Nojoto: Largest Storytelling Platform
sarvansinghgill4085
  • 34Stories
  • 130Followers
  • 275Love
    235Views

sarvan singh gill

  • Popular
  • Latest
  • Video
6e4be0dbffa215f32c018ec577083be5

sarvan singh gill

वो कहती रही कि प्रेम है तुमसे
मगर कब तक काश यह भी बता
 दिया होता.
इतना हक जताती रही हम पर काश इतना हक भी जता दिया होता..
हमने तो उसका काम हर वक्त पर भी किया
क्योंकि मुझे लगा वह हर वक्त है मेरे साथ 
अगर पता होता तो यह वक्त ना हमने गवा दिया होता.
वो कहती रही कि प्रेम है तुमसे मगर कब तक काश यह भी बता दिया होता.
अब वो घड़ी भी रुक चुकी है जिसे देख कर हम उसका इंतजार करते थे
वह आएगी जरूर उसकी बातों पर ऐतबार करते थे
मेरी ही तरह ठहर सी गई है वह घड़ी अगर वह होती उसे फिर से चला दिया होता
वह कहती रही कि प्रेम है मुझे तुमसे मगर कब तक कशी यह भी बता दिया...



Svaye rachit....sarvam....✍🏾




 
 
Read my thoughts on YourQuote app at https://www.yourquote.in/sarvan-singh-gill-bto5f/quotes/vo-khtii-rhii-prem-hai-tumse-mgr-kb-tk-kaash-yh-bhii-btaa-7wm99 #river

13 Love

6e4be0dbffa215f32c018ec577083be5

sarvan singh gill

Me KIA karun.
मेरी आसा रब पूचाइया
देन बधाई सखियां आइया
इच्छा तुझ संग अखियां लाइयां
प्रेम रोग ना होन दवाइयां क्या करूं
करो मेहर ओ मेरे साइयां 
मैं क्या करूं....
प्रेम की कैसी अगन लगाई
रूह मेरी जावे कुर्लाई
अंदर से में देवा दुहाई
जान मेरी किस जाल फसाई
पाप पुण्य ना देवे दिखाइ
जिंद मेरी जावे  कमलाई 
मैं क्या करूं...
मुझको ना कुछ देवे दिखाइया
माही मेरा किशन कन्हैया
तेरे इश्क नचाया कर थइया थइया
जल्दी आजा नहीं तां मैं मर गईया
पूछती मैं होन जादिया राइयां
इश्क तेरे की करा कमाइयां
 मैं क्या करूं.....



 
Read my thoughts on YourQuote app at https://www.yourquote.in/sarvan-singh-gill-bto5f/quotes/me-kia-karun-merii-aasaa-rb-puucaaiyaa-den-bdhaaii-skhiyaan-64bh8 Me KIA karun.
मेरी आसा रब पूचाइया
देन बधाई सखियां आइया
इच्छा तुझ संग अखियां लाइयां
प्रेम रोग ना होन दवाइयां क्या करूं
करो मेहर ओ मेरे साइयां 
मैं क्या करूं....
प्रेम की कैसी अगन लगाई

Me KIA karun. मेरी आसा रब पूचाइया देन बधाई सखियां आइया इच्छा तुझ संग अखियां लाइयां प्रेम रोग ना होन दवाइयां क्या करूं करो मेहर ओ मेरे साइयां मैं क्या करूं.... प्रेम की कैसी अगन लगाई

7 Love

6e4be0dbffa215f32c018ec577083be5

sarvan singh gill

कहीं ऐसा तो नहीं यह पतंगे काटने 
के लिए नहीं कट जाने के लिए भीड़ती  हो
देखने को तो लगती है जैसे कितनी आजाद है 
आसमान में मगर जरा सोच कर देखो वह
 खुद को छुड़ा रही है किसी जंजीर से
अब समझे वह तितली होना चाहती थी

8 Love

6e4be0dbffa215f32c018ec577083be5

sarvan singh gill

6e4be0dbffa215f32c018ec577083be5

sarvan singh gill

6e4be0dbffa215f32c018ec577083be5

sarvan singh gill

10 Love

6e4be0dbffa215f32c018ec577083be5

sarvan singh gill

6e4be0dbffa215f32c018ec577083be5

sarvan singh gill

6e4be0dbffa215f32c018ec577083be5

sarvan singh gill

10 Love

6e4be0dbffa215f32c018ec577083be5

sarvan singh gill

10 Love

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile