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rakeshsharma7788
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Rakesh Sharma

"life is a beautiful shayri without words. and a beautifull thing without fleshless...I love it my life" 🥰😘

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Rakesh Sharma

वो गुरूर करते है, अपनी नज़रों पर,
हमे जो कभी बदहवास कर गई ।
वो ऊपर वाले का कहर समझते है,
शहर को तो हमारी तपिश ख़ाक़ कर गई।

देवांश जांगिड़ "अर्श" तपिश...

तपिश...

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Rakesh Sharma

"arsh" chhota rah lega,
uski parchhai badi na kar.  
vo gam bhi has k sah lega,
zindgi ru b ru khadi na kar.

arsh

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Rakesh Sharma

yari ka koi mazhab nahi hota,
koi dharm nahi hota,
or nahi ye jaat pooch kar yari karti hai,
yari bas almast hoti hai....
yari yari hoti hai....

arsh yari...

yari...

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Rakesh Sharma

मैं इन कांटों को हाथो से मसल भी दूं,
पर तेरे फ़िराक़ का दर्द इनमें कहां।
इन आंखों को समन्दर से भर भी दूं,
पर चंद कतरों का वजन इनमें कहां।
क्या जुगनू, क्या महताब, क्या चिराग़, 
हर शय से बज़्म को रोशन कर भी दूं।
पर जो नूर तेरे अक्श में है, वो इनमें कहां।

देवांश जांगिड़ "अर्श"

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Rakesh Sharma

मंज़िल मिलनी मुश्किल है,
ज़रा पतवार रोक के देख..
और मंज़िल तेरे सम्मुख है,
ज़रा मन में साहस भर के देख।

देवांश जांगिड़ "अर्श" साहस

साहस

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Rakesh Sharma

My feelings इश्क की अदाओं में,
ये भी शुमार है।
हम चाहते नहीं, 
फिर भी हो जाता है.......
इश्क इश्क...

इश्क...

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Rakesh Sharma

ना जाने कितने हिम कनों  की,
लघु आत्म कथा हूं मैं।
वन में व्याप्त उस मलयानिल के,
अधरों की व्यथित प्यास हूं मैं...

देवांश जांगिड़ "अर्श"

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Rakesh Sharma

निज अंतः का उच्छवास,
प्राण यदि दे जाती मैं।
निज दृगों के अश्रुओं में,
जलधि यदि बहा जाती मैं।
पुष्पों को यदि परागों से,
युगों तक यदि छिपा जाती मैं।
इन दारुण प्रस्तरों को मैं,
सलजो से यदि घिस जाती मैं।
बिंदिया से हि तो भाल सज्जित न होता,
क्षितिज को यदि छिपा जाती मैं।
यदि यौवन की पराकाष्ठा को,
यूं चरणों में लुटा जाती मैं।
क्या तब भी तुम यह प्रणय न समझते,
यदि अश्रु में अश्रु रो जाती मैं।

देवांश जांगिड़ "अर्श" #Religion यदि...

#Religion यदि...

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Rakesh Sharma

OKAT ek din sabhi dikhate hai,
fir chahe vo APNE hi kyo na ho

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Rakesh Sharma

हसरतों का हाल कुछ यूं बयां हुआ हमसे,
हमारी ज़ुबां ख़ामोश थी,
और उन्होंने आंसू पढ़ लिए...

अर्श #Memories
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