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पण्डित राहुल पाण्डेय

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पण्डित राहुल पाण्डेय

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पण्डित राहुल पाण्डेय

*रक्षाबन्धन*
● रक्षाबन्धन 11 अगस्त को रात 8.51 के बाद रात में ही मनाएँ
 *12 अगस्त को नहीं*  (शास्त्र सम्मत निर्णय)
●         इस वर्ष 11 अगस्त 2022 गुरुवार को भद्रा होने से रात्रि 08.51 भद्राशुद्धि बाद रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा । 
रक्षाबंधन में रात्रि दोष नहीं होता है-
 *भद्रान्ते प्रदोषे रात्रौ वा कार्यम्।* 
● पूर्णिमा 12 अगस्त को पूरे भारत में पूर्णिमा उदयकाल में त्रिमहूर्त से कम है 
अतः 12 को रक्षाबंधन एवं श्रावणी नहीं करना चाहिए। 
*उदये त्रिमुहूर्त्तन्यूनत्वे पूर्वेद्यु: प्रदोषादिकाले कर्तव्यम्।*
 ●    याजुषादियों को उपाकर्म (श्रावणी) भी 11 अगस्त को ही कर्तव्य है । 
उपाकर्म में भद्रा दोष नहीं होता है । रक्षाबंधन में होता है-
*भद्रायां द्वे न कर्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी तथा।*
*भद्रा में दो कार्य नहीं करने चाहियें श्रावणी अर्थात् रक्षाबंधन और होलिका दहन* । 
भद्रा में श्रावणी करने से राजा की मृत्यु होती है और होली जलाने से नगर में आग संबंधित उपद्रव होते हैं । *अतः रक्षाबंधन पर्व में भद्रा पूर्णतः त्याज्य है । उसका कोई भी परिहार ग्राह्य नहीं है*।
         रक्षाबंधन की पूर्णिमा में भद्रा मुख पुच्छ आदि ग्रहण करना शास्त्र मर्यादा के विरुद्ध है ।
 *रक्षाबंधन श्रावण पूर्णिमा के दिन ही कर्तव्य है । इस दिन ग्रहण या संक्रांति हो तो भी इसी दिन भद्रा रहित काल में रक्षार्थ रक्षापोटलिका युक्त रक्षासूत्र बांधना और बंधवाना  चाहिए ।*  
       *यदि पूरे दिन भद्रा हो तो रात्रि में प्रदोष काल में या भद्रा समाप्ति पर सभी रक्षाबंधन करें । रक्षाबंधन कर्म होलिका के समान सभी वर्णों के लिए कर्तव्य है* ।
 *सूर्यास्त के साथ निशामुख से तीन मुहुर्त अर्थात् स्थूल रुप से छः घटी पर्यन्त अर्थात् सूर्यास्त से अढ़ाई घंटे तक "प्रदोष काल" रहता है ।* 
अतः अपने अपने क्षेत्र के पंचांगों के अनुसार भद्रा समाप्ति पर ही 11 अगस्त को ही रक्षाबंधन करें ।
 *पण्डित राहुल पाण्डेय* काशीप्रयाग-मध्य
ज्योतिष/वास्तु/ग्रहशांति/हस्तरेखा/समस्त जाप/शांति
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©पण्डित राहुल  पाण्डेय *रक्षाबन्धन*
● रक्षाबन्धन 11 अगस्त को रात 8.51 के बाद रात में ही मनाएँ
 *12 अगस्त को नहीं*  (शास्त्र सम्मत निर्णय)
●         इस वर्ष 11 अगस्त 2022 गुरुवार को भद्रा होने से रात्रि 08.51 भद्राशुद्धि बाद रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा । 
रक्षाबंधन में रात्रि दोष नहीं होता है-
 *भद्रान्ते प्रदोषे रात्रौ वा कार्यम्।* 
● पूर्णिमा 12 अगस्त को पूरे भारत में पूर्णिमा उदयकाल में त्रिमहूर्त से कम है 
अतः 12 को रक्षाबंधन एवं श्रावणी नहीं करना चाहिए।

*रक्षाबन्धन* ● रक्षाबन्धन 11 अगस्त को रात 8.51 के बाद रात में ही मनाएँ *12 अगस्त को नहीं* (शास्त्र सम्मत निर्णय) ● इस वर्ष 11 अगस्त 2022 गुरुवार को भद्रा होने से रात्रि 08.51 भद्राशुद्धि बाद रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा । रक्षाबंधन में रात्रि दोष नहीं होता है- *भद्रान्ते प्रदोषे रात्रौ वा कार्यम्।* ● पूर्णिमा 12 अगस्त को पूरे भारत में पूर्णिमा उदयकाल में त्रिमहूर्त से कम है अतः 12 को रक्षाबंधन एवं श्रावणी नहीं करना चाहिए। #Hill #पौराणिककथा

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पण्डित राहुल पाण्डेय

*ना हारते हैं वक़्त से,ना जीतते हैं वक़्त से,* 
*सफल वहीं होते हैं,जो सीखते हैं वक़्त से!*
*महादेव*
*🌹🙏🌹🌻🌸🌸*

