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rohinisingh9694
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Rohini Singh

आशु कवि, लघु कथा लेखक, मानस विज्ञान स्वयंसेवक तथा दर्शन का अध्येता। अवकाश प्राप्त सहायक लेखाधिकारी।।

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Rohini Singh

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset "रक्षको यत्र भक्षक:" उक्ति
चरितार्थ हो रही है
वंचितों की राहत राशि
व्यर्थ खो रही है।।

©Rohini Singh #SunSet
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Rohini Singh

New Year 2024-25 उपनिषद मानव की जीवित अवस्था को जलविहीन बंद अंध गहरे कूप(अस्तित्व) में उल्टा लटका हुआ मानता है  जो सांस रूपी पट्टी से वाह्य जगत से संबद्ध है।मानव अन्धकूप के दुर्गंध और सीलन को
स्वादिष्ट व्यंजन मानता हुआ वासना रूपी लार से संसार के लौकिक गीले मुख में प्रविष्ट होने की अमंगल कामना के द्वारा अधोगति और विनाश को प्राप्त होता है।

©Rohini Singh #NewYear2024-25
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Rohini Singh

White सत्यम नाश्रितम प्रमाणम
हीरा स्वयं अपना मूल्य नहीं आंकता
कोयल गायकी का प्रमाण स्वयं नहीं देती
मीठे जल संग्रह पर कुआं नहीं इतराता।।

©Rohini Singh #GoodMorning
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Rohini Singh

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset बदनामी से भला क्या डरना
लोकप्रिय हुए तब तो किया
किसी ने दुष्ट बुद्धि से बदनाम
इसीलिए बदनामी से
भला हमारा क्या काम
हम तो हंसगुल्ले खाते हैं,खिलाते हैं 
दर्द को बोरा बांध
कांधे पर लादे जाते हैं।।

©Rohini Singh #SunSet
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Rohini Singh

Unsplash आपस में लगाव था
गांव में अलाव था
घूर भी कहते थे
सब घेर बैठते थे
हाथ देह तापते थे
सुकून रोज छापते थे
अब वक्त बदल गया
चली जबसे नई हवा
अब ब्लोअर,हीटर हैं
गर्म देह रीडर हैं।।

©Rohini Singh #lovelife
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Rohini Singh

Unsplash सर्दी को आज खुद
लग गई है ठंड
एल ओ सी पर घूम रही थी
ययायक गई ठंड से जम।।

©Rohini Singh #camping
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Rohini Singh

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset मैं अपनी जिंदगी मन मुताबिक ही बिताऊं प्रतिक्षण
या आपकी प्रतीक्षा में ग्लानि भाव प्राप्त करूं
किसी की बातों का मान रखना और बात
पर किसी  का गुलाम  होना बहुत बुरी बात।।

©Rohini Singh #SunSet
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Rohini Singh

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset सरस्वती वर दे
कुमति हर ले
विवेक पुष्ट कर
मेधा संतुष्ट कर।।

©Rohini Singh #SunSet
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Rohini Singh

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset क्या हुआ जो गिर गया फर्श पर
हाथ पैर में चोट है माना 
अस्तित्व जब है  चेतना के शिखर पर
तेरा वजूद करता चला जाएगा मस्तियां।।

©Rohini Singh #SunSet
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Rohini Singh

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset मत बोल धीरे से भी
तेरा वक्त बहुत बुरा है
अंदर एक सिरफिरा है बैठा
तुझपे  मजबूती से वार करेगा।।

©Rohini Singh #SunSet
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