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shahidarmankhana5801
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Shahid Arman khanabadosh

safe journeys seldom make good stories!

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Shahid Arman khanabadosh

itna to ehtiyaat rakhein aap aur ham, ke apni khwahish ko ulfat ka naam na de dein!
wo jo alfaaz dil ke dhadkano se na nilkein, unhe ham paak muhabbat ka naam na de dein!
itna to ehtiyat rakhein aap aur ham, ke apne aap ko hi koi dhoka na de dein!

©Shahid Arman khanabadosh
  #wordgasm

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Shahid Arman khanabadosh

ज़िन्दगी तू इतनी क्यों उलझी हुई है!
रात दिन के जंग में तू कट रही है!!
चंद सफ़हो का ही था किस्सा अगर मैं,
ये किताबे ज़िन्दगी फिर क्यों बड़ी है!!
मौत ने इक दिन ये पूछा ज़िन्दगी से,
बेवफा तू किस क़दर ज़िद पर अड़ी है!!
मान भी जा ज़िद का शीशा तोड़ भी दे!
सांस ले पर  ज़िंदा रहना छोड़ भी दे!!
ज़िन्दगी ये सुन के बिल्कुल डर गई !
मौत से पहले ही थोड़ी मर गयी!!
फिर जुटाके उसने अपने हौसले,
ज़ख्म उसने दिल के सब करके हरे,
टूटती साँसों से फिर लड़ने लगी,
ज़िन्दगी कुछ ज़िद पे फिर अड़ने लगी,
मुस्कुराकर मौत से कहने लगी,
मेरी ज़िद अब और भी बढ़ने लगी!!😊 #nojoto #zid #zindagi #motivation #life
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Shahid Arman khanabadosh

पैरों के चन्द आबलों से अगर घबराता मैं,
तो शायद मुहब्बत की राह ना अपनाता मैं!
किसी पे मरने को ज़िन्दगी ना समझता फिर,
इश्क़ का फलसफा मुझे खाँम ही लगता फिर!
तुम अगर नाज़ुक हो तो इसरार नही चलने का साथ,
भूल जाओ के हमारे दरमियाँ थी कोई बात!
मैने तुम को चाह कर आज़ादे बंदिश कर दिया,
और उस बंदिश में ख़ुद को कैद भी है कर लिया!
अब यही ग़म है, ख़ुशी भी है इसी फरियाद में,
उम्र सारी काटनी है अब तुम्हारी याद में! #bandish

21 Love

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Shahid Arman khanabadosh

 #love
#nojoto

10 Love

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Shahid Arman khanabadosh

 #khanabadosh
#me #unfettered
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Shahid Arman khanabadosh

तू हार पे प्रहार कर! तू जीत को भी पार कर! तू दर्द को धनुष बना, नज़र को अपनी धार कर, यही है धर्म युद्ध का, ये नियति का है फैसला, ये वख्त की पुकार है, तू फिर से एक बार कर! तू दुख में क्यूँ विलीन है, तू अब भी दृष्टि हीन है, हृदय तेरा अनाथ है, तू बस दया का पात्र है, जो गिर के भी रुका नही विजयी उसी के साथ है!  तू हौंसलों को दम लगा, तू कर्म का मरहम लगा, जो ज्वाला सा भड़क उठे हृदय को ऐसा ग़म लगा! तू कर्म  ऐसा कर्म कर, परिणाम से हो जो निडर, तू राहतों को चीर दे, तू हारने का तज दे भय, तू रुक गया तो रुक गया  ये ज़िन्दगी का कारवां, थको नही उड़ान से पुकारता है आसमां! #vijay #nojoto #yudh #khudi
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Shahid Arman khanabadosh

तुम क़ामिल तो नही पर मुक़म्मल करती हो मुझे,
जैसे परछाई मेरे संग चला करती हो,
फ़र्क़ इतना सा है परछाई रोशनी में है साथ,
तुम अंधेरों में भी तो साथ मेरे चलती हो!
यूँ नही के मेरे संग राह में कांटे ही नही,
तुम इन काँटो की भी परवाह कहाँ करती हो!
गर मुहब्बत है दवा तो फ़क़त तुम ही हो तबीब,
मेरे हमदम मेरे हर दर्द का शिक़वा है अजीब,
दर्द कहता है तबीब ही सबबे मर्ज़ भी है,
और उल्फ़त का मुनाफा तो महज़ दर्द ही है! दर्द तुम क़ामिल तो नही पर मुक़म्मल करती हो मुझे,
जैसे परछाई मेरे संग चला करती हो,
फ़र्क़ इतना सा है परछाई रोशनी में है साथ,
तुम अंधेरों में भी तो साथ मेरे चलती हो!
यूँ नही के मेरे संग राह में कांटे ही नही,
तुम इन काँटो की भी परवाह कहाँ करती हो!
गर मुहब्बत है दवा तो फ़क़त तुम ही हो तबीब,
मेरे हमदम मेरे हर दर्द का शिक़वा है अजीब,

दर्द तुम क़ामिल तो नही पर मुक़म्मल करती हो मुझे, जैसे परछाई मेरे संग चला करती हो, फ़र्क़ इतना सा है परछाई रोशनी में है साथ, तुम अंधेरों में भी तो साथ मेरे चलती हो! यूँ नही के मेरे संग राह में कांटे ही नही, तुम इन काँटो की भी परवाह कहाँ करती हो! गर मुहब्बत है दवा तो फ़क़त तुम ही हो तबीब, मेरे हमदम मेरे हर दर्द का शिक़वा है अजीब,

11 Love

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Shahid Arman khanabadosh

  #mom #nojoto #purelove #khanabadosh
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Shahid Arman khanabadosh

शायद तुम ग़लत हो, हाँ ग़लत हुँ मैं!
जब मैंने उसको उससे ज़्यादा जानना चाहा, तो ये ख़ता थी मेरी!
हाँ जब उसके हर पोस्ट मे ख़ुद को ढूंढना चाहा, तो ये ख़ता थी मेरी!
जब practical हुए बग़ैर उसकी नादनोयों को मैने ख़ूबसूरत माना, तो ये ख़ता थी मेरी!
जब उसके वजूद को अपनी नज़रों से ढांकना चाहा,तो ये ख़ता थी मेरी!
पर ज़रूरी तो नही के मेरी खताएं मुहब्बत न हो!
ये रब का फैसला तो नही के जहां ख़ता हो वहां उल्फत न हो!
हाँ जब उसका हाथ थामा था तो रूह सिहर गयी थी लम्स से उसके, और वो भी सर्द पड़ गयी थी मेरी तपिश से!
हाँ खताएं हम दोनों ने की थी, पर यूँ भी नही के मुहब्बत नही थी!
और भी चेहरे थे कई सुर्ख़ ओ शीरीं, पर मुहब्बत में वही लगती हसीं थी!
हाँ उसके हर ज़र्रे में फ़ना हो जाने की चाहत शायद ख़ता थी!
पर रोका है ख़ुद को ये मुहब्बत थी, वफ़ा थी!
हाँ ग़लत हुँ मैं, के मुहब्बत का फ़लसफ़ा पढ़े बग़ैर कर ली आशिक़ी!
पर plan करके तो नही होती मुहब्बत,
Plan करके तो जंगे लड़ी जाती हैं! और हमारी तो बिना किसी plan के नज़रें लड़ी थी!
हाँ शायद अक़्ल का भी कुछ क़ुसूर है इसमें,
वो महज़ बैठा तमाशा देखता है!
पर अक़्ल कब इश्क़ से वाकिफ हुआ है!
ख़िरद कब उतरा है सेहरा के सफर में, कब उसे उल्फ़त से कोई राब्ता है!
और कुछ होगा नही जिसमे ख़ता है, हाँ ग़लत हूँ मैं, अगर उल्फ़त गुनाह है! 
पर मुहब्बत आरज़ी रिश्ता नही है! इस गुनाह से उम्र भर तौबा नही है!
हाँ ग़लत हूँ मैं...के तेरी हर कमी को....तेरी खूबी ही समझता जा रहा हूँ!
इश्क़ का शायद यही माज़ी रहा है, मैं वही तारीख़ फिर दोहरा रहा हूँ! #reply2yahyabootwala #shayadtumgalatho #yahyabootwala #khata #love
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Shahid Arman khanabadosh

गिरते है चेहरों से नक़ाब आख़िर,
टूट जाता है हर एक ख़्वाब आखिर!
औरों को क्या हम इल्ज़ाम दें भला,
जुर्म हमने भी किये है जनाब आख़िर!
गर कुरेदो ना तुम इन ज़ख्मो को,
वख्त भर देता है हर दाग़ आख़िर!
धुन्दला दिखता है हर मंज़र मुझको,
जैसे बादल बसे हों आँखों में!
ग़म भी तन्हाइयों से घबराकर,
छोड़ देता है वो भी साथ आख़िर!
अब मैं अक्सर ही मुस्कुराता हूँ,
ज़िन्दगी भी तो है मज़ाक आख़िर!


 #nojoto #comeback #zindagi #love #life
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