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anuj5009765614358
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अनुज

लखनऊ, भारत

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अनुज

ghar quotes in hindi किसी को जमीन किसी को ज़र चाहिए
रिश्तों में लेकिन सब बेअसर चाहिए 

मेरे वालिद मेरी नींव और छत है वालिदा 
ले जाओ जिसको अब मेरा घर चाहिए

©अनुज #nojohindi #Poetry

#nojohindi Poetry

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अनुज

White दुआओं ने भी मुझसे यूं किनारा कर लिया है
जैसे समुंदर ने खुद को खारा कर लिया है
कहां तक बांध कर रखता सभी को इस जहां में
खुशी से मैने रिश्तों मे ख़सारा कर लिया है

©अनुज #Sad_Status
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अनुज

White कितना गिरोगे और कितना संभाला जाए
घर को और कितने हिस्सों में बांटा जाए

अपने मां बाप को सोने का तख्त देने वालों 
बता मेरे अपनो को घर से कैसे निकाला जाए

रिश्तों को रौंद डाला जीते जी खुदगर्जी में
उन आस्तीन के सांपों को कैसे पाला जाए 

चंद लम्हात के खातिर भी बसर हो रहा मुश्किल 
ज़िंदगी किस बिसात पर फिर यहां काट डाला जाए 

खुशी का एक पल भी यहां किसी को गवारा नहीं
दिनों रात फिर कैसे मुंह में एक निवाला जाए 

घर के ख़ुदाओं को तो रुलाया मिलकर सबने
बेफिजूल है, तू जाए मस्जिद या फिर अब शिवाला जाए

बेहतर है अंधेरा जिन्हें आंखे न मिली 
ये देखना है तो फिर मेरे आंखों से भी उजाला जाए 

मुझे वैसे भी किसी से उम्मीदें वफ़ा नहीं
चलो अपने मौत पर पत्थर खुद ही उछाला जाए

©अनुज #sad_qoute
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अनुज

White और कितने मकान बदले जाएंगे
हां मगर खामखां बदले जाएंगे 
जब तक न मिले दुनिया अपनी
ये जहां वो जहां बदले जाएंगे

©अनुज #love_shayari
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अनुज

White रिश्ते बिगाड़ लेता हूं खामखां में मै,
क्यों अकेला रह गया इस जहां में मै,
मिल सकेंगे तो सही या फिर वो भी नहीं
इंतेज़ार कर रहा हूं आसमां में मै

©अनुज #sad_quotes
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अनुज

घर को घर से कमरों में बांटा 
अब उन कमरों में अपने दरवाजे है,
जिन चौखट पर सबसे बाते होती थी
अब हर कमरे में अपनी अपनी बातें है,

©अनुज #Light
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अनुज

White भ्रमण करना बहुत मुश्किल तुम्हारे बिन,
नहीं लगता हमारा दिल तुम्हारे बिन,
बहुत से लोग मिलते है सफर में तो,
मिले मंजिल तो क्या मंज़िल तुम्हारे बिन,

©अनुज #love_shayari
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अनुज

White न जाने मेरी सुबह और शाम कहां,
बिन वजूद के किसी का एहतराम कहां,

वैसे तो डूब जाना चाहता हूं नशे में मै,
मगर मुफलिसी में इसका भी इंतेज़ाम कहां,

लोग जोड़ते है इश्क में मेरा नाम सबसे
मगर तेरे नाम के बिना मेरा नाम कहां,

जब तक अश्कों को तकियों का सहारा न मिले
तब तक मुकम्मल इश्क ए अंज़ाम कहां

लोग सुकून ढूंढते हैं मंदिर मस्जिद,
तू मुझे देख न ले तब तक आराम कहां,

वैसे तो नशे के लत तमाम है मगर
जो तुझको भुला दे वो जाम कहां,

©अनुज #sad_qoute
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अनुज

White मेरे हिस्से में दर्द है और फरियाद है, 
न जाने इस पहर कौन साथ है,

वैसे तो तमाम रिश्ते है दर ओ दीवार में,
कौन पूछता है के क्या मेरे हालात है

लबों पर खुशी हो तो हुजूम साथ है,
ग़मो में सिर्फ साथ मुश्किलात है,

उम्मीदों से कहां कोई इंसान टूटता है,
टूटता तो सिर्फ इंसानी जज़्बात है,

वो कसमें वो वादे सब दफा हो गए,
एक पल में ही मेंहदी और बारात है,

तुम रुखसत हुई जब से जिंदगी से मेरी,
मेरी तबियत तभी से कुछ नाशाद है,

मगर खुश हूं घूट पीकर बेवफाई का मै,
के सामने एक घर मेरे आबाद है,

©अनुज #love_shayari
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अनुज

White अब तो तुम्हारे नाम का, कुछ भी बचा नहीं,
और मैं तुम्हारे काम का, कुछ भी बचा नहीं,
जो भी पड़ा है टुकड़ों में, उसको समेट लो,
मै और मेरे ईमान का कुछ भी बचा नहीं !!

©अनुज #sad_shayari
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