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anitaagarwal4475
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Anita Agarwal

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Anita Agarwal

अनुयाई से नेतृत्व तक का सफर जिस देश ने किया है
आजादी के संघर्ष को... हर साँस में जिया है।
बदलाव आया जो अब उसकी वैश्विक भूमिका में.
पिछड़ा नहीं कहाता अब वो, विश्व का मुखिया है।

परचम उसकी बुलंदियों का जगत में फहरा रहा 
आत्मनिर्भरता की ताकत से परिचय जो करा रहा ।
विकास के पथ पर अग्रसर है दिन दुगुना और रात चौगुना 
उस देश का वासी होने पर हर नागरिक इतरा रहा ।
 
यकीनन यह विश्व में सबसे बड़ा गणतंत्र है 
अपने  विचार रखने को हर नागरिक स्वतंत्र है। 
जनता का राज जनता के लिए होता है जनता द्वारा 
विकासशील से विकसित बनने का यह मूल मंत्र है। 

नए रूप में दुनिया के, समक्ष खड़ा है ये नया भारत 
सबने जिसका लोहा माना, खुली बाँहों से करते स्वागत। 
हर एक क्षेत्र में प्रतिभाओं ने,जग में अपना नाम किया 
नतमस्तक हम देश के वासी, यही गर्व है यही इबादत। 

मस्तक बनके खड़े हिमालय, अरावली और कंचनजंघा
चरण पखारे नित नित जिसके यमुना, कावेरी, गंगा। 
स्वर्णिम इतिहास समेटे खुद में, महाशक्ति यह कहलाता 
परचम बनकर आसमान में बनता इसकी शान तिरंगा।

©Anita Agarwal #RepublicDay
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Anita Agarwal

जग से अंधियारा हटाने को
 चले आओ एक बार।
आस का दीप जलाने को
 चले आओ एक बार।। 

आत्म प्रशंसा लोक दिखावे में
जी रहे हैं मिथ्या जिंदगी। 
भ्रमित मनुष्य को सच का आईना
 दिखाने चले आओ एक बार।। 

प्रभु का अनुयाई कहते-कहते
 स्वयं प्रभु बन जाते हैं। 
ऐसे प्रभ्रुओं का सच दुनिया को 
दिखाने चले आओ एक बार।।

©Anita Agarwal #Krishna
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Anita Agarwal

मेरे मन के मीत ओ कान्हा तू जाने है प्रीत मेरी
तेरी एक मुस्कान पर हारूं सबसे बड़ी है जीत मेरी

क्या अपना और क्या है पराया, सब नश्वर बेमानी है
अमर करे यह तेरी भक्ति, बाकी बन जाते कहानी है

सांसें तेरी जीवन तेरा, है डोर तेरे ही हाथों में
सुखवाल या दुख वाला, हर छोर तेरे ही हाथों में

अपना ले ठुकरा दे अब तो तेरी मर्जी है
तेरे चरण में शरण है ले ली, ये मेरी खुदगर्जी है

जप तप नियम नहीं जानू मैं करती तुमको प्यार प्रभु
श्रद्धा के दो पुष्प चढ़ाऊ कर लो तुम स्वीकार प्रभु

©Anita Agarwal #Krishna
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Anita Agarwal

मेरे मन के मीत ओ कान्हा तू जाने है प्रीत मेरी
तेरी एक मुस्कान पर हारूं सबसे बड़ी है जीत मेरी

क्या अपना और क्या है पराया, सब नश्वर बेमानी है
अमर करे वह तेरी भक्ति, बाकी बन जाते कहानी है

सांसें तेरी जीवन तेरा, है डोर तेरे ही हाथों में
सुखवाल या दुख वाला, हर छोर तेरे ही हाथों में

अपना ले ठुकरा दे अब तो तेरी मर्जी है
तेरे चरण में शरण है ले ली, ये मेरी खुदगर्जी है

जप तप नियम नहीं जानू मैं करती तुमको प्यार प्रभु
श्रद्धा के दो पुष्प चढ़ाऊ कर लो तुम स्वीकार प्रभु

©Anita Agarwal #Krishna
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Anita Agarwal

जाने किस मृगतृष्णा में भटकता, इत उत  चारों ओर। 
चेहरे पर खामोशी चाहे, मन का पंछी करे शोर।। 

कभी चाहिए दुनिया के, हर वैभव उल्लास।
कभी चाहिए आसपास ही अपना कोई खास।। 

खुद की तनिक सफलता पर भी जी भरकर इतराए।
दिखे गगन में और कोई तो क्यों इतना घबराए।। 

सोने के पिंजरे में रहकर खुश कैसे हो सकता है! 
मोह माया के पाश में बंध कर एकाकी हो रहता है। 

यह एकाकीपन ला देता है, खामोशी घनघोर। 
लड़ते लड़ते खामोशी से, मन का पंछी करे शोर।

©Anita Agarwal #man ka panchi

#Man ka panchi #Poetry

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Anita Agarwal

Shree Ram 

राम नाम के जपने से, आशाएं फली भूत इधर हैं ।
बजरंगबली की शक्ति का देखो बङा सबूत इधर है।। 

विमुख होकर राम नाम से, कमा लिया क्या जीवन में! 
राम नाम में डूब कर, पार हुआ अवधूत इधर है।। 

पर निंदा कर लोक दिखावा, भी करते हैं करने वाले
श्रद्धा के दो पुष्प चढ़ा दे, ऐसा मन मजबूत इधर है।

मनमानी से मालिक बनकर करते हैं अपमान बड़ों का। 
पितृ वचन ही शिरोधार्य हो राम सा कोई पूत इधर है? 

