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bharatbhushanpat9709
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Bharat Bhushan pathak

एक कवि,कहानीकार व लेखक।मैं शब्दों को जीवन्त करने का प्रयत्न करता रहता हूँ।मुझे युट्यूब चैनल-varythe untold mystery पर देखा जा सकता है।आप मुझे मेरे अपने ब्लाॅग bbpathak.online prपढ़ सकते हैं। अभी कुछ ही दिनों में मेरी अमेजाॅन किण्डल पर पुस्तक आने वाली है काव्यसमिधा। गुरुजन वहाँ मार्गदर्शन करेंगे और छंद विद्यार्थियों को मैं यदि कुछ समझाने में सक्षम हूँ तो वो भी उसे पढ़ सकते हैं। https://amzn.eu/d/c5AL3sX अब अमेजन पर काव्यसमिधा की पेपरबैक उपलब्ध https://www.flipkart.com/kavyasamidha-bharat-bhushan-pathak-hindi-2023-shopizen-in/p/itm8f1171430a814?pid=9789356005907&cmpid=product.share.pp&_refId=PP.b7d4d939-dd84-4325-b880-b677dc90a5ec.9789356005907&_appId=CL https://shopizen.app.link/U4pk3foz https://amzn.eu/d/c5AL3sX

https://www.bbpathak68.blogspot.com

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Bharat Bhushan pathak

White भाग्य नहीं कुछ है इस  जग में भाग्य विचारि तुम मत बैठो।
सोचत बैठत भाग्य यहाँ जो जीव सदा कभी ना जग में पैठो।।

©Bharat Bhushan pathak
  #sad_shayari
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Bharat Bhushan pathak

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Bharat Bhushan pathak

White प्रदान वो ऊर्जा कर जाने।
तापे ज्वाला वो सुख लाने।।
जाते नीचे भीतर धरती।
उदर रहे न कभी खाली भी।
भूखों को भरदे थाली ही।।
 प्राण कष्ट में डाल रहे हैं।
बच्चे ऐसे पाल रहे हैं।।
चिन्ता अब उनका करना है।
पीड़ा ना हो ये धरना है।।
संकट से अपने ना हारें।
आओ मिलके इन्हें उबारें।।
 सदा खान में खोद कोयले।
 नैया जीवन को वह ठेलें।।
जिसे काल गृह ही सब मानें।
पेट पालने अंदर जाएं।।

©Bharat Bhushan pathak
  #coalminersday
Find here in detail:-https://bbpathak68.blogspot.com/2024/05/Aaj-koyla-khanik-divas-ke-avsar-pr-un-shramik-bandhuon-ke-liye-do-shabd-jinohne-jeevan-ke-sampoorna-urja-ko-humein-suvidha-dene-ko-jhhokh-diya-hai.html

#coalminersday Find here in detail:-https://bbpathak68.blogspot.com/2024/05/Aaj-koyla-khanik-divas-ke-avsar-pr-un-shramik-bandhuon-ke-liye-do-shabd-jinohne-jeevan-ke-sampoorna-urja-ko-humein-suvidha-dene-ko-jhhokh-diya-hai.html #Poetry

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Bharat Bhushan pathak

White सोच रहा हूँ उड़ान भर लूँ,
कुछ ही दूरी सही तय कर लूँ।
मुसीबतों का पहाड़  हो,
या चाहे धधकती हुई ज्वाला।
सब लाँघ कर ही तो फहराएगा,
वो पताका विजय घोष वाला।

©Bharat Bhushan pathak
  #Free #motivatational #nojotohindiquotes #NojotoApp
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Bharat Bhushan pathak

White वैरी जग क्यों आज दिखता।
मैत्री जग से लोपित दिखता।।

©Bharat Bhushan pathak
  #Hope 
वैरी जग क्यों आज दिखता।
मैत्री जग से लोपित दिखता।।

#Hope वैरी जग क्यों आज दिखता। मैत्री जग से लोपित दिखता।। #Poetry

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Bharat Bhushan pathak

White ओढ़े हिम की श्वेत दुशाला।
मोहे गिरि जो नाम हिमाला।।
मानें जिसको ताज हिन्द का।
रक्षा करता लोक वृंद का ।।

©Bharat Bhushan pathak
  #Emotional#himalaya#nature 
ओढ़े हिम की श्वेत दुशाला।
मोहे गिरि वो नाम हिमाला।।
मानें जिसको ताज हिन्द का।
रक्षा करता लोक वृंद का ।।

#Emotional#himalaya#Nature ओढ़े हिम की श्वेत दुशाला। मोहे गिरि वो नाम हिमाला।। मानें जिसको ताज हिन्द का। रक्षा करता लोक वृंद का ।। #Poetry

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Bharat Bhushan pathak

White भूखे रह जो  प्यास भुलाके,हाथों अपने ताप लगाके।
 इच्छा अपने मर्दन करके,रंगे सपने खूब हमारे।।

©Bharat Bhushan pathak
  #safar #Labourday 
भूखे रह जो  प्यास भुलाके,हाथों अपने ताप लगाके।
 इच्छा अपने मर्दन करके,रंगे सपने खूब हमारे।।

#safar #Labourday भूखे रह जो प्यास भुलाके,हाथों अपने ताप लगाके। इच्छा अपने मर्दन करके,रंगे सपने खूब हमारे।। #Poetry

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Bharat Bhushan pathak

यहाँ जीवन जीना इतना भी आसाँ नहीं होता यारों,
तपती धूप और मुसीबतों के शूलों से गुजरना पड़ता है।
मुहब्बत के लाखों कस्में खाने वाले भी अक्सराँ,
टूटकर बिखर जाते हैं मजबूरियों के बोझ तले।
कुछ आराम क्या मिलती है जिंदगी को,
दवाइयों और डॉक्टरों के कसीदे पढ़ने में ,
आधी जि़ंदगी ही निकल जाया करती है।

यहाँ जीवन जीना इतना भी आसाँ नहीं होता यारों, तपती धूप और मुसीबतों के शूलों से गुजरना पड़ता है। मुहब्बत के लाखों कस्में खाने वाले भी अक्सराँ, टूटकर बिखर जाते हैं मजबूरियों के बोझ तले। कुछ आराम क्या मिलती है जिंदगी को, दवाइयों और डॉक्टरों के कसीदे पढ़ने में , आधी जि़ंदगी ही निकल जाया करती है। #Life

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Bharat Bhushan pathak

White जाने अकेले में वो किस से बात करती है,
पूछुँ तो कहती है आसमाँ से मुलाकात करती है।।

ना रात को सोती है वो खुद ही हँसती है,
कैसे बताऊँ क्या वो यहाँ हालात करती है।

मिरी न सुनती भी है जो कहता हूँ मैं ,
जवाब देती नहीं है बस सवालात करती  है।

 ना चैन लेती है ना मुझको लेने देती ,
कहने से अश्कों से बरसात करती है।

©Bharat Bhushan pathak
  #Moon 
#ग़ज़लप्रयास#attempttowriteghazal#poetrybasedonthoughts#hindipoetry#nojotohindi#nojotoapp
जाने अकेले में वो किस से बात करती है,
पूछुँ तो कहती है आसमाँ से मुलाकात करती है।


ना रात को सोती है वो खुद ही हँसती है,
कैसे बताऊँ क्या वो यहाँ हालात करती है।

#Moon #ग़ज़लप्रयास#attempttowriteghazal#poetrybasedonthoughts#hindipoetry#nojotohindi#nojotoapp जाने अकेले में वो किस से बात करती है, पूछुँ तो कहती है आसमाँ से मुलाकात करती है। ना रात को सोती है वो खुद ही हँसती है, कैसे बताऊँ क्या वो यहाँ हालात करती है।

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Bharat Bhushan pathak

हे औघड़दानी! तेरे शहर में हम रहते हैं।
तेरे चरणों की रज पाने,सब कुछ ही सहते हैं।।
जनम जनम की फटी बिवाई,उफ़ तक ना कहते हैं।
नाम तुम्हारा जो लेते हैं,वैतरनी से तर जाते हैं।।

©Bharat Bhushan pathak
  हे औघड़दानी! तेरे शहर में हम रहते हैं।
तेरे चरणों की रज पाने,सब कुछ ही सहते हैं।।
जनम जनम की फटी बिवाई,उफ़ तक ना कहते हैं।
नाम तुम्हारा जो लेते हैं,वैतरनी से तर जाते हैं।।

हे औघड़दानी! तेरे शहर में हम रहते हैं। तेरे चरणों की रज पाने,सब कुछ ही सहते हैं।। जनम जनम की फटी बिवाई,उफ़ तक ना कहते हैं। नाम तुम्हारा जो लेते हैं,वैतरनी से तर जाते हैं।। #Bhakti

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