूं जाड़ो का सफर देख लिया ।
(वैभव पंडित) vaibhav ki kalam se

vaibhav ki kalam se

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Pandit Vaibhav

उठी जो आवाज़ ज़मी पर आसमां तक जायेगी,
टकराती हुई ये उठकर दो जहां तक जाएगी,
अब होगा मुक्कमल मेरी मेहनत का फैसला,
अब शोहरत ये देखना मेरी कहां तक जाएगी ।
( वैभव पंडित ) vaibhav ki kalam se

vaibhav ki kalam se

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Pandit Vaibhav

नदियाँ तो मिल गईं किसी समंदर को ढूंढ लो,
जो घेर ले दुश्मन को उस बवंडर को ढूंढ लो,
इतना क्यों सहमते हो तुम किससे डरते हो,
जो डर को दे डरा किसी उस डर को ढूंढ लो ।
( वैभव पंडित ) वैभव की कलम से

वैभव की कलम से

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Pandit Vaibhav

लिए हैं आग इस दिल मे रखे शोला इस मुट्ठी में,
दफन है राज़ न जाने ये कितने मन की चिट्ठी में,
ये माना फैसले होते नहीं इन दिल के सौदों के
दबे हैं सैकड़ो कितने ही इस दुनिया की मिट्टी में 
( वैभव पंडित ) वैभव की कलम से

वैभव की कलम से

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Pandit Vaibhav

महज़ इक शफ़ का दायरा रह गया,
मेरे हाथों से एक और मुशायरा रह गया ।
( वैभव पण्डित ) वैभव की कलम से

वैभव की कलम से

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Pandit Vaibhav

महज़ मुफलिसी ही दामन को नहीं छोड़ती,
साथ बेदर्दिया भी उसका पीछा नहीं छोड़ती,
भूख और दर्द से अब जीना उसका है मुश्किल,
पर ये जान भी कमबख्त उसको नहीं छोड़ती ।
( वैभव पण्डित ) वैभव की कलम से

वैभव की कलम से

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Pandit Vaibhav

तेरी खामोशी मेरे ज़ेहन को झंझोड़ देती है,
एक एक कतरा दिल के लहू का निचोड़ देती है
( वैभव पण्डित ) वैभव की कलम से

वैभव की कलम से

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