Nojoto: Largest Storytelling Platform
alkamishra4473
  • 546Stories
  • 505Followers
  • 6.4KLove
    76.4KViews

alka mishra

  • Popular
  • Latest
  • Video
78bd08e67fac4a16b5918da2ba43f1ad

alka mishra

White #दरार
जिंदगी की इमारत में 
जोड़ता रहा रिश्तों की ईंटे मैं
वक्त के बेरहम हथौड़े ने
हर बार इसमें दरार किया
किस्मत की लकीरों को
इसने दरारों से भर दिया
हाथ-पैरों की परवाह न की
दिन-रात मैंने एक कर दिया
लहूलुहान होता रहा दिल भी
किसी ने जख्मों पे नमक धर दिया
सालों से इमारत की दरारों में
चिपके हैं जो सीलन की तरह
उन्होंने इन दरारों को कभी
पूरी तरह भरने न दिया।
©अलका मिश्रा

©alka mishra
  #Rift
78bd08e67fac4a16b5918da2ba43f1ad

alka mishra

White तुम्हारा ढ़लना मुझे
अच्छा नहीं लगता
तारों भरा आकाश 
सच्चा नहीं लगता
तुम्हारी हाजरी में
खुद को निहारता
चाँद का ताकना
अच्छा नहीं लगता
अपनी बिगड़ी को
कोशिश कर सुधारता
मुँह चिढ़ाता अंधेरा
अच्छा नहीं लगता
सोचता हूँ फिर
जैसे शाम है जरूरी
नई सहर के लिए
ये बिछड़न भी जरूरी
अमित मिलन के लिए।
©अलका मिश्रा

©alka mishra
  #SunSet
78bd08e67fac4a16b5918da2ba43f1ad

alka mishra

White जब मैं तुमसे मिला
फले-फूले दरख्तों में
तो शरमाई सकुचाई सी
तुम पैरों के नखों से
जमीन को कुरेदती हुई
हरे भरे झुरमुठों संग
खड़ी थी मेरे पास
पलकों के चिलमन से
छुप के देखते हुए
चुराया मेरा करार
हाथ बढ़ाया प्यार से
मैंने तुम्हारी ओर
माना मेरी रेखाओं से
बंधी थी तेरी डोर
इन दरख़्तों की शोहबत ने
हमें फलना-फूलना सिखाया
बसन्ती बयार का सहारा ले
फूलों का खिलना सिखाया।
अंकुरण कर जीवन का
खुद पतझड़ को अपनाया।
आज भी शोर करती हवायें
मानो देतीं हो सदायें
जब भी कमी हो प्रेम में
हमारे समक्ष तुम आना 
डालियाँ झूला कर
अंजुरी में प्रेम भर ले जाना।
©अलका मिश्रा

©alka mishra
  #Couple
78bd08e67fac4a16b5918da2ba43f1ad

alka mishra

Black ख्यालों के जिस्म में 
नहीं कैद होतीं रूहें
वो उकसाती है
हर पल मस्तिष्क को 
कुछ इस कदर
की वो जुनून के
हर हद को पार करे
बेख्याली में भी
ये बेकरार करे
ख्यालों के झर्फ़ में
डूबते जिस्म की भी
वापसी का न इंतजार करे
आजादी के दीवानों सा
अपने ख्यालों को भी
वो आजाद करे।
©अलका मिश्रा

©alka mishra
  #Thinking
78bd08e67fac4a16b5918da2ba43f1ad

alka mishra

White ये उदासी,
जो हुई दाख़िल जिंदगी में 
तो मैंने सबसे किनारा किया।
जैसे शीशे की दीवारों में 
कैद मौत को इशारा किया।
सोच के काले लिबास ने
खुशियों पर हो पहरा किया।
बे मौसम फ़िजाओं ने
दुःखों के धुंध को गहरा किया।
सब कहतें हैं मुझसे
ये नियति का है खेल।
मुझे लगता है मैंने
समय से न बैठाया तालमेल।
गर तालमेल का गणित
मैंने किया होता सरल।
तो ख़ुशनुमा होता
मेरी जिंदगी का आज व कल।
©अलका मिश्रा

©alka mishra
  #SAD
78bd08e67fac4a16b5918da2ba43f1ad

alka mishra

White नमी जिन आँखों में खुशी से भरीं हों
सिलवटें होटों पर मुस्कान से पड़ीं हों
इन चेहरों का बरसता नूर ही मेरी इबादत है 
यही जन्नत का दरवाजा व मेरी जियारत है।
©अलका मिश्रा

©alka mishra
  #eidmubarak 
#ज़ियारत
78bd08e67fac4a16b5918da2ba43f1ad

alka mishra

White बेखबर बेसबर बेगाना मिला
इश्क जबभी मिला अनजाना मिला।
बेबाक़ बेख़ौफ़ बे इरादा मिला
इश्क मर मिटने पर आमादा मिला।
बेदर्द बेदम बेठिकाना मिला
इश्क को ये ईनाम बे माना मिला।
बेसबब बेअदब बे ज़ारा मिला
इश्क को नाम आवारा मिला।
बेबात बेमुरव्वत बेसहारा मिला
इश्क को पर दिल ही इदारा मिला।
©अलका मिश्रा

©alka mishra
  #Couple
78bd08e67fac4a16b5918da2ba43f1ad

alka mishra

#यातायात_संकुचन
दिखावे की भीड़ बढ़ी
आंगन घर के छोटे हुए
पक्की जब सड़कें बनी
सोच सभी के कच्चे हुए
साधनों की कतारें फैलीं
यातायात संकुचित हुए
लाल हरे व पीले रंगों की
प्राथमिकता बढ़ाते हुए
जिंदगी की यातायात को
चौरहे पर टांग दिया
वर्गीकरण समाज का
इन बत्तियों में बांध दिया।
जो लहू जला कर भी खुश रहे
उन्हें लाल रंग है भाता
जो मध्यम वर्ग से आतें हैं
उन्हें पीला रंग है ललचाता
लाल से जरा आगे खड़ें हैं
हरे तक पहुचने की होड़ लिए
जो सदाबहार से हैं यहां
उनकी रफ्तार को
कोई रुकावट रोक न पता।
©अलका मिश्रा

©alka mishra
  #trafficcongestion
78bd08e67fac4a16b5918da2ba43f1ad

alka mishra

फुहार
होती है प्रेम सी
शीतल जल फुहार
जिसके एहसास से
चेहरे पर आए निखार
इसके स्पर्श से ही
पथराई आंखों में
उठता है ज्वार
सूखी मिट्टी से
महकता है प्यार
जिसके सुगन्ध से
हर दिल होता गुलजार
प्रकृति के इस प्रेम में
शक्ति है अपार
बारिश,झरना, सागर लहरें हो
या हो नदियों की उफनती धार
इसके सानिध्य में 
कुछ पल लो गर गुजार
देगी तुम्हें अवसाद से उबार।
©अलका मिश्रा

©alka mishra
  #rain
78bd08e67fac4a16b5918da2ba43f1ad

alka mishra

उसने अपलक
भोर का इंतजार किया
सोचा सूरज की किरणों ने
उम्मीदों को तार-तार किया।
जिनके हाथ नहीं तन पर
उनकी भी किस्मत होती है।
अंधेरे में देखे ख्वाबों की
ताबीर कहाँ होती है।
तदबीर से हमारी यहां
तकदीर जुड़ी होती है।
हकिकत से अनजान है वो
हुनरबाजों की इस जहां में
कायनात भी कायल होती है।
©अलका मिश्रा

©alka mishra
  #Hope
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile