जुदाई भी मौहब्बत है मानो तो,
इसमें भी शोहरत है मानो तो,
ये जिस्मानी नजदीकियां ही मोहब्बत की सफलता क्यों समझते हो
राधा सिर्फ घनस्याम की है मानो तो ।।
सुखवीर सिंह कविया #Poetry
my hindi poetry at Nojoto open mic event Udaipur.
जमाना क्यों जलता है ।।
https://youtu.be/ZLTJzMq054c #Poetry
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Sukhveer singh kaviya
लाख कोशिशें यूँ आजमाता हूँ मैं
by
Sukhveer singh kaviya.
The Rising Poet. #Poetry
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Sukhveer singh kaviya
वो करती ह इंकार हमारे इकरार से
तो निकलती ह क्यों तस्वीर हमारी उनकी किताब से ।।
कुछ लोगों के चेहरे झूठ बोल नहीं पाते
कुछ लोग दिल के राज किसी से खोल नहीं पाते
#Poetry