Nojoto: Largest Storytelling Platform
ashishyadav2476
  • 103Stories
  • 176Followers
  • 864Love
    1.6LacViews

frzigulzar

कोशिसे फर्जी सी होती हैं, साथ निभाना इतना मुस्किल भी नहीं।।

  • Popular
  • Latest
  • Video
7644aa72553210ebaaf89c15715d0287

frzigulzar

 पलकों की छांव में रहने के बाद भी
ये आंखों के नीचे काले गड्ढे
बस एक ही शख्स बसाए रखने की
जुर्रत भी तो हो सकती हैं ।

©frzigulzar
  #boatclub
7644aa72553210ebaaf89c15715d0287

frzigulzar

इंतजार है कहने को,
इक बारीक सी सीख थी इस हिस्से न हुई।

©frzigulzar
  #hillroad
7644aa72553210ebaaf89c15715d0287

frzigulzar

मैं इंतजार में हूं वो बारीक सी सीख थी जो इस तरफ कीन गिरी।।

©frzigulzar
  #hillroad
7644aa72553210ebaaf89c15715d0287

frzigulzar

जब-जब खंगाली अलमारी-तिजोरी अपनी
 रूबरू तेरी तस्वीरों से हुआ!
ढूढते रह गए कुछ, अपने पैगंबर को
मैंने कई दफा उसको , अपने ख्यालों में खुदा चुन लिया !
मैं नहीं रहता महफिलों की आस में हर साम,
मैंने ख्वाबों में ही हर दफा, हमारा शाम-ए-मकां ढूंढ लिया!
कई मर्तबा रोका था खुद को, मशगूल होने से उसमे
नादान ही समझा था दिल को अब तक,
इस बार थोड़ा पागल सा भी बना लिया,,||

©frzigulzar
  #arabianhorse
7644aa72553210ebaaf89c15715d0287

frzigulzar

कुछ रखें हैं खाक में दफन पिरोए संगीत 
सुनाया नहीं गया तो दफनाना बेहतर लगा ख्वाब खुद के।
@frzigulzar

©frzigulzar
  #Path
7644aa72553210ebaaf89c15715d0287

frzigulzar

सुबह उठ कर शाम का मलबा संभाल, 
कैसे भी निकला चार दिवारी से
इतेफाकन होश आया कुछ कल  झुरमुठे छोड़ दी है
मेने अपने बिस्तर पर
जो उस ख्वाब में आया
रीत रिवाज दुनियादारी की संभलते गुजरते फिर वैसा ही
एक दुपहरिया गुजर सांझ आया
न चाहते हुए भी वो ख्वाब कुछ नई उलझनों को ले 
फिर पुराना वही वो शाम आया 
न निकलते तो क्या करता 
निकलते निकलते ये उमर ढलने का इक एहतराम खुद से हुआ
न संभला था न संभलेगा जैसा था वो वैसा ही
गुजरदस्तक वो हर शाम आता रहेगा और हर रोज आया।।
@frzigulzar

©frzigulzar
  #Distant @foruguj

27 Views

7644aa72553210ebaaf89c15715d0287

frzigulzar

घर कागज पर कुछ ताजा सा मिल जाए ,
तो समझ लेना वो कलम रात भर ना सोई थी,

बड़े फल्सफे बड़े हौसलों से बनाई थी आशिया हमने अपनी,
घर खुदा भी उस खिड़की पर आ जाए तो क्या हो जाए,

बड़े इरादों से लगाई थी तुलसी हमने अपने आंगन में,
गर रोज सुबह गमले की जमीं गीली सी मिल जाए तो क्या ही हो जाए,

ख्वाबों में रह कर भी न सो पाए थे,
गर वो टिमटिमाती आँखें हमारी आहट से भी चमक जाए तो कया हो जाए,

चांद तारे तोड़ लाने की बातों से परे,
सुबह सूरज से पहले वो चांद दिख जाय तो क्या हो जाए।।
@frzigulzar

©frzigulzar
  #teatime #forwhocantundrstndtheselineneverever
7644aa72553210ebaaf89c15715d0287

frzigulzar

आवाज गर तुम सी मधुर होती हमारी 
हम संगीत भी लिखते आपकी खातिर।।

©frzigulzar
  #worldmusicday

245 Views

7644aa72553210ebaaf89c15715d0287

frzigulzar

खोया खोया सा जरूर हूं
पर ईमान से नहीं।।

©frzigulzar
  #yogaday

36 Views

7644aa72553210ebaaf89c15715d0287

frzigulzar

न लब्जों रू-आब से हों
मैं और तुम चलो अब हम से हों।।

©frzigulzar
  #DhakeHuye

227 Views

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile