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kumarmani6859
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KUMAR MANI(#KM_Poetry)

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KUMAR MANI(#KM_Poetry)

मेरी जाना अब तुम किस रास्ते चलोगी ?
जो सभी जाते हैं या मेरा मशवरा लोगी ?

अभी मेरी जान हिज़्र कहां जाना है 
अभी तो गर्म सांसें सीना छीलेंगीं 

कुछ और वक्त बिताओ खल्वत में 
खून उगलोगी जब भी मुंह खोलेगी 

रो लेने पर सुकून मिलेगा तुम्हे 
फिर इसी बात पे रोने लगोगी 

क्या अजाब है ये तुमको की 
अपने ख्यालों में भी खुद को तन्हा मिलेगी

©KUMAR MANI(#KM_Poetry)
  #MainAurChaand
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KUMAR MANI(#KM_Poetry)

वो मुझसे मिलने मेरे घर आया था 
मैं और उससे क्या ही कहता 

मैंने हाथ में चाय दी और कहा 
अब वो यहां नही रहता 

तुम्हे कुछ कहना था उससे ?
मुझे ? उसका पता? नही पता !

सुना है तुम्हारे दो बच्चे हैं
तू उसकी छोड़ और बता ?

वो तुम्हारे ख़त नही संभाल पाया
तुम माफ कर दोगी ना उसकी खता ?

©KUMAR MANI(#KM_Poetry)
  #soulmate
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KUMAR MANI(#KM_Poetry)

तुम्हारी ये आदत नहीं जायेगी
तू फिरसे मेरे पीछे आएगी 

तुम सबकुछ तो करते मेरे बाद में 
अब याद आ रही? तो मरो मेरे याद में !

©KUMAR MANI(#KM_Poetry)
  #ramadan
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KUMAR MANI(#KM_Poetry)

भूल गया होता तो खुश रहता शायद 
मुझे सब याद है इसी बात से दुःखी हैं

वो कहते हैं जिंदा हो इसी बात से खुश रहो 
और हम हैं कि इसी बात से दुःखी हैं

©KUMAR MANI(#KM_Poetry)
  #Likho
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KUMAR MANI(#KM_Poetry)

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KUMAR MANI(#KM_Poetry)

तेरे हर याद को दफना दी हमने
तेरे हर बात को भुला दी हमने
हमने मिटा दी तेरी हर एक निशानी
बस तेरे उस रुमाल को दफनाता कैसे 
उस पर लिखे मेरे नाम को मिटाता कैसे 

वो रुमाल जिसमें खुशबू है तेरे होने की 
वो रुमाल जिसमें रातें हैं मेरे रोने की 
वो रुमाल जिसमें तेरा चेहरा दिखता है
वो रुमाल दरिया में बहा दी हमने 
आग देखो पानी में लगा दी हमने

उस तेरे रुमाल को मैं दफनाता कैसे 
उस पर लिखे मेरे नाम को मिटाता कैसे

©KUMAR MANI(#KM_Poetry)
  #Silence
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KUMAR MANI(#KM_Poetry)

 न शिकवे गिले
न गले हम मिले 
न ही पूछा कि 
कैसे हैं वो भले 

                   हैं गलत या सही 
                   हमने कुछ न कही
                   मुड़ के देखा नहीं 
                   हम चले तो चले 

हम न उनके हुए 
न वो मेरे हुए 
मन में विरोधी दिये 
थे जले हैं जले

कह दो एहसास वो 
है मेरे साथ जो 
आज दिल की कहो
फिर मिलें न मिले 

                  तुमको पाकर सजन 
                  मेरा हर्षित है मन
                  मेरे मन में सुमन
                  थे खिले हैं खिलें 

दौड़ आ तू झट
मेरे सीने लिपट
मेरे दिल के वो पट
थे खुले हैं खुले

©KUMAR MANI(#KM_Poetry)
  #lonelynight
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KUMAR MANI(#KM_Poetry)

 मन में कितने मीठे सपने पर जुबां खारी रखो 
दिल ने है फरमान भेजा ये मौन ब्रत जारी रखो

गम देने वाले गर अपने भी हो पराये भी
आशुओं की म्यान बनाओ तलवार दो धारी रखो

मन में कितनी आह हो सदा तुम मुस्कुराओ
जीना है गर जिन्दगी तरकीबें बहुत सारी रखो

सदा शीश झुकाये रहो न इतने वफादार बनो
जमीन पर वो भी आये तुम भी अपनी बारी रखो

गर मोहब्बत का शौक है तो अब इतना जान लो
आखों से सैलाब बहेंगें तकिये की भी तैयारी रखो

©KUMAR MANI(#KM_Poetry)
  #lonelynight
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KUMAR MANI(#KM_Poetry)

 प्यार तुमसे जो किया तो कितना मिला हमको
दर्द उम्र तक का है यह सिला हमको

मुझमें मैं ही जरा कम ही रहा हूं
रोज यादों के जहर पी रहा हूं
यह तो मैं हूं जो तब भी जी रहा हूं
इतना सब कुछ दिया मौत भी दिला हमको

प्यार तुमसे जो किया तो कितना मिला हमको
दर्द उम्र तक का है यह सिला हमको

ताकि ख्वाहिश भी तुमको पाने की मर जाए
आंखें ना देखे तुमको धड़कन भी ठहर जाए
तेरी हर बात भी मुझको बिसर जाए
और ना कोई शिकवा हो तुमसे ना गिला हमको

प्यार तुमसे जो किया तो कितना मिला हमको 
दर्द उम्र तक का है यह सिला हमको

©KUMAR MANI(#KM_Poetry)
  #aliabhatt
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KUMAR MANI(#KM_Poetry)

 मुझको दीवाना करने वाले ,कहां गए?
मेरा घर मयखाना करने वाले,कहां गए ?

तेरा कहा मेरी दीवारों को रटा हुआ 
मेरी चिट्ठी अफसाना करने वाले ,कहां गए?

मय तो तेरी आंखो से छलका करता था 
मेरी आंखो को पैमाना करने वाले खा, गए?

मुझसे तो जन्मों का रिश्ता लगता था कोई 
फिर अपनों में बेगाना करने वाले, कहां गए?

बाबू ,सोना ,बेबी ये सब औरों के थे 
हर बातों में ज़ाना, ज़ाना करने वाले ,कहां गए?

©KUMAR MANI(#KM_Poetry)
  #amirkhan
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