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bhupendraganjam6431
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Bhupendra Ganjam

#मैं रहूँ या ना रहूँ लिखना मेरी यादें स्याही की दो बुन्द ओर मेरी ज़िन्दगी की हजार बाते#

https://mythought1998.weebly.com/

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Bhupendra Ganjam

Red sands and spectacular sandstone rock formations मुझ से ना पूछ देर रात जगने का सबब,
तेरी आखों की चिराग बंदी ने देर रात जगाये रखा हैं मुझे,

©Bhupendra Ganjam
  देर रात जगने का सबब...

देर रात जगने का सबब... #Quotes

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Bhupendra Ganjam

रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है
चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है

उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो
धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है

©Bhupendra Ganjam
  रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है
चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है

उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो
धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है

रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है #Love #Problems

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Bhupendra Ganjam

सलाम उन पे तह-ए-तेग़ भी जिन्हों ने कहा
जो तेरा हुक्म जो तेरी रज़ा जो तू चाहे

©Bhupendra Ganjam
  सलाम उन पे तह-ए-तेग़ भी जिन्हों ने कहा
जो तेरा हुक्म जो तेरी रज़ा जो तू चाहे





#dodil

सलाम उन पे तह-ए-तेग़ भी जिन्हों ने कहा जो तेरा हुक्म जो तेरी रज़ा जो तू चाहे #dodil

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Bhupendra Ganjam

मेरी हालत देखिए और उन की सूरत देखिए
फिर निगाह-ए-ग़ौर से क़ानून-ए-क़ुदरत देखिए

अपने सामान-ए-ताय्युश से अगर फ़ुर्सत मिले
बेकसों का भी कभी तर्ज़-ए-मईशत देखिए

©Bhupendra Ganjam
  मेरी हालत देखिए और उन की सूरत देखिए
फिर निगाह-ए-ग़ौर से क़ानून-ए-क़ुदरत देखिए

अपने सामान-ए-ताय्युश से अगर फ़ुर्सत मिले
बेकसों का भी कभी तर्ज़-ए-मईशत देखिए

मेरी हालत देखिए और उन की सूरत देखिए फिर निगाह-ए-ग़ौर से क़ानून-ए-क़ुदरत देखिए अपने सामान-ए-ताय्युश से अगर फ़ुर्सत मिले बेकसों का भी कभी तर्ज़-ए-मईशत देखिए #Shayari #UskeSaath

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Bhupendra Ganjam

काश तू भी कभी आ जाए मसीहाई को
लोग आते हैं बहुत दिल को दुखाने मेरे

तू है किस हाल में ऐ ज़ूद-फ़रामोश मिरे
मुझ को तो छीन लिया अहद-ए-वफ़ा ने मेरे

©Bhupendra Ganjam
  काश तू भी कभी आ जाए मसीहाई को
लोग आते हैं बहुत दिल को दुखाने मेरे

तू है किस हाल में ऐ ज़ूद-फ़रामोश मिरे
मुझ को तो छीन लिया अहद-ए-वफ़ा ने मेरे

काश तू भी कभी आ जाए मसीहाई को लोग आते हैं बहुत दिल को दुखाने मेरे तू है किस हाल में ऐ ज़ूद-फ़रामोश मिरे मुझ को तो छीन लिया अहद-ए-वफ़ा ने मेरे #Shayari #KhaamoshAwaaz

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Bhupendra Ganjam

करूँगा क्या जो मोहब्बत में हो गया नाकाम
मुझे तो और कोई काम भी नहीं आता

चुरा के ख़्वाब वो आँखों को रेहन रखता है
और उस के सर कोई इल्ज़ाम भी नहीं आता

उसी की शक्ल मुझे चाँद में नज़र आए
वो माह-रुख़ जो लब-ए-बाम भी नहीं आता

©Bhupendra Ganjam
  

करूँगा क्या जो मोहब्बत में हो गया नाकाम
मुझे तो और कोई काम भी नहीं आता

चुरा के ख़्वाब वो आँखों को रेहन रखता है
और उस के सर कोई इल्ज़ाम भी नहीं आता

करूँगा क्या जो मोहब्बत में हो गया नाकाम मुझे तो और कोई काम भी नहीं आता चुरा के ख़्वाब वो आँखों को रेहन रखता है और उस के सर कोई इल्ज़ाम भी नहीं आता #Shayari #aditya

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Bhupendra Ganjam

मैं तो ग़ज़ल सुना के अकेला खड़ा रहा
सब अपने अपने चाहने वालों में खो गए..

