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satakshi9936
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Dharyaa

आधे अधूरे ख्वाबो की पूरा सा ख्याल हूँ मैं

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Dharyaa

सब हैं लेकिन
मैं नही हूं
थोड़ा सा जो था सही
अब नही हूं

©Dharyaa 
  #Chhavi
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Dharyaa

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Dharyaa

"तुम यहां बैठी क्या कर रही हो मैं चारो तरफ़ ढूंढ आया तुम्हे..?

नदी किनारे बैठी हुई शताक्षी के बगल मे बैठते हुए सौरभ ने पूछा

"कुछ नहीं बस नदी को बहते हुए देख रही हूँ,, उसके तरफ बिना देखे सताक्षी ने जवाब दिया 
"आज नदी बहुत ही शांत है,, 
सौरभ ने उसके चेहरे पर नजरें जमा दी

"हाँ जिनमे कलकलाहट होती हैं ना वो जब अंदर से व्याकुल

होते हैं तो स्थिर हो जाते हैं,,

एक बार फिर से सताक्षी ने उसके तरफ बिना देखे जवाब दिया 
"तुम बहुत जानती हो ना नदियों को,,
सौरभ ने व्यंग्य में कहा

"नहीं, लेकिन खुद को जानती हूँ और ये भी जानती हूँ कि मैं भी
इनके जैसी हूँ,,
सताक्षी ने बिना किसी भाव के कहा 

"क्या हुआ है बताओगी,,

"कुछ नहीं तुम तो जानते ही हो कि मुझे नदियाँ कितनी पसंद है,,

"हाँ और साथ में ये भी कि तुम्हें गहरे पानी से डर लगता है,, 

"और क्या जानते हो??

"तुम्हें जानता हूँ तुम्हारा हँसना, रोना, गुस्सा, नाराजगी, प्यार,
तुम्हारी पसंद नापसंद, मुझे पता है तुम्हें किसी सामने रोना नही पसंद, तुम्हें किसी के कंधे का सहारा नहीं पसंद मेरे सिवा,,

 " और फिर भी जा रहे हो?? वो जो सारी जिंदगी दोस्ती निभाने का वादा किया था, वो जो हमेशा रे साथ खड़े रहने का वादा किया था, जानते हो ना तुम मेरे लिए क्या हो ??

"हमेशा के लिए कहाँ जा रहा हूँ आऊँगा ना जल्दी ही यही पर,
मुस्कुराते हुए सौरभ ने कहा
सताक्षी ने बिना कुछ बोले उसके कंधे पे अपना सर टिका दिया

कही न कही वो ये बात जानती थी की शायद ये उनकी आखिरी मुलाकात होगी......

कहते हैं न कि पंछी एक बार घोसला छोड़ जाए तो वापस नहीं

आता वो घाट आज भी इंतजार मे राह ताकता हैं नदी अब कतरा कतरा सुख रही है मगर जाने वाला शायद सब कुछ भूल चुका है

©Dharyaa 
  #brokenbond
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Dharyaa

छू कर तुमको सांसों से
अरमां सारे जगा जाऊं
तुम अगर दो इजाज़त
तेरी रूह में मैं समा जाऊं

©Dharyaa 
  #tumaurmain
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Dharyaa

रोज रोज की लड़ाई से परेशान रीति आज सुबह से ही अपने कमरे से बाहर नहीं आया थी
शुभम भी सुबह लड़ाई करके बाहर निकल गया था 
कमरे की बालकनी में जो मोगरे का पौधा लगा था अब धीरे धीरे सुख रहा रहा था कितने प्यार से लगाया था ना दोनो ने मिल के 
शुभम अक्सर कहा करता था ये हमारे प्यार की निशानी है 
इस पौधे की तरह उनका रिश्ता भी मुरझाने लगा था 
अचानक दरवाजा खुला और शुभम अंदर आया उनसे रीति को आवाज लगाई लेकिन कोई जवाब नही पाकर उस तरफ देखने लगा जहा रीति ध्यान लगाए बैठी थी
"अरे ये क्या ये पौधा कैसे सुख गया....?
शुभम ने पूछा
"अगर पौधे का ख्याल नही रखो तो सूखता ही है ना.....,,
रीति ने जवाब दिया
"तो तुम ख़्याल क्यों नही रखती इसका....?
"हर चीज का ख्याल रखने की जिम्मेदारी अकेले मुझे ही क्यों निभानी है..?
रीति ने जिस अंदाज में कहा शुभम को उसने छुपा व्यंग्य समझते देर न लगी
हा यही तो होता आया है हमेसा से जिम्मेदारी तो दोनो लेते है लेकिन निभाती अकेले रीति ही है 
"अगर पानी नही दोगे न फूल मुरझा हो जाएंगे, और ये बात सिर्फ फूल के लिए नही है...,

©Dharyaa
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Dharyaa

लड़की कबसे रोए जा रही थी 
बार बार चीख रही थी और सवाल कर रही थी
"क्यों गए तुम मुझे छोड़ कर तुमने मुझसे वादा किया था तुम हमेशा मेरा साथ निभाओगे धोखा दिया तुमने मुझे तुम प्यार ही नही करते बीच रास्ते में क्यों छोड़ दिया मुझे? 
सामने लड़के का मृत शरीर पड़ा था 
 अचानक हवा का झोंका आया गुलाब की पंखुड़ियां उसके ऊपर गिरने लगी
लड़की के बालों के एक गुलाब लगा था जो अब मुरझा चुका था
अभी कल ही तो लड़के ने अपने हाथो से लगाया था उसके बालों में और वादा किया था की वो हमेसा ऐसे ही उसके बालों में गुलाब लगायेगा 
♥️

©Dharyaa
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Dharyaa

रास्ते अलग है हमारे ये मैने माना
लेकिन 
किस्मत ने मंजिल एक ही तय कर रखीं है 
ये तुम जान लो जाना

©Dharyaa #किस्मत
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Dharyaa

के कब तक हाथ रखते सीने पर 
धड़कनो की रफ्तार बहुत ज्यादा था
ले जाओ!
निकाल कर रखा है दिल 
वैसे भी मेरे पास ये आधा है

©Dharyaa #heartout
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Dharyaa

ये रात 
ये सर्द हवा 
ये तन्हाई 
और ये पूरा चाँद 
उफ्फ!
मौसम ने कयामत 
ढ़ा रखी है

©Dharyaa #Moon
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Dharyaa

वो कहते है जलन होती है तुम्हारे झुमके से,,
वेवजह चुमते है ये तुम्हारी गालो को ❤❤

©Dharyaa

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