सहज सरल बन करो पराजित, माया के जंजालों को। 
साथ तुम्हारा देने को जब, स्वयं राम के दूत इधर है।।

©Anita Agarwal #shreeram
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Anita Agarwal

कभी खुशियों से हरी भरी
 कभी अनायास फिसलन से भरी।
कभी होते धूप कांटे और पत्थर
कभी फूलों सी महकती हर तरफ हरी हरी।

कभी अवरोध हटाकर
 करनी पड़ती आगे बढ़ने की तैयारी
कभी बीच सफर में ही
 खत्म हो जाती है उम्र सारी। 
ना कोई जान पाया था
 ना कोई जान पाएगा
सदा समझ से परे है
ए जिंदगी ये राहें तुम्हारी।

©Anita Agarwal जिंदगी की राहेँ

जिंदगी की राहेँ #Motivational

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Anita Agarwal

बच्चे .. हर तरह से सच्चे
मत देखो उनमे अभी से भविष्य
कि वो आने वाला सुनहरा कल बनेंगे
उन्हें बस जीने दो ये बचपन
इसकी यादों मे ही तो उनके लिए जाने कितने मीठे पल बनेंगे

जो बेफिक्री लेकर घूम रहे है वो
ये कल कहा नसीब होगी
खुशियां तो होगी चंद
सदा बस जिम्मेदारियाँ ही करीब होंगी

बचपन एक उत्सव है इसे
जी भर के उन्हें मनाने दो
खता अगर हो तो नसीहत दो
पर कभी ना व्यर्थ उलाहने दो

जीवन की पाठशाला उनको
हर एक सबक सिखला देगी
उलझन मे बड़ो की संगत
मार्गदर्शक बन राह दिखला देगी

समय से पहले समझदारी की 
उम्मीद ना पाले रखना
मासूमियत ही तो है इक बस
बचपन का सुन्दर गहना

©Anita Agarwal #ChildrensDay
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Anita Agarwal

*इक दीया जलाना*

लो फिर से है आई दिवाली
कुछ दीये जलाना ध्यान से
खत्म करे जो क्रूर अंधेरा
दया, प्रेम, सम्मान से।
        इक दीया जलाना शांति का, 
      जो करे अमन का उजियारा। 
     घर घर मे लक्ष्मी वास करे, 
      खुशहाल रहे ये जग सारा। 
इक दीया जलाना समता का 
जो समझे सबको एक समान 
 जिसकी रोशनी मे दिखे 
इन्सान को हर कोई इंसान।
      इक दीया जलाना स्नेह का 
      जो सिखला दे करना प्यार 
      जिसकी रोशनी से छनकर
      स्नेह ही बरसे बेशुमार। 
इक दीया जलाना करुणा का, 
दीन दुखी  जो कोई मिले 
पाकर मदद जरूरत की, 
उसके चेहरे पे तेज खिले।
    एक दीया जलाना विद्या का
    जिसकी आभा कुछ यू बिखरे, 
    पाकर प्रकाश ग्यान का फिर
    हर बुद्धि और हर मन निखरे। 
इक दीया जलाना सहिष्णुता का, 
जो सबसे आज जरूरी है। 
 धर्म जाति मे बंटकर जाने 
आ गई कितनी दूरी है।
    हर इक धर्म और हर विश्वास, 
    सबका अपना है सम्मान।  
    सौहार्द का भाव जगा दे जो, 
    वो दीया जलाना तुम इंसान।

©Anita Agarwal Happy diwali

Happy diwali #Motivational

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Anita Agarwal

White *इक दीया जलाना*

लो फिर से है आई दिवाली
कुछ दीये जलाना ध्यान से
खत्म करे जो क्रूर अंधेरा
दया, प्रेम, सम्मान से।
        इक दीया जलाना शांति का, 
      जो करे अमन का उजियारा। 
     घर घर मे लक्ष्मी वास करे, 
      खुशहाल रहे ये जग सारा। 
इक दीया जलाना समता का 
जो समझे सबको एक समान 
 जिसकी रोशनी मे दिखे 
इन्सान को हर कोई इंसान।
      इक दीया जलाना स्नेह का 
      जो सिखला दे करना प्यार 
      जिसकी रोशनी से छनकर
      स्नेह ही बरसे बेशुमार। 
इक दीया जलाना करुणा का, 
दीन दुखी  जो कोई मिले 
पाकर मदद जरूरत की, 
उसके चेहरे पे तेज खिले।
    एक दीया जलाना विद्या का
    जिसकी आभा कुछ यू बिखरे, 
    पाकर प्रकाश ग्यान का फिर
    हर बुद्धि और हर मन निखरे। 
इक दीया जलाना सहिष्णुता का, 
जो सबसे आज जरूरी है। 
 धर्म जाति मे बंटकर जाने 
आ गई कितनी दूरी है।
    हर इक धर्म और हर विश्वास, 
    सबका अपना है सम्मान।  
    सौहार्द का भाव जगा दे जो, 
    वो दीया जलाना तुम इंसान।

©Anita Agarwal #happy_diwali
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