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amitkumarjha7626
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Amit kumar jha

"मैं दर्द जरूर लिखता हूँ, पर किसी को देता नहीं" [एके. अमित, जमुआ, ढ़ाका, पूर्वी चम्पारण, बिहार] [मो. नं. - 7462959700, ह्वाट्सऐप नं. - 9507424279]

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Amit kumar jha

कब तक जलाते रहोगे मोमबती तुम, एक बार बलात्कारी को जला कर तो देखो,,




फिर न जरूरत पड़ेगी कभी इंसाफ की भीख मांगने की, कदम आगे बढ़ा कर देखो..




काट दो वो हाथ जो बेटियों को छुने की गलती करे, फोड़ दो वो आँखें जो देखे उसे गलत निगाह से,,




थर्रा उठेंगे सब के सब चिख सुन कर तुम्हारी, इस गंदे सिस्टम के खिलाफ आवाज उठा कर तो देखो..




कुछ न करेंगे ये सियासी भेड़िये, बस इनके नखरे तमाम है, मदारी है ये, तमाशा ही दिखाना इनका काम है,,




झूकना पड़ेगा इन्हें भी हाथ फैलाना होगा, बस एक बार अपनी सोयी हुई ज़मीर को जगा कर तो देखो..





Ak. Amit

©Amit kumar jha Ak. Amit

#HBDShastriJi

Ak. Amit #HBDShastriJi

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Amit kumar jha

मानवों के बस्ती में दानवों के जीने का कोई हक नहीं,,

मार डालो उसे जो बेटी के दामन को दागदार करते है..

मुस्कराते लबों की हँसी छीन, छोड़ देते है रोता उन्हें,,

करके बर्बाद ज़िन्दगी उनकी, मरने को लाचार करते है..


Ak. Amit

©Amit kumar jha Ak. Amit

#HBDShastriJi

Ak. Amit #HBDShastriJi

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Amit kumar jha

कब तक जलाते रहोगे मोमबती तुम, एक बार बलात्कारी को जला कर तो देखो,,


फिर न जरूरत पड़ेगी कभी इंसाफ की भीख मांगने की, कदम आगे बढ़ा कर देखो..


काट दो वो हाथ जो बेटियों को छुने की गलती करे, फोड़ दो वो आँखें जो देखे उसे गलत निगाह से,,


थर्रा उठेंगे सब के सब चिख सुन कर तुम्हारी, इस गंदे सिस्टम के खिलाफ आवाज उठा कर तो देखो..


कुछ न करेंगे ये सियासी भेड़िये, बस इनके नखरे तमाम है, मदारी है ये, तमाशा ही दिखाना इनका काम है,,


झूकना पड़ेगा इन्हें भी हाथ फैलाना होगा, बस एक बार अपनी सोयी हुई ज़मीर को जगा कर तो देखो..




Ak. Amit

©Amit kumar jha
  Ak. Amit

Ak. Amit

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Amit kumar jha

मेहंदी, कंगन, चूड़ी, बाली
पायल, बिन्दिया, होठों की लाली
छोड़ दे अब तू श्रृंगार ये सब
उठा ले हाथों में शस्त्र, बन जा अब तू काली
लहू के कतरे-कतरे की अब यही पुकार है
मिटा दे हस्ती उसकी, जो तेरा गुनहगार है
कर उनके लहू से अपना रक्तपान तू
दिखा दे सबको नारी अब ना लाचार है
लड़नी होगी तुम्हें ही तुम्हारी हक की लड़ाई
"मैं खिलौना नहीं हूँ" सब को यह बताना होगा
जो देखे तुझे गलत निगाह से, लूटना चाहे तेरा आबरू
खुद ही उन ज़ालिमों से खुद को बचाना होगा
जो करते है भूल, समझने की तुझे कदमों की धूल
उन गिद्धों को उसकी औकात दिखा दो तुम
खुद पर आ जाये अगर नारी तो, कर सकती है क्या-क्या??
उन वहसी दारिन्दों को आज बता दो तुम
लज्जा, शर्मों-हया का गहना अब तू उतार फेकों
जो छुना चाहे तेरे जिस्म को, वह हाथ उखाड़ फेकों
खुद ही करनी होगी हिफाज़त तुझे अपनी
अब न आयेंगे गोविन्द करने को तेरी रखवाली
छोड़ दे करना श्रृंगार अब तू
उठा ले हाथों में शस्त्र, बन जा अब तू काली
Ak. Amit

