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shivanksharma1401
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Shivank Sharma

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Shivank Sharma

भारत एक ऐसा देश है 
जहां पीपल के पेड़ की पूजा करने पर लोग आपको
बहुत ही पिछड़ा हुआ निरक्षर मानते हैं
वहीं अगर आप क्रिसमस सेलिब्रेट करते हो और संता के गिफ्ट का इंतजार करते हो
तो आप बहुत वैल-एजुकेटेड और हाई क्लास सोसायटी से  माने जाते हो | true line

true line

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Shivank Sharma

प्यार किसे कहते है
ये एक दिन का बच्चा भी समझता है

लेकिन किसी औरत पर हाथ उठाकर
खुद को मर्द समझने वाला 50 साल  का आदमी
औरत का प्यार और त्याग नही समझता | प्यार किसे कहते है
ये एक दिन का बच्चा भी समझता है

लेकिन किसी औरत पर हाथ उठाकर
खुद को मर्द समझने वाला 50 साल  का आदमी
औरत का प्यार और त्याग नही समझता |

प्यार किसे कहते है ये एक दिन का बच्चा भी समझता है लेकिन किसी औरत पर हाथ उठाकर खुद को मर्द समझने वाला 50 साल का आदमी औरत का प्यार और त्याग नही समझता |

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Shivank Sharma

जब तुम जाती हो 
घर अपने 
दिन मचलता है 
रात सरकती है
अधखुली सी नींद में
बेचैन बाहें तड़पती हैं

मेरे खाने और 
मेरी चाय का समय 
घर की साफ-सफाई 
और कपड़ों की तय 
सास - ससुर - ननंद के तानों पर भी 
सारी शर्ते पूरी करती है

जब तुम जाती हो 
घर अपने 
दिन मचलता है 
रात सरकती है
अधखुली सी नींद में
बेचैन बाहें तड़पती हैं I miss u

I miss u

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Shivank Sharma

अब की बार मोहब्बत करो , तो खबर रखियेगा
कहीं दौहरा ना जाए , अजीयत-ए-तारीख नजर रखियेगा

इस बार दिल अगर टूटा , तो सम्भलेगा नहीं 
जब तक जुबां पर ना आए , उसके दिल की बात
सबर रखियेगा

किसी के आने जाने से
कमी ज्यादती होती नहीं कभी 
दुनिया-ए-परिस्ता बहुत मिलेंगे , कदमों के नीचे सफर रखियेगा

टूटे हुए कैस् का यकी करता नहीं कोई 
जब किस्सा कहो तो , बातों में असर रखियेगा

बुरी नजर से देखते हैं आशिकों को जहां वाले
किसी की जुबां ना खुले , गवाह साथ रखियेगा

गाहे-बगाहे ही मोहब्बत मुकम्मल होती है किसी की
 गर हो भी जाये ,  पैरों में जमी , सर पर आसमान रखियेगा

मोहब्बत दोजख है जवानी के लिए
बडी आस से शहर भेजा है मां ने , ध्यान रखियेगा

दोजख - नर्क 
गाहे-बगाहे - कभी-कभी 
कैस् -  आशिक 
दुनिया-ऐ- परिस्ता -  परियों का संसार 
अजीयत-ए-तारीख - हादसों का इतिहास





 ध्यान रखियेगा|

ध्यान रखियेगा|

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Shivank Sharma

अब की बार मोहब्बत करो , तो खबर रखियेगा
कहीं दौहरा ना जाए , अजीयत-ए-तारीख नजर रखियेगा

इस बार दिल अगर टूटा , तो सम्भलेगा नहीं 
जब तक जुबां पर ना आए , उसके दिल की बात
सबर रखियेगा

किसी के आने जाने से
कमी ज्यादती होती नहीं कभी 
दुनिया-ए-परिस्ता बहुत मिलेंगे , कदमों के नीचे सफर रखियेगा

टूटे हुए कैस् का यकी करता नहीं कोई 
जब किस्सा कहो तो , बातों में असर रखियेगा

बुरी नजर से देखते हैं आशिकों को जहां वाले
किसी की जुबां ना खुले , गवाह साथ रखियेगा

गाहे-बगाहे ही मोहब्बत मुकम्मल होती है किसी की
 गर हो भी जाये ,  पैरों में जमी , सर पर आसमान रखियेगा

मोहब्बत दोजख है जवानी के लिए
बडी आस से शहर भेजा है मां ने , ध्यान रखियेगा

दोजख - नर्क 
गाहे-बगाहे - कभी-कभी 
कैस् -  आशिक 
दुनिया-ऐ- परिस्ता -  परियों का संसार 
अजीयत-ए-तारीख - हादसों का इतिहास ध्यान रखियेगा|

