राष्ट्रीय चिंतन की पंक्तियाँ।। अपनी नज़रों से सब गिराते हैं।
रंग रलियों में सुकून पाते हैं।
मुँह फेर क्यों लेती हैं औलादें।
मा बाप जब बूढ़े हो जाते हैं। Tanveeii Singh Jyoti Jha नोजोटो Lipika Jain Achal Sharma
Suraj Mani
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Suraj Mani
रूप अपना सँवारकर देखो।
रंग अपना निखारकर देखो।
मेरे आंसू रुमाल में तेरे।
कितना रोया हूँ गारकर देखो।