©Amit kumar jha
  Ak. Amit

#HBDShastriJi

Ak. Amit #HBDShastriJi

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Amit kumar jha

▪¤□■■□¤▪
इश्क बला है एक ऐसी, जिसमे जान भी लूटाना पड़ता है
उठाने पड़ते है हर सदमे, सर को झूकाना पड़ता है
न पुछ की क्या क्या करना पड़ता है इश्क मे???
खुद के हाथों ही खुद का वजूद मिटाना पड़ता है!!!
▪¤□■■□¤▪
छोड़ जाते है तन्हा ज़िन्दगी के सफर मे सभी
दिल लगाने की तुम भूल न करना कभी

बस यादों के साये ही साथ छोड़ जाते है
उम्र भार के लिये दिल से नाता तोड़ जाते है
पल भर मे बदल जाते है ये मौसम की तरह
दिखा के ये सपने हमे, गम से नाता जोड़ जाते है
होते है इनके वादे और कसमे झूठे सभी
दिल लगाने की तुम भूल न करना कभी

तोड़ कर दिल ये हमारा गैरों की बाहों मे समाते है
दे कर दर्द हमे उम्र भर का शौक से ये मुस्कुराते है
कदर होती नही इन्हे हमारी मोहब्बत का
फिकर करते है हम जिनकी वो ही अक्सर हमे रूलाते है
इन हुस्न वालों की बातों पर न तू करना यकीं
दिल लगाने की तुम भूल न करना कभी

प्यार कहते है जीसे, एक खूबसुरत धोखा है
करे जो इश्क, ज़िन्दगी भर रोता है
अश्क ही होते है बस मुकद्दर मे उनके
रोते है वो महबूब की याद मे, जब सारा जहाँ सोता है
देख उनकी हालत रो पड़े आसमां और जमीं
दिल लगाने की तुम भूल न करना कभी

Ak. Amit Ak. Amit

Ak. Amit

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Amit kumar jha

▪¤□■■□¤▪
इश्क बला है एक ऐसी, जिसमे जान भी लूटाना पड़ता है
उठाने पड़ते है हर सदमे, सर को झूकाना पड़ता है
न पुछ की क्या क्या करना पड़ता है इश्क मे???
खुद के हाथों ही खुद का वजूद मिटाना पड़ता है!!!
▪¤□■■□¤▪
छोड़ जाते है तन्हा ज़िन्दगी के सफर मे सभी
दिल लगाने की तुम भूल न करना कभी

बस यादों के साये ही साथ छोड़ जाते है
उम्र भार के लिये दिल से नाता तोड़ जाते है
पल भर मे बदल जाते है ये मौसम की तरह
दिखा के ये सपने हमे, गम से नाता जोड़ जाते है
होते है इनके वादे और कसमे झूठे सभी
दिल लगाने की तुम भूल न करना कभी

तोड़ कर दिल ये हमारा गैरों की बाहों मे समाते है
दे कर दर्द हमे उम्र भर का शौक से ये मुस्कुराते है
कदर होती नही इन्हे हमारी मोहब्बत का
फिकर करते है हम जिनकी वो ही अक्सर हमे रूलाते है
इन हुस्न वालों की बातों पर न तू करना यकीं
दिल लगाने की तुम भूल न करना कभी

प्यार कहते है जीसे, एक खूबसुरत धोखा है
करे जो इश्क, ज़िन्दगी भर रोता है
अश्क ही होते है बस मुकद्दर मे उनके
रोते है वो महबूब की याद मे जब सारा सोता है
देख उनकी हालत रो पड़े आसमां और जमीं
दिल लगाने की तुम भूल न करना कभी

Ak. Amit Ak. Amit

Ak. Amit

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Amit kumar jha

हीर का रांझा या लैला का मजनू बनने का कोई शौक नहीं है मुझे,,
मोहब्बत की हस्ती मिटा कर खौफ के साम्राज्य का हिटलर बनना है मुझे..


























Ak. Amit Ak. Amit

Ak. Amit

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Amit kumar jha

#myvoice
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Amit kumar jha

#lovebeat
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Amit kumar jha

चार दिवारी के अंदर ही रहना है हमें,,

एक हो कर इस जंग से लड़ना है हमें..

बँट गये गर धर्म के नाम पर इस बार भी,,

ज़िन्दगी या फिर मौत, ये तय करना है हमें..

आओ मिलकर एक कदम मानवता की ओर बढ़ाये,,

जो आज तक किसी ने न किया वो करना है हमें..

अब न झुलसने देंगे देश को नफरत की आग में,,

खूद के साथ औरों को भी सलामत रखना है हमे..


Ak. Amit Ak. Amit

Ak. Amit

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