©पण्डित राहुल  पाण्डेय *ना हारते हैं वक़्त से,ना जीतते हैं वक़्त से,* 
*सफल वहीं होते हैं,जो सीखते हैं वक़्त से!*
*महादेव*
*🌹🙏🌹🌻🌸🌸*

#flowers  MALLIKA

*ना हारते हैं वक़्त से,ना जीतते हैं वक़्त से,* *सफल वहीं होते हैं,जो सीखते हैं वक़्त से!* *महादेव* *🌹🙏🌹🌻🌸🌸* #flowers MALLIKA #विचार

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पण्डित राहुल पाण्डेय

*🌹🪷आज का सुविचार🪷🌹* 

*"अकेलापन" इस संसार में सबसे बड़ी सज़ा हैं और "एकांत" सबसे बड़ा वरदान! ये दो समानार्थी दिखने वाले शब्दों के अर्थ में जमीन आसमान का अंतर हैं।*
*अकेलेपन में छटपटाहट हैं, एकांत में आराम!*
*अकेलेपन में घबराहट हैं, एकांत में शांति।*
*जब तक हमारी नज़र बाहर की और हैं तब तक हम अकेलापन महसूस करतें हैं। जैसे ही नज़र भीतर की ओर मुड़ी, तो एकांत अनुभव होने लगता हैं।*
*ये जीवन और कुछ नहीं, वस्तुतः अकेलेपन से एकांत की और एक यात्रा ही हैं। ऐसी यात्रा जिसमें, रास्ता भी हम हैं, राही भी हम हैं और मंज़िल भी हम ही हैं।*
*आपको और आपके परिवार को सौभाग्य और सुहाग के प्रतीक हरियाली तीज पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।*
*भगवान शिव एंव माता पार्वती की कृपा सदैव आप सब पर बनीं रहें।*
*🪷हर हर महादेव🪷🙏🪷*
*🦚जय श्री राधे कृष्णा जी🦚*

©पण्डित राहुल  पाण्डेय *🌹🪷आज का सुविचार🪷🌹* 

*"अकेलापन" इस संसार में सबसे बड़ी सज़ा हैं और "एकांत" सबसे बड़ा वरदान! ये दो समानार्थी दिखने वाले शब्दों के अर्थ में जमीन आसमान का अंतर हैं।*
*अकेलेपन में छटपटाहट हैं, एकांत में आराम!*
*अकेलेपन में घबराहट हैं, एकांत में शांति।*
*जब तक हमारी नज़र बाहर की और हैं तब तक हम अकेलापन महसूस करतें हैं। जैसे ही नज़र भीतर की ओर मुड़ी, तो एकांत अनुभव होने लगता हैं।*
*ये जीवन और कुछ नहीं, वस्तुतः अकेलेपन से एकांत की और एक यात्रा ही हैं। ऐसी यात्रा जिसमें, रास्ता भी हम हैं, राही भी हम है

*🌹🪷आज का सुविचार🪷🌹* *"अकेलापन" इस संसार में सबसे बड़ी सज़ा हैं और "एकांत" सबसे बड़ा वरदान! ये दो समानार्थी दिखने वाले शब्दों के अर्थ में जमीन आसमान का अंतर हैं।* *अकेलेपन में छटपटाहट हैं, एकांत में आराम!* *अकेलेपन में घबराहट हैं, एकांत में शांति।* *जब तक हमारी नज़र बाहर की और हैं तब तक हम अकेलापन महसूस करतें हैं। जैसे ही नज़र भीतर की ओर मुड़ी, तो एकांत अनुभव होने लगता हैं।* *ये जीवन और कुछ नहीं, वस्तुतः अकेलेपन से एकांत की और एक यात्रा ही हैं। ऐसी यात्रा जिसमें, रास्ता भी हम हैं, राही भी हम है #alone #पौराणिककथा

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पण्डित राहुल पाण्डेय

*🌹आज का विचार🌹*
*मुस्कुराहटें झूठी भी हुआ करता हैं,*
*इसीलिए इंसान को देखना नहीं समझना सीखो......!*
*महादेव*
*🌹🙏🌹🌻🌸🌸*

©पण्डित राहुल  पाण्डेय *🌹आज का विचार🌹*
*मुस्कुराहटें झूठी भी हुआ करता हैं,*
*इसीलिए इंसान को देखना नहीं समझना सीखो......!*
*महादेव*
*🌹🙏🌹🌻🌸🌸* Poonita Sharma

*🌹आज का विचार🌹* *मुस्कुराहटें झूठी भी हुआ करता हैं,* *इसीलिए इंसान को देखना नहीं समझना सीखो......!* *महादेव* *🌹🙏🌹🌻🌸🌸* Poonita Sharma

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पण्डित राहुल पाण्डेय

*इस दुनिया में हर सफल व्यक्ति ने सफल होने से पहले असफलता का स्वाद जरूर चखा हैं.. महादेव✨*

