लगता है सभी ने चोट खाई है इश्क साथ फिर भी तन्हाई है मल्लाह को यकीं था जिस पर उसी दरिया ने कश्ती डुबोई है खुदा समझा था हमने जिसको उसके धोके ने ये गर्दन कटाई है प्यार मासूम,नादान,सुखदाई है इश्क़ बकरा है महबूब कसाई है कल जो मेरी थी आज पराई है शाम शादी रात उसकी विदाई है जहर सी लग रही है जुबां पर थाली मे रखी हुई जो मिठाई है कौन शौक से खून थूकता है गजल लिखी नही लिखवाई है
Aakash Verma
Aakash Verma
Aakash Verma
Aakash Verma
Aakash Verma
Aakash Verma
About Nojoto | Team Nojoto | Contact Us
Creator Monetization | Creator Academy | Get Famous & Awards | Leaderboard
Terms & Conditions | Privacy Policy | Purchase & Payment Policy Guidelines | DMCA Policy | Directory | Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited