कैसा है परिवार आजकल
कैसे बहू और बेटे
सास ससुर उपहास बने
इज्जत स्वयं समेटे...
बेटा बाप के आंगन में
उनको इक कोना देता है
जिनके महलों में राज किया
उनको फटा बिछौना देता है #Poetry#Reality#Hindi#poem#bittertruth
अनुज
मुश्किल है सफर लेकिन
नामुमकिन तो नहीं,
डगर कोई भी हो लेकिन
कांटों के बिन तो नहीं
छोड़कर सर्वस्व अपना
एक दांव खेला जाए,
भीड़ से हटकर कोई,
कहीं तो अकेला जाए, #Poetry#Drown
अनुज
मिला नहीं जो दिल अगर
जो अब आप मिल सके तो क्या
चांद में सब्र जो तुमको मिला नहीं
जो अब आफताब मिल सके तो क्या
डुबी नहीं तुम नशें में मेरे
फिर शराब मिल सके तो क्या #Shayari
अनुज
जो लिखूं वो ही पढ़ो तो ठीक है
सब भूलकर आगे बढ़ो तो ठीक है
छोटे छोटे टीलो पर चलने से क्या
जो ऊंचे पर्वत पर चढ़ो तो ठीक है
कुछ को पाकर कुछ को खोना ठीक है
मुश्किल में होना और रोना ठीक है
अब कहां वो बात गद्दो में रही #Poetry#बस
अनुज
अकेला ही कुछ दूर तक चलकर
खामखां आंसुओं से तर-बतर
बेवजह ही मंजिलों की ख्वाहिशें
जाने आगे कहां तक मेरा सफ़र
सोचता हूं कि रूकूं और ठहरू जरा
जी लूं अपनी जिंदगी इस कदर #Poetry#Travel