©पण्डित राहुल  पाण्डेय *इस दुनिया में हर सफल व्यक्ति ने सफल होने से पहले असफलता का स्वाद जरूर चखा हैं.. महादेव✨*

#Walk

*इस दुनिया में हर सफल व्यक्ति ने सफल होने से पहले असफलता का स्वाद जरूर चखा हैं.. महादेव✨* #Walk #विचार

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पण्डित राहुल पाण्डेय

*"मुश्किल वक्त" दुनिया का सबसे बड़ा जादूगर हैं!*
*जो एक पल में...,आपके चाहने वालों के चेहरे से नकाब हटा देता हैं!!*
*महादेव*
*🌹🙏🌹🌻🌸🌸*

©पण्डित राहुल  पाण्डेय *"मुश्किल वक्त" दुनिया का सबसे बड़ा जादूगर हैं!*
*जो एक पल में...,आपके चाहने वालों के चेहरे से नकाब हटा देता हैं!!*
*महादेव*
*🌹🙏🌹🌻🌸🌸*

#alone

*"मुश्किल वक्त" दुनिया का सबसे बड़ा जादूगर हैं!* *जो एक पल में...,आपके चाहने वालों के चेहरे से नकाब हटा देता हैं!!* *महादेव* *🌹🙏🌹🌻🌸🌸* #alone #विचार

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पण्डित राहुल पाण्डेय

जय हिन्द सभी सपुतों को नमन

©पण्डित राहुल  पाण्डेय जय हिन्द

#Kargil

जय हिन्द #Kargil #विचार

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पण्डित राहुल पाण्डेय

: *कोई भी व्यक्ति हमारा मित्र या शत्रु बनकर संसार में नही आता*

*हमारा व्यवहार और शब्द ही लोगो को मित्र और शत्रु बनाते है*


 *किसी की ख़ुशी की वज़ह बनों,*
*जिंदगी में कुछ दर्द कम हो जायेंगें।*

*फितरत अपनी अपनी,*

*भंवरा फूल और मच्छर गन्दगी ढूंढता है।*

*जय श्री कृष्णा*

©पण्डित राहुल  पाण्डेय महादेव 
#SunSet  Poonita Sharma Vandana Mishra  vibha  Neha Tiwari

महादेव #SunSet Poonita Sharma Vandana Mishra vibha Neha Tiwari #विचार

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पण्डित राहुल पाण्डेय

*समय मूल्यवान और बहुमूल्य नहीं वह तो अमूल्य है। हमारे पूरे जीवन भर की कमाई भी समय के एक क्षण को नहीं खरीद पायेगी फिर समय का दुरुपयोग किसलिए है ?* 

           *व्यस्तता हो अवश्य मगर वह सृजनात्मक, जनात्मक कार्यों में हो, रचनात्मक कार्यों में हो तभी समय का सदुपयोग समझा जायेगा। समय किसी के साथ नहीं चलता। हमें ही इसके साथ चलना पड़ेगा और एक बात समय किसी के लिए रुकता भी नही।*

           *अत:समय अमूल्य है हर क्षण घट रहा है, यह आज है कल नहीं, अभी है फिर नहीं। इसलिए समय के महत्व को विशेष रूप से समझा जाये और अपने जीवन को अच्छे कार्यों में, श्रेष्ठ कार्यों में लगाया जाये।*

*महादेव*

©पण्डित राहुल  पाण्डेय *समय मूल्यवान और बहुमूल्य नहीं वह तो अमूल्य है। हमारे पूरे जीवन भर की कमाई भी समय के एक क्षण को नहीं खरीद पायेगी फिर समय का दुरुपयोग किसलिए है ?* 

           *व्यस्तता हो अवश्य मगर वह सृजनात्मक, जनात्मक कार्यों में हो, रचनात्मक कार्यों में हो तभी समय का सदुपयोग समझा जायेगा। समय किसी के साथ नहीं चलता। हमें ही इसके साथ चलना पड़ेगा और एक बात समय किसी के लिए रुकता भी नही।*

           *अत:समय अमूल्य है हर क्षण घट रहा है, यह आज है कल नहीं, अभी है फिर नहीं। इसलिए समय के महत्व को विशेष रूप से समझा जाये

*समय मूल्यवान और बहुमूल्य नहीं वह तो अमूल्य है। हमारे पूरे जीवन भर की कमाई भी समय के एक क्षण को नहीं खरीद पायेगी फिर समय का दुरुपयोग किसलिए है ?* *व्यस्तता हो अवश्य मगर वह सृजनात्मक, जनात्मक कार्यों में हो, रचनात्मक कार्यों में हो तभी समय का सदुपयोग समझा जायेगा। समय किसी के साथ नहीं चलता। हमें ही इसके साथ चलना पड़ेगा और एक बात समय किसी के लिए रुकता भी नही।* *अत:समय अमूल्य है हर क्षण घट रहा है, यह आज है कल नहीं, अभी है फिर नहीं। इसलिए समय के महत्व को विशेष रूप से समझा जाये #विचार #Advance

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