मैंने इश्क किया है तेरी रूह से,तेरे लहजे से
तू मेरे जिस्म में कुछ तेरे लहजे से पहचाना जाएगा
#MSDhoni
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Mahendra Kumar
उल्फत
का इजहार करने बस से,
जब हमसे कहा था उसने कि तुमको तो
"मैं अच्छा लड़का समझती थी,तुम भी सबके जैसे निकले"
तो कसम से 16जनवरी2016
से आज तक रोज
बुरा लगा करे है मुझे
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Mahendra Kumar
हम तबियत से हैं फकीर सिफ़त,
इस उल्फत में
उलझने की
बात हमसे न छेंडिए
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Mahendra Kumar
रो रहे थे सब तो मैं भी फूट कर रोने लगा,
हमने भी महबूब ढूंढा है इस जमाने में,
मेरी ' माँ ' सा महबूब न मिला मुझे।
4 Love
Mahendra Kumar
उसके नाम पर छुट्टी थी कल,
खुद वो काम पर गया था,
हमारी दुनिया में कल
मजदूर दिवस मनाया गया।
4 Love
Mahendra Kumar
अभी अभी कुछ गुजरा है...
मिट्टी खाते हुए,
धूल से सना हुआ,
आराम से जल्दी में,
दौड़ता हुआ,
हकलाता सा घबराया हुआ,
जरा पलटकर देखूं तो,