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archanamishra6716
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Archana Mishra tiwari

struggler..

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Archana Mishra tiwari


बोझ उठाते किसी को ना बताते 
खुद को  यूं हैं भूल से जाते  
बच्चों के खातिर सब कर जाते 
आंधी पानी से भी टकराते 
यही पिता हैं कहलाते यही पिता हैं कहलाते
पिता ही पहचान बनाते 
उन्हीं के नाम से हम जाने जाते 
ऊंच-नीच भी वही सिखाते 
तजुर्बा का है पाठ पढ़ाते 
जीवन को यूं सरल बनाते 
सपनों को साकार कराते
यही पिता हैं कहलाते यही पिता हैं कहलाते
घर में है अनुशासन  हैं लाते 
घर की रौनक को वही बढ़ाते
डांट भी है लगाते सबके शौक भी हैं वही  करवाते 
कभी नरम तो कभी गरम है अपना वो  मूड बनाते 
सबकी जिम्मेदारियों को बखूबी उठाते 
घर की खुशियों को है बढ़ाते 
यही पिता हैं कहलाते यही पिता हैं कहलाते

©Archana Mishra tiwari
  # पिता

# पिता #Poetry

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Archana Mishra tiwari

haste muskurate ak chota sa geet gaate yhi hai jindgi btate

haste muskurate ak chota sa geet gaate yhi hai jindgi btate #Shayari

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Archana Mishra tiwari

लड़ाई है उन अधिकारों के हनन कर जाने की 
उस बेटी की मासुमियत को मरवाने की 
सबकी आजादी को खत्म कराने की
हाथरस में उस परिवार को बन्दी बनाने की
लड़ाई है मीडिया को रुकवाने की 
लड़ाई है सच पर पर्दा डलवाने की
 कानून को दबाने की..............
पुलिस के मनमानी कर जाने की.....
लड़ाई है संविधान को गिराने की....
उस बेटी को न्याय  दिलाने की..
लड़ाई है बलात्कार को खत्म करवाने की 
उन हर दरिन्दों को सजा ना दिलाने की
लड़ाई है गुन्डाराज मिटाने की 
नारी के अस्तित्व को बचाने की
                                                    अर्चना मिश्रा

©Archana Mishra

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Archana Mishra tiwari

एक महामारी ऐसी है आई पूरे विश्व में तबाही है लाई ।।
2020 पूरा बर्बाद कराई आर्थिक मन्दी काफी है छाई ।।
अमेरिका को भी कमजोर कराई 2020 को इतिहास बनाई 
एक महामारी ऐसी  है आई एक महामारी ऐसी  है आई।।
अपनो को अपनो से  बिछडा़ई परिवारों में भी  है खौफ
बढा़ई ।।
सबकी कमाई को  ये है खाई लाखों की ज़िन्दगी है ये गवाई 
लाशों की बौछार लगाई सबमें बेचैनी सी है छाई ।
अंतिम क्षण भी किसी को ये मिलवा ना पाई बस आंसू लेकर ही घर लौटाई ।।
एक महामारी ऐसी है आई एक महामारी ऐसी है आई ।।
नौकरशाही सबकी बन्द कराई राजा को भी रंक बनाई।।
छुआ छूत से महामारी है ये आई जिसकी कोई अभी दवा ना आई ।।
बस सामाजिक दूरी ही सबने इसकी दवा बताई  सबको शाकाहारी ये है बनाई ।।
आयुर्वेद का नाम  यही फैलाई योग को भी है तवज्जो दिलाई 
नाम कोरोना  है सबने बताई
एक महामारी ऐसी है आई एक महामारी ऐसी है आई।।
                                                     अर्चना मिश्रा

©Archana Mishra
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Archana Mishra tiwari

लड़ाई है उन अधिकारों के हनन कर जाने की 
उस बेटी की मासुमियत को मरवाने की 
सबकी आजादी को खत्म कराने की
हाथरस में उस परिवार को बन्दी बनाने की
लड़ाई है मीडिया को रुकवाने की 
लड़ाई है सच पर पर्दा डलवाने की
 कानून को दबाने की..............
पुलिस के मनमानी कर जाने की.....
लड़ाई है संविधान को गिराने की....
उस बेटी को न्याय  दिलाने की..
लड़ाई है बलात्कार को खत्म करवाने की 
उन हर दरिन्दों को सजा ना दिलाने की
लड़ाई है गुन्डाराज मिटाने की 
नारी के अस्तित्व को बचाने की
                                                    अर्चना मिश्रा

©Archana Mishra

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Archana Mishra tiwari

#MyPoetry

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Archana Mishra tiwari

prakriti ka khel

prakriti ka khel #कविता

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Archana Mishra tiwari

#MyPoetry I hope you like it

#MyPoetry I hope you like it #कविता

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Archana Mishra tiwari

#myvoice stop doing sucide

#myvoice stop doing sucide #कविता

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Archana Mishra tiwari

क्यों सुसाइड़ को अपनाते हो जीवन जीना भूल जाते हो।2
क्यों दिल में इतना बोझ उठाते हो रिश्तों को तड़पाते हो
क्यों मंजिल वही बनाते हो इस दुनिया को छोड़ जाते हो
क्यों हिम्मत इतना गिराते हो जो मौत को बुलाते हो
क्यों खुद को कमजोर बनाते हो और सबसे दूर चले जाते  हो
क्यों सुसाइड़ को अपनाते हो जीवन जीना भूल जाते हो
क्यों नकली हँसी दिखाते हो अपना दर्द क्यों छिपाते हो
क्यों खुद को जहर पिलाते हो इस मिट्टी में मिल जाते हो
क्यों खून पसीना बहाते हो प्रसिध्दि को पाते हो 
फिर क्यों अपने  मन को इतना छोटा बनाते हो 
क्यों सबको वही पाठ पढ़ाते हो और खुद भी वो कर जाते हो
क्यों खुद को इतना उलझाते हो कि डिपरेशन में फंस जाते हो 
आँधी पानी से टकराते हो खुद का नाम कमाते हो फिर खुद को ही क्यों खत्म कर जाते हो
फिर क्यों सुसाइड़ को अपनी अंतिम मंजिल बनाते हो। 2 #SushantSinghRajput Rip
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