coming soon my revolutionary new book " चाक चुम्बन " #Poetry
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Santosh Singh Raakh
"छल है, छल है, छल है" from my book एक मुट्ठी राख by संतोष सिंह "राख".....coming soon, so stay tuned, thank U
#DailyMessage
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Santosh Singh Raakh
जय हिंद दोस्तों। आओ, आपदा के इस घड़ी में जात मजहब धर्म से ऊपर उठकर खुद को बिस्मिल साबित करें। अपने हिस्से की जिम्मेवारियों को पूर्ण कर, मां भारती को पुन: स्वस्थ और अलंकृत करें।
#MajesticWords