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C L Goswami

zindagi jaalim h janab

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C L Goswami

देर से ही सही कुछ लोग याद कर ले ते अपनो को 

धुंवा धुंवा सी हो रही है ये ज़िंदगी  
अपनी ही धुन से चल रही ये ज़िंदगी 
हर पल एक नया सबक सिखाएे ज़िंदगी
मे राही तेरी मंजिल का मुझे काहा ले जाये ज़िंदगी
good night 
c l Goswami

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C L Goswami

रास्ते मंजिले आसान बनाते  है लेकिन रास्ते बनाने के लिए खुद से ही लड़ना पड़ता है 
c l goswami

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C L Goswami

सफल होने के लिए आप के पास एक कारण होना जरूरी है
जो आप को सफल बनने  पर मजबुर करे
c l Goswami

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C L Goswami

डरते है अब तो उस आवाज से भी जो कभी तेरे होने का। अहसास कराती थी
तेरे बिन 
c l Goswami

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C L Goswami

तेरे बाद ना जाने कितने बादल आये और हम पर बरसना चाहे 
लेकिन कमब्ख्त इस दिल के तूफ़ान ने बरसने ही नहीं दिया
तेरे बिन
c l goswami

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C L Goswami

तेरी आँखे की तफदिस बुल कर भी ना बुल पाऐगे तुज से किये हुये वादे
तेरी तस्वीर से निभाऐगे
goswami thoughts

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C L Goswami

बहुत ही गजब का अन्दाज था   उसका  गालिब   रूठे हूए 
को मनाने का बोलती कुछ नहीं फिर भी आँखो से आसू और मेरे सिने पर तेरे उस मखमल हाथो कि  बनी सी चोट् 
ख्याल तेरा 
chhgnlal goswami

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C L Goswami

एक बार की बात है दो लकडहारे  पेड़ काटने जाते थे एक चार घंटो तक पेड़ काटता और एक आठ घंटों तक 
लेकिन  जो आठ  घंटे  पेड़ काटता  था वो मुस्किल से एक पेड़ काटता और चार घंटे वाला उस  से ज्यदा पेड़  काटता   एक दिन  आठ घंटे वाले ने छुप कर देखा की कसे करता वो इतना ज्याद काम 
तो क्या देखा की वो चार घंटे पेड़ काटता और चार घंटे अपनी कुल्हाड़ी की धार तेज करता था  

उसी तरह आप भी आपने दिमाक की धार को बनाने मे  ज्यदा टाइम दे ना की  रटा मारने पर और दिमाक की धार सोचने से लिखने से  होती है 
c l goswami

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C L Goswami

रिशते नाते दिल से निभाए जाते है गालिब
ना की दिमाग से 
जिन रिश्तो में  दिमाग लगने लगता वो कभी मुकमल नहीं हो सकते
goswami c l

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C L Goswami

माना मेरी मुहबत अधूरी थी 
लेकिन बर्बाद  पुरा हो गया

तेरे बिन 
c l Goswami

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