एक दिन मेरी सारी कविताएं पढ़ ली जाएगी ,
सारे शब्द को टटोला जाएगा ,
कुछ बातें जो अब तक समझी नहीं गयी
उन्हे फिर से किताबो में उकेरा जाएगा !
मगर तब मेरे हाथों में कलम नहीं होगी,
मेरे पास शब्द नहीं होंगे ,
शायद तब तक मैं भी न रहुं ,
मगर मेरी सारी कविताएं सांस लेगी। #Poetry
Sakshi mishra
रातें सारी जो उलझनों में गुजर जाती थी
अब तुम पर ठहर जाया करती हैं !
सवालों का दौर तो
अब भी जारी है ....
मगर उन सवालों में तुम हो , तुम्हारी बातें हैं,
उलझनें हैं तो बस इतनी सी है
जवाबों में भी तुमसे अलग कुछ क्यों नहीं है?
-@sakshi ✍️ #Poetry#MusicLove