ध्यान रखियेगा|

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Shivank Sharma

अब की बार मोहब्बत करो , तो खबर रखियेगा
कहीं दौहरा ना जाए , अजीयत-ए-तारीख नजर रखियेगा

इस बार दिल अगर टूटा , तो सम्भलेगा नहीं 
जब तक जुबां पर ना आए , उसके दिल की बात
सबर रखियेगा

किसी के आने जाने से
कमी ज्यादती होती नहीं कभी 
दुनिया-ए-परिस्ता बहुत मिलेंगे , कदमों के नीचे सफर रखियेगा

टूटे हुए कैस् का यकी करता नहीं कोई 
जब किस्सा कहो तो , बातों में असर रखियेगा

बुरी नजर से देखते हैं आशिकों को जहां वाले
किसी की जुबां ना खुले , गवाह साथ रखियेगा

गाहे-बगाहे ही मोहब्बत मुकम्मल होती है किसी की
 गर हो भी जाये ,  पैरों में जमी , सर पर आसमान रखियेगा

मोहब्बत दोजख है जवानी के लिए
बडी आस से शहर भेजा है मां ने , ध्यान रखियेगा

दोजख - नर्क 
गाहे-बगाहे - कभी-कभी 
कैस् -  आशिक 
दुनिया-ऐ- परिस्ता -  परियों का संसार 
अजीयत-ए-तारीख - हादसों का इतिहास





 अब की बार मोहब्बत करो , तो खबर रखियेगा
कहीं दौहरा ना जाए , अजीयत-ए-तारीख नजर रखियेगा

इस बार दिल अगर टूटा , तो सम्भलेगा नहीं 
जब तक जुबां पर ना आए , उसके दिल की बात
सबर रखियेगा

किसी के आने जाने से

अब की बार मोहब्बत करो , तो खबर रखियेगा कहीं दौहरा ना जाए , अजीयत-ए-तारीख नजर रखियेगा इस बार दिल अगर टूटा , तो सम्भलेगा नहीं जब तक जुबां पर ना आए , उसके दिल की बात सबर रखियेगा किसी के आने जाने से

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Shivank Sharma

अब की बार मोहब्बत करो , तो खबर रखियेगा
कहीं दौहरा ना जाए , अजीयत-ए-तारीख नजर रखियेगा

इस बार दिल अगर टूटा , तो सम्भलेगा नहीं 
जब तक जुबां पर ना आए , उसके दिल की बात
सबर रखियेगा

किसी के आने जाने से
कमी ज्यादती होती नहीं कभी 
दुनिया-ए-परिस्ता बहुत मिलेंगे , कदमों के नीचे सफर रखियेगा

टूटे हुए कैस् का यकी करता नहीं कोई 
जब किस्सा कहो तो , बातों में असर रखियेगा

बुरी नजर से देखते हैं आशिकों को जहां वाले
किसी की जुबां ना खुले , गवाह साथ रखियेगा

गाहे-बगाहे ही मोहब्बत मुकम्मल होती है किसी की
 गर हो भी जाये ,  पैरों में जमी , सर पर आसमान रखियेगा

मोहब्बत दोजख है जवानी के लिए
बडी आस से शहर भेजा है मां ने , ध्यान रखियेगा

दोजख - नर्क 
गाहे-बगाहे - कभी-कभी 
कैस् -  आशिक 
दुनिया-ऐ- परिस्ता -  परियों का संसार 
अजीयत-ए-तारीख - हादसों का इतिहास





 अब की बार मोहब्बत करो , तो खबर रखियेगा
कहीं दौहरा ना जाए , अजीयत-ए-तारीख नजर रखियेगा

इस बार दिल अगर टूटा , तो सम्भलेगा नहीं 
जब तक जुबां पर ना आए , उसके दिल की बात
सबर रखियेगा

किसी के आने जाने से

अब की बार मोहब्बत करो , तो खबर रखियेगा कहीं दौहरा ना जाए , अजीयत-ए-तारीख नजर रखियेगा इस बार दिल अगर टूटा , तो सम्भलेगा नहीं जब तक जुबां पर ना आए , उसके दिल की बात सबर रखियेगा किसी के आने जाने से

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अब की बार मोहब्बत करो , तो खबर रखियेगा
कहीं दौहरा ना जाए , अजीयत-ए-तारीख नजर रखियेगा

इस बार दिल अगर टूटा , तो सम्भलेगा नहीं 
जब तक जुबां पर ना आए , उसके दिल की बात
सबर रखियेगा

किसी के आने जाने से
कमी ज्यादती होती नहीं कभी 
दुनिया-ए-परिस्ता बहुत मिलेंगे , कदमों के नीचे सफर रखियेगा

