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Anand singh बबुआन

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Anand singh बबुआन

White गांव हमारा गांव रहा ना,अब हर तरफ सन्नाटा है।
एक दोस्त परदेश को जाए,जब दूजा घर आता है।

वो पीपल का पेड़ वन्ही है,उसकी छांव में कोई नही है।
ऐसा लगता गांव में आके,जैसे गांव में कोई नही है।
पुरवा की पुरवइया भी,मन को नही लुभाता है।
गांव हमारा गांव रहा ना,अब हर तरफ सन्नाटा है।।

इट के पक्के घर सजे है,कूलर या फिर ए.सी से।
इतना विदेशी पन भरा है,दूर हुए पन देशी से।
वही गांव के डीह बाबा,वोही मंदिर और विधाता है।
गांव हमारा गांव रहा ना,अब हर तरफ सन्नाटा है।

हवा ही दुसित नही हुई है,अब हीन भावना फैली है।
बस मतलब ही है भरा हुआ,दजनीति की शैली है।
द्वेष भावना इतनी भरी है,मन कुंठित हो जाता है।
गांव हमारा गांव रहा ना,अब हर तरफ सन्नाटा है।

©Anand singh बबुआन #Road

16 Love

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Anand singh बबुआन

जब मंजर हो गया हासिल,मुझे मेरी तबाही का।
सफाई क्या ही देना फिर,अपनी बेगुनाही का।

सितम जब है भरे दमन में,मेरे फूल की तरह।
फिर क्या ही करेंगे आरज़ू ,हम दर्दे दवाई का।

अपनो से ही जब सुननी पड़े गैरत भरी बाते।
खुदा से क्या करे सजदा,फिर हम दुहाई का।

सज़ा भी है मुकर्रर अब,जब मेरी कहानी में।
जुबां से नाम क्या लेना,फिर उस हरजाई का।

फटे जाते है अब भी कान के पर्दे मेरे साहब।
सुना रख्खा है जब से शोर,मैंने शहनाई का।

©Anand singh बबुआन #achievement

15 Love

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Anand singh बबुआन

होकर हमें तुम हासिल,हासिल नही हुए।
कश्ती का मेरे तुम तो,साहिल नही हुए।2
बेसक जेहन में अपने,लाखो सवाल रखना।2
बस इतनी बात मानो,अपना ख्याल रखना।2

तुम खुद को हुर कहना,या कोहिनूर कहना।
हो जाओ तुम दफ़ा अब,हमसे हुजूर कहना।2
काबिल ना थे तुम्हारे,दिल मे मलाल रखना।
बस इतनी बात मानो,अपना ख्याल रखना।2

हम खुद भी मानते है,हमी बेवफा हुए है।
सब मेरी गलतियां थी,जिसपे खफा हुए है।2
अब छुप के भी किसी से,ना मेरा हाल रखना।
बस इतनी बात मानो,अपना ख्याल रखना।।2

©Anand singh बबुआन #Affection

13 Love

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Anand singh बबुआन

अब साबित मेरी,उस दिन बेगुनाही होगी।
जब दीवार की,तस्वीरों से गवाही होगी।2

मैं गुनेहगार हूं तो,दो बेसक सज़ा मुझको।
दलीलों में तो बस बातों की उगाही होगी।

मेरे अपनो की निगाहों ने है किया चोटिल।
मेरे इस दर्द की ज़हर ही अब दवाई होगी।

याद रखना हमे ये बेअदब बताने वालों।
रस्मे उलफ़त तो हमने भी निभाई होगी।

मेरा मंजर मेरा घरोंदा तबाह करने वालो।
तरीके एहतराम करना जब तबाही होगी।

©Anand singh बबुआन #achievement

13 Love

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Anand singh बबुआन

धड़कनों की जिद से,जल रही है सांसे।
यूँ मेरा ही बोझ लेकर,चल रही है सांसे।

वैसे तो हर दफ़ा ही,उन्मांद की कमी थी।
फिर किस लिए अब मचल रही है सांसे।
यूँ मेरा ही बोझ लेकर,चल रही है सांसे।

मुमकिन मुकाम हासिल,ना हमसे हो सका।
फिर भी तो संग हमारे,टहल रही है सांसे।
यूँ मेरा ही बोझ लेकर,चल रही है सांसे।

इस उम्र के पड़ाव पे,जब देखता हूं खुद को।
आहिस्ता रुख अपना,बदल रही है सांसे।
यूँ मेरा ही बोझ लेकर,चल रही है सांसे।

सौदा था उम्र भर का,वो उसको निभा रहा।
हो कोई बर्फ जैसे,बन पिघल रही है सांसे।
यूँ मेरा ही बोझ लेकर,चल रही है सांसे।

©Anand singh बबुआन #fog

9 Love

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Anand singh बबुआन

नही जिना तुम्हारे बिन,ये बाते सुन चुकी हूं मैं।
रही बाते वफ़ा की तो,उसे भी चुन चुकी हूं मैं।2
तुम्ही हो खुदा मेरे,तो कुछ ऐसा कर जाओ।
मेरे मरने पे क्या रोना,मेरे रोने पे मर जाओ।2

उमर भर की दिलासा से,ना मन को सवारों तुम।
हकीकत के बस दो पल,मेरे संग में गुजरो तुम।
संवारो चाहत से मुझको,खुद भी संवर जाओ।
मेरे मरने पे क्या रोना,मेरे रोने पे मर जाओ।2

मैं प्यासी हु मोहब्बत की,कुछ बूंदे तो बरसा वो।
तड़प के मर ही जांऊ मैं,मुझे ना इतना तड़पा वो।
मुझे खुद में समेटो या,कह दो बिखर जाओ।
मेरे मरने पे क्या रोना,मेरे रोने पे मर जाओ।2

ये मेरी सांसे तेरी चाहत,तेरी चाहत मेरा जीना।
चली जाऊंगी दुनिया से,ज़हर पड़ जायेगा पीना।
मुझी को ढूंढोगे हरदम,फिर चाहे जिधर जाओ।
मेरे मरने पे क्या रोना,मेरे रोने पे मर जाओ।2

©Anand singh बबुआन #ballet

16 Love

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Anand singh बबुआन

बुला कर देखेंगे तुमको,हम अपने भी ख्वाबो में।
तुम्ही को लिख रहे है हम,सवालों के जबाबो में।
करेंगे ऐसी हम चाहत,कोई भी जान ना पाए।
पढ़ेंगे रोज़ अब तुमको,मोहब्बत की किताबो में।

लगे है झील के जैसी,तुम्हारी सुरमई आंखे।
खटकती है मुझे हरदम,कोई चुपके से है झांके।
नशा जितना नज़र में है,कंहा होता शराबों में।
पढ़ेंगे रोज़ अब तुमको,सनम हम तो किताबो में।

जो खुसबू ढूंढने में,तितलीयां भी बहकती है।
महक तेरे बदन की तो,फिज़ाओ में मेहकती है।
नज़र आता है ये चेहरा,हमे फिर तो गुलाबो में।
पढ़ेंगे रोज़ अब तुमको,सनम हम तो किताबो में।

©Anand singh बबुआन #GoldenHour

12 Love

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Anand singh बबुआन

मेरी चाहतो पे तुझको जब ना यकीन है।
मन साफ मेरा तुझको,लगता मलिन है।2
राधा सा प्रेम तुझसे,अब श्याम जी करे।
हूँ करता दुवाये तेरा,भला राम जी करे।2

सूरत तुम्हारी मूरत,दिल है मेरा शिवाला।
कैसे भुलाओगे वो,फेरो की ली जो माला।2
आप मेरे लिए ये जीना,ना हराम जी करे।
हूँ करता दुवाये तेरा,भला राम जी करे।2

मेरा चैन'ए" सुकु भी,तो चुराया है आपने।
फिर बाद नजरो से,तो गिराया है आपने।2
ना संग तेरे कुछ ऐसा,घनश्याम जी करे।
हूँ करता दुवाये तेरा,भला राम जी करे।2

जब झूठ सच की तरह,लगने लगा है अब।
तू भी वही तो देखा,जो समझते रहे है सब।2
आप जितना चाहे,मुझे बदनाम जी करे।
हूँ करता दुवाये तेरा,भला राम जी करे।2

©Anand singh बबुआन #GoldenHour

14 Love

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Anand singh बबुआन

हो जायेगे आप भी,फिर कंगाल की तरह।2
जो मैं भी गुज़र गया,इस साल की तरह।2

अभी आप के लिए हु,एक बदनसीब मैं।
क़ीमत पता चलेगी,जो रहा ना करीब मैं।2
आऊंगा ख्वाब में भी,बस ख्याल की तरह।
जो मैं भी गुज़र गया,इस साल की तरह।2

थमेगा हाथ ना कोई,गिरते फिरोगे आप।
तो आँशु ज़हर नसीब,करते फिरोगे आप।2
होंगी तन्हाइयां मुकद्दर,मेरे हाल की तरह।
जो मैं भी गुज़र गया,इस साल की तरह।2

मेरी हक़ीक़ते भी,है लगती फरेब अब।
फिर याद मेरी बातें,तुम करते रहोगे सब।2
ये लगने लगेगी जिंदगी,जंजाल की तरह।
जो मैं भी गुज़र गया,इस साल की तरह।2

©Anand singh बबुआन #feelingsad

11 Love

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Anand singh बबुआन

भेट आके कइले रहु,जान जनवरी में।
कइले परपोज़ रही,तोहे फरवरी में।2
तोहरा बिना मार्च त,मोहाल होई हो।
त कइसन ये जान,नया साल होई हो।2

अरे भर अप्रैल तू त,रहत रहू घरे।
हमे मई में बोलवले रहू,पिपरा तरे।
चोरी चुपे प्यार के उ लिहल अंगड़ाई।
बिना तोहरे जून जस,करेजा मोर जरे। 2
जब चुम्मवे ला होंठ ला,ना गाल होई हो।
त कइसन ये जान,नया साल होई हो।2

आई जुलाई लेके सीजन अडमिंशन के।
होई अगस्त बरसात वाला सीजन के।
कइसे के सितम्बर,मनाइब जन्म दिन।
करत इंतजार जब,रही बिना रीजन के।2
जब अक्टूबर नवम्बर बुरा हाल होई हो।
त कइसन ये जान,नया साल होई हो।2

©Anand singh बबुआन #travelogue

12 Love

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