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deeptijhala8513
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Deepti singh Jhala

I am author and poetess ❣️🥀 i am member of Delhi, indore, Khandwa writer unions and I am also a student

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Deepti singh Jhala

मिश्री से मीठे जिनके बोल
 नंदलाल और उनकी बातें हैं, सबसे अनमोल
 श्याम वर्ण, पीतांबर धारी 
शरण तुम्हारी आऊ में बलिहारी,
 मुख पर सजे सदा मनमोहक मुस्कान, 
है नंदलाल, कभी तो सुनाओ अपनी मुरली की मधुर तान 
बन जाऊं मैं भी गोपी
आनंदित हो उठे मेरे हृदय के द्वार
अलौकिक शक्ति में लिप्त हो जाए मेरा यह सूक्ष्म संसार ,
अलौकिक शक्ति में लिप्त हो जाए मेरा यह सूक्ष्म संसार ।
मेरे लिए होगा यह स्वर्ग समान 
हर दिन आपके चरणों मैंने शीश झुकाया 
मैंने अंतर्मन में सिर्फ तुम्हें बसाया 
मैंने अंतर्मन में सिर्फ तुम्हें बसाया🥺🥀

radhe_radhe🌺🌼

©Deepti singh Jhala #janmashtami
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Deepti singh Jhala

मोह की मंजरी को छोड़,
क्रोध के तबले को भी छोड़,
मैंने प्रेम की बांसुरी को चुना है,
 अब सिर्फ तुम्हें पाने के लिए 🥀❤️

Radhe_Krishna 🥀

©Deepti singh Jhala #janmashtami
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Deepti singh Jhala

वैसे हर रोज याद आते हो तुम,
 लेकिन आज फिर तुम याद आ गए

बेशक एक तरफा ही सही
 मगर इश्क तो है हमें किसी से
आज फिर तस्वीर देखी तुम्हारी आंखें भी चुकी तुम्हारी यादों में

पहली दफा जब मैं मिली थी तुमसे मुझे याद है तुमने हल्का आसमानी सफेद शर्ट पहना हुआ था,
उस पर नीली जैकेट पहने थे तुम

कुछ याद आया जनाब,

हां मुझे याद है वह दिन 
वह बेहद प्यारा दिन था 🥀

उस दिन की तस्वीर आज भी संभाल कर रखी है, मैंने 
और शायद हमेशा रहेगी
 कितना कठिन है तुम्हें यू लिखना जब मुझे मालूम है कि इस खत का जवाब आना तो दूर 
इसे तुम शायद देखोगे भी नहीं और ना पढ़ोगे तुम

न जाने क्यों मैं तुमसे मिली कभी-कभी ऐसा लगता है?
क्यों तुमने मेरे दिल में प्रेम रूपी बीज उत्पन्न किया?!
क्यों मैं बेहद चाहने लगी थी तुम्हें,
क्यों पहली बार मेरा दिल धड़का सिर्फ तुम्हारे लिए,
 मेरे बेरंग से जीवन में तुम रंग  बिखेरेंगो शायद मुझे यह लगा था।
"लेकिन मैं गलत थी सबको खूबसूरत प्रेयसी पसंद आती है,
मैं ही भूल गई थी कि कोई सीरत नहीं सूरत देखता है तुम्हें चाहने के लिए"

खैर कैसे हो तुम
वैसे कहीं भी रहो तुम
 किसी के साथ भी रहो तुम 
बस यूं ही मुस्कुराते रहना तुम्हारी मुस्कुराहट बहुत पसंद है मुझे

ना जाने कब तुम ,मुझसे प्रत्यक्ष रूप से दूर हो चुके 
ठीक है ,
लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से तो शायद ही दूर हो पाओगे,
कोई तो खास बात है मुझ में शायद तुम यह जान चुके होंगे अब तक!?

ठीक है ,तुम मुझे चाहते नहीं हो कोई बात नहीं

सब कहते हैं ,मुझे मैं बहुत बहादुर लड़की हूं ।
संघर्षरत, स्वालंबन और स्वाभिमान के साथ जीना जानती हूं, मुझे स्वीकार है जैसा तुम चाहोगे।।

इसे भ्रम कहो या उम्मीद मेरी कहीं किसी मोड़ पर तो याद आ ही जाएंगे हम 🥲

वैसे दूसरी दफा मिलने की तस्वीर है ,मेरे पास
 वही फिर देखी अभी मैंने 
आज फिर तुम याद आ गए ,

आज फिर तुम याद आ गए ❤️

©Deepti singh Jhala #Khushiyaan
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Deepti singh Jhala

मेरी प्यारी गुड़िया रानी,बड़ी श्यानी 

जिसके आने से घर आंगन में जैसे खुशियों की सौगात आई
जब जब वह हसंती मानो जैसे मेरे जीवन  बाग में कोई कली खिलखिलाई

मेरी प्यारी गुड़िया रानी ,बड़ी श्यानी

ओढ़ दुपट्टा बनती है अभी से दुल्हनिया रानी ,
मुझे लगती बड़ी सुहानी

जब-जब  डाटती उसे गुस्से से,
 मुझे लुभाती वह अपनी तोतली-तोतली बातों के किस्सों से 

मेरी प्यारी गुड़िया रानी , बड़ी श्यानी

मैं ख्याल रखती हूं दिन-रात  उसका 
लेकिन कोई पूछे उसे कुछ भी बतलाती है , 
मैं  हूं अपने पापा का राजा  बेटा

मेरी प्यारी गुड़िया रानी, बड़ी श्यानी

आज ही के दिन ईश्वर से मैंने तुम्हें अमूल्य उपहार स्वरूप पाया
हमेशा  मैंने अपने बचपन को तुममें ही पाया ।।

 happy birthday my gorgeous princess 😍❤️

©Deepti singh Jhala #mother #Mother #Dautherlove
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Deepti singh Jhala

लोगों को प्रेम कहानियां सिर्फ फिल्मों में ही अच्छी लगती है वास्तविक जीवन में तो उन्हें सच्ची प्रेम कहानियां,
 किसी हास्य व्यंग का हिस्सा लगती है

©Deepti singh Jhala #eternallove
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Deepti singh Jhala

लोगों को  प्रेम कहानियां सिर्फ फिल्मों में ही अच्छी लगती है वास्तविकता में उन्हें किसी की सच्ची प्रेम कहानी, 
हास्य व्यंग सी लगती है

©Deepti singh Jhala
  #eternallove
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Deepti singh Jhala

तुम्हारी आंखों में खुद को देखूं मैं,
इससे हसीं पल और क्या होगा 🥀

©Deepti singh Jhala #merikHushi
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Deepti singh Jhala

पद्मावती अनछुई रह गई अश्लील नजरों के
झोंकों से,
 रत्न सिंह अमर हो गये 
मर कर खिलजी के धोखो से

©Deepti singh Jhala #RajaRaani
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Deepti singh Jhala

दूर होकर भी हमेशा,
दिल के पास होती हैं।
बच्चें की खुशीयों के लिए,
हर गम सहती रहती हैं।
तेज धूप न लगे बच्चे को,
इसलिए आँचल से छाव देती है।
दर्द हो बच्चे को तो,
आँख उसकी भर आती हैं।
हँसी के पीछे का दर्द भी,
वह पहचान जाती है।
वो माँ है न............
वो सब जान जाती है।
बच्चे की आँसू की एक बूंद भी,
वो सह नही पाती हैं।
उनकी खुशियों के लिए वो,
जग से लड़ जाती हैं।
नजर का काला टिका लगाकर,
सारी बाधाएं दूर भगाती हैं।
खुद भूखी रहकर, 
बच्चे को भर पेट खिलाती हैं।
वो माँ है न .............
वो सब जान जाती है।
प्रार्थना के हाथ,
बच्चो की खुशहाली,
के लिए ही जुड़ते हैं।
मेरी उम्र भी तूझे लग जाये,
यह अभ्यर्थना किये रहते हैं।
गुस्से में भी,
हमेशा प्यार होता है।
उसकी डांट में भी,
बहुत दुलार होता हैं।
उसकी लोरी सुकर ही,
चेन की नींद का एहसास होता हैं।
प्रथम गुरु वो कहलाती,
प्रिय मित्र बनकर।
हर मुश्किल से निकलने की,
राह वही दिखलाती हैं।
जो वो न कर पाई,
वो सन्तान कर जाए।
यही हमेशा चाहती हैं,
वो माँ है न........
वो सब जान जाती है।
विरो को जन्म दिया उसने,
देवी का स्वरूप कहलाती हैं।
चार ईंटों के मकान को
घर वही बनाती हैं।
संस्कार देते-देते बच्चो को,
सृजन कर्ता बन जाती है।
बच्चे की एक मुस्कान देखने को,
संसार से खुशीयां खोज लाती हैं।
अंधेरों से लड़ने की कला भी
वही सिखाती हैं। 
डगमगाने पर सही राह,
वही दिखाती हैं।
वो माँ है न.......
वो सब जान जाती है

©Deepti singh Jhala #MothersDay
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Deepti singh Jhala

"पुरुष"     
दिल में हजारों गम लिए 
हंसता मुस्कुराता चेहरा साथ  रखता ‌है ।

अल्हड़ जवानी में ही कंधे बोझिल हो जाते हैं जिनके,
 चेहरे पर ना सही लेकिन मस्तिष्क पर चिंताओं की लकीरें हमेशा रहती है।।

भले ही गला भरा हो उनका
लेकिन फिर भी मुस्कुरा देने वाले पुरुष होते हैं,
उदास होते हैं वह फिर भी कहते हैं  "सब ठीक है"
कहते हुए बात टाल देते हैं।।

वे हमेशा से यही चाहते हैं कि समाज कभी उनके पुरुषत्व पर प्रश्नचिह्न ना लगाएं
सवालों के घेरे में उन्हें घेर 
उनके रोने का उपहास ना बनाएं।।
समाज इतना क्रूर है कि दुखी होने पर पुरुष के हिस्से आने वाले आंसू भी खा गया

समाज की विकृत मानसिकता का एक उत्तम उदाहरण यह भी है,
 कि एक रोती हुई स्त्री को असहाय और एक रोते हुए पुरुष को स्त्री की उपमा दी जाती है...।।

©Deepti singh Jhala #cycle
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