टूटे हुए कैस् का यकी करता नहीं कोई 
जब किस्सा कहो तो , बातों में असर रखियेगा

बुरी नजर से देखते हैं आशिकों को जहां वाले
किसी की जुबां ना खुले , गवाह साथ रखियेगा

गाहे-बगाहे ही मोहब्बत मुकम्मल होती है किसी की
 गर हो भी जाये ,  पैरों में जमी , सर पर आसमान रखियेगा

मोहब्बत दोजख है जवानी के लिए
बडी आस से शहर भेजा है मां ने , ध्यान रखियेगा

दोजख - नर्क 
गाहे-बगाहे - कभी-कभी 
कैस् -  आशिक 
दुनिया-ऐ- परिस्ता -  परियों का संसार 
अजीयत-ए-तारीख - हादसों का इतिहास





 अब की बार मोहब्बत करो , तो खबर रखियेगा
कहीं दौहरा ना जाए , अजीयत-ए-तारीख नजर रखियेगा

इस बार दिल अगर टूटा , तो सम्भलेगा नहीं 
जब तक जुबां पर ना आए , उसके दिल की बात
सबर रखियेगा

किसी के आने जाने से

अब की बार मोहब्बत करो , तो खबर रखियेगा कहीं दौहरा ना जाए , अजीयत-ए-तारीख नजर रखियेगा इस बार दिल अगर टूटा , तो सम्भलेगा नहीं जब तक जुबां पर ना आए , उसके दिल की बात सबर रखियेगा किसी के आने जाने से

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अब की बार मोहब्बत करो , तो खबर रखियेगा
कहीं दौहरा ना जाए , अजीयत-ए-तारीख नजर रखियेगा

इस बार दिल अगर टूटा , तो सम्भलेगा नहीं 
जब तक जुबां पर ना आए , उसके दिल की बात
सबर रखियेगा

किसी के आने जाने से
कमी ज्यादती होती नहीं कभी 
दुनिया-ए-परिस्ता बहुत मिलेंगे , कदमों के नीचे सफर रखियेगा

टूटे हुए कैस् का यकी करता नहीं कोई 
जब किस्सा कहो तो , बातों में असर रखियेगा

बुरी नजर से देखते हैं आशिकों को जहां वाले
किसी की जुबां ना खुले , गवाह साथ रखियेगा

गाहे-बगाहे ही मोहब्बत मुकम्मल होती है किसी की
 गर हो भी जाये ,  पैरों में जमी , सर पर आसमान रखियेगा

मोहब्बत दोजख है जवानी के लिए
बडी आस से शहर भेजा है मां ने , ध्यान रखियेगा

दोजख - नर्क 
गाहे-बगाहे - कभी-कभी 
कैस् -  आशिक 
दुनिया-ऐ- परिस्ता -  परियों का संसार 
अजीयत-ए-तारीख - हादसों का इतिहास अब की बार मोहब्बत करो , तो खबर रखियेगा
कहीं दौहरा ना जाए , अजीयत-ए-तारीख नजर रखियेगा

इस बार दिल अगर टूटा , तो सम्भलेगा नहीं 
जब तक जुबां पर ना आए , उसके दिल की बात
सबर रखियेगा

किसी के आने जाने से

अब की बार मोहब्बत करो , तो खबर रखियेगा कहीं दौहरा ना जाए , अजीयत-ए-तारीख नजर रखियेगा इस बार दिल अगर टूटा , तो सम्भलेगा नहीं जब तक जुबां पर ना आए , उसके दिल की बात सबर रखियेगा किसी के आने जाने से

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Shivank Sharma

जिन रास्तों पर तेरे आने की आस में ,
जलता था अरमानो का दीया
उन्हीं रास्तों से हर बार मायूस हवा 
आती रही दिया बुझ आती रही

ये नींदे जो आंखों का रास्ता ही भूल गई
एक शराब थी , बदसुकू सी , पर सुलाती रही

कुछ चेहरे बदल गए , कुछ नक्शे घरों के
वह खुशबू आज भी साथ चलती है गलियों में तेरी
मुस्कुराती हुई , रुलाती हुई , तेरी याद आती रही जिन रास्तों पर तेरे आने की आस में ,
जलता था अरमानो का दीया
उन्हीं रास्तों से हर बार मायूस हवा 
आती रही दिया बुझ आती रही

ये नींदे जो आंखों का रास्ता ही भूल गई
एक शराब थी , बदसुकू सी , पर सुलाती रही

जिन रास्तों पर तेरे आने की आस में , जलता था अरमानो का दीया उन्हीं रास्तों से हर बार मायूस हवा आती रही दिया बुझ आती रही ये नींदे जो आंखों का रास्ता ही भूल गई एक शराब थी , बदसुकू सी , पर सुलाती रही

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