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zishanazam1585
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Zishan Azam

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Zishan Azam

Moving around for the love 
The cure and console 
The sun that kissed me
That burnt my soul

©Zishan Azam
  #zishu_luv
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Zishan Azam

तेरे इर्द-गिर्द यूँ बरसों तलक मैं भटकता रहा, 
न तेरा  इश्क़  था मेरा , न तू  मेरा  रहा।
खुशफ़ह्मो तेरे होने की मैं दिल में क्यों रखता रहा,
ग़लतफ़हमी सहेजे हुए ये दिल मेरा दरकता रहा।
अश्क़ निकलेे ,क़शक़ थी भाई... 
पर दोस्त दिल ये धरकता रहा 



इर्द-गिर्द: आस-पास  
दरकना: दबाव से फटना #5words
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Zishan Azam

दुश्मनान-ए-दिल से दिल-ए-नादाँ ने मुहब्बत की इससे ग़ुरेज़ क्या
अब तो मुस्कुराने की बस वज़ह ढूँढ़िये। #5words
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Zishan Azam

तेरे इर्द-गिर्द यूँ बरसों तलक मैं भटकता रहा,
न तेरा  इश्क़  था मेरा , न तू  मेरा  रहा।
खुशफ़ह्मी तेरे होने की मैं दिल में क्यों रखता रहा,
ग़लतफ़हमी सहेजे हुए ये दिल मेरा दरकता रहा।
अश्क़ निकल ,क़शक़ थी.... 
पर दोस्त दिल ये धरकता रहा।



इर्द-गिर्द: आस-पास 
दरकता: दबाव से फटना #5words
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Zishan Azam

तेरी चाहतों से ये दिल  चाहत-परस्त  सा हो गया ,
कहा गया ज़मीर मेरा ,मैं किस जंगल में खो गया। #5words
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Zishan Azam

आशिकी को आशिक़ो  का एहतराम चाहिए ,
तू देख मेरी तिशनगी ,मुझे बस इक और शाम चाहिए।




एहतराम:respect 
                    तिशनगी :strong desire, thirst #5words
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Zishan Azam

शहिंशा-ए-हिन्द  को भी इनायत  चाहिए ,
दिल नादाँ है ,मुझे तो बस हिदायत चाहिए।



इनायत: कृपा 
              हिदायत: रास्ता दिखाना #5words
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Zishan Azam

ज़िन्दग़ी-ए-मुख़्तसर में आज़माइशे इश्क़ चाहता था।
फ़रेब था वो फरेब उसकी ज़ात थी,
ज़िस्म  की चाह  थी उसे ,नुमाइशे  हुस्न  चाहता था।




मुख़्तसर: chhoti si 
आज़माइश: experiment #5words
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Zishan Azam

तेरे आँखों से आँखों को मिलाने की  इजाज़त चाहता हूँ।
मुमकिन हो अगर.., इस बेरंग ज़िन्दग़ी से फ़राग़त चाहता हुँ। 
ये तेरी  मुहब्बत की  हेररत है या हुस्न  की  इल्तिफ़ात ...
मैं अपनी  ज़ात  का  तेरी  रूह  से  हिरासत  चाहता  हूँ। #5words
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Zishan Azam

मै वो सूखी जमी बनने को तरसता रहा
बारिश बनकर, जिसपर तु मुसलसल बरसता रहा।

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