यही मिलने का समय भी है बिछड़ने का भी
मुझ को लगता है बहुत अपने से डर शाम के बाद,

सच घटे या बढ़े तो सच न रहे
झूट की कोई इंतिहा ही नहीं...

©Bhupendra Ganjam
  मैं तो ग़ज़ल सुना के अकेला खड़ा रहा
सब अपने अपने चाहने वालों में खो गए..

यही मिलने का समय भी है बिछड़ने का भी
मुझ को लगता है बहुत अपने से डर शाम के बाद,

सच घटे या बढ़े तो सच न रहे
झूट की कोई इंतिहा ही नहीं...

मैं तो ग़ज़ल सुना के अकेला खड़ा रहा सब अपने अपने चाहने वालों में खो गए.. यही मिलने का समय भी है बिछड़ने का भी मुझ को लगता है बहुत अपने से डर शाम के बाद, सच घटे या बढ़े तो सच न रहे झूट की कोई इंतिहा ही नहीं... #Shayari #Chhuan

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Bhupendra Ganjam

॥ Kya khub kaha hai, kisi nee...
Jisse paa nhi shakte, 
Use dekhe kar khush hona 
Ye bhi mohabat hai.. ॥

©Bhupendra Ganjam
  ॥ Kya khub kaha hai, kisi nee...
Jisse paa nhi shakte, 
Use dekhe kar khush hona 
Ye bhi mohabat hai.. ॥

॥ Kya khub kaha hai, kisi nee... Jisse paa nhi shakte, Use dekhe kar khush hona Ye bhi mohabat hai.. ॥ #Chess #Shayari

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Bhupendra Ganjam

दिल धड़कने का सबब याद आया
वो तिरी याद थी अब याद आया

तेरा भूला हुआ पैमान-ए-वफ़ा
मर रहेंगे अगर अब याद आया

हाल-ए-दिल हम भी सुनाते लेकिन
जब वो रुख़्सत हुआ तब याद आया

बैठ कर साया-ए-गुल में 'नासिर'
हम बहुत रोए वो जब याद आया..

©Bhupendra Ganjam
  दिल धड़कने का सबब याद आया
वो तिरी याद थी अब याद आया

तेरा भूला हुआ पैमान-ए-वफ़ा
मर रहेंगे अगर अब याद आया

हाल-ए-दिल हम भी सुनाते लेकिन
जब वो रुख़्सत हुआ तब याद आया

दिल धड़कने का सबब याद आया वो तिरी याद थी अब याद आया तेरा भूला हुआ पैमान-ए-वफ़ा मर रहेंगे अगर अब याद आया हाल-ए-दिल हम भी सुनाते लेकिन जब वो रुख़्सत हुआ तब याद आया #Shayari #titliyan

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Bhupendra Ganjam



न छेड़ ऐ हम-नशीं कैफ़िय्यत-ए-सहबा के अफ़्साने
शराब-ए-बे-ख़ुदी के मुझ को साग़र याद आते हैं

हक़ीक़त खुल गई 'हसरत' तिरे तर्क-ए-मोहब्बत की
तुझे तो अब वो पहले से भी बढ़ कर याद आते हैं

©Bhupendra Ganjam
  
न छेड़ ऐ हम-नशीं कैफ़िय्यत-ए-सहबा के अफ़्साने
शराब-ए-बे-ख़ुदी के मुझ को साग़र याद आते हैं

हक़ीक़त खुल गई 'हसरत' तिरे तर्क-ए-मोहब्बत की
तुझे तो अब वो पहले से भी बढ़ कर याद आते हैं

न छेड़ ऐ हम-नशीं कैफ़िय्यत-ए-सहबा के अफ़्साने शराब-ए-बे-ख़ुदी के मुझ को साग़र याद आते हैं हक़ीक़त खुल गई 'हसरत' तिरे तर्क-ए-मोहब्बत की तुझे तो अब वो पहले से भी बढ़ कर याद आते हैं #SAD #Shayari #aditya #hakikat #nojohindi

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