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neerajsiingh6731
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NEERAJ SIINGH

MANAGING DIRECTOR DATE OF BIRTH 22 JULY

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NEERAJ SIINGH

राधा के प्रेम में भी उंगलियां उठीं
मीरा के प्रेम में भी उंगलियां उठीं
और कृष्ण ने सम्हाला सबको कृष्ण के प्रेम को समझना या समझाना हर किसी के बस की बात नहीं , जो अपना सर्वस्व लूटा दें वो है कृष्ण, जो बंट जाएं प्रेम में सबके वो है कृष्ण, जो आसूं पोंछ जाएं वो है कृष्ण, जो ह्वदय से लगाए वो है कृष्ण , जो गिरे हुए को उठाए वो है कृष्ण, जो समझ ना आए वो है कृष्ण, जो संसार को चलाए वो है कृष्ण, जो सबकुछ देखता जाए वो है कृष्ण, जो प्रेम को जीवित कर जाए वो है कृष्ण, जो मधुरता को पोषित कर जाए वो है कृष्ण, जो खुदको ना सोचें, वो है कृष्ण, जो प्रेम को साक्षात दिखाए वो है कृष्ण, जीव प्राणों में जो प्रेम स्वरूप जी रहा है वो है कृष्ण  #neerajwrites वो है कृष्ण

#neerajwrites वो है कृष्ण

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NEERAJ SIINGH

एक गहन 
अध्यात्म 
ही प्रेम है

समंदर 
के नीचे 
उतरने जैसा  #neerajwrites
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NEERAJ SIINGH

लिखना तूझे जैसे चल पड़े तुम
लिए महावर भरे पैरो को दर पे 
मेरे दिल के छाप छोड़ते, इस
पत्थर पर मेहर कर , शजर मैं इक
और तुम ऋतु , छूकर चल दिए 
जैसे कोई हो असर , ना मैं पूछ
पाया, वो अनगिनत सवालों की
किताब ए बसर , जो लिखी तूझे
सोचकर, पहर दर पहर, नजर 
हर नजर , तकता रहा मैं तूझे 
किस कदर , ओ बेखबर , चल
पड़े तुम , बिन कहे कुछ , मैं
बैठा रहा वही लिए इस बसर की
लौटोगे तुम जब मिलेंगी मेरी खबर
की इकट्ठे किए है तेरे सजदे में मैंने
मोहब्ब्त के , अनगिनत पल दोपहर
और खतों के शहर , खतों के शहर , #neerajwrites खतों के शहर खड़े कर दिए मैंने

#neerajwrites खतों के शहर खड़े कर दिए मैंने

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NEERAJ SIINGH

एक अनजाना 
सा साथ भी 
जब 
जाना पहचाना 
लगे और 
दुनियां के हर 
सितम पर भी
वो बेगाना ना लगे

तो वो अपना है #neerajwrites
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NEERAJ SIINGH

ना जानें कहां कहां रखा
मैने तेरी यादों और बातों
सहेजा, हर जगह

कभी किताबो में 
कभी जज़्बातों में 
कभी दराजों में
कभी बंद अल्फाजों में
कभी सोचती आंखों में
कभी चांद और टिमटिमाते तारों में
कभी किसी शहर में , जहां जानता था
तूझे इसके हर पहर में , कभी हंसी लम्हातों में
कभी मेहंदी वालो हाथों में , कभी ओस की बूंदों में , कभी सर्द दुपहारों में , कभी सुलगते अंगारों में , कभी चार दीवारों में , कभी ह्वदय के उद्गारों में , 

ना जानें कहां कहां रखा
मैने तेरी यादों और बातों सहेजा, हर जगह.... #neerajwrites
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NEERAJ SIINGH

मानिंद ए इश्क
की
हसरतें तमाम 
चुन लेता हूं
मैं फुर्सतें
इतमीनान

आओ बैठो
निकाल दो 
रश्क सारे
हो सकता है 
मिल जाए थोडा
इश्क और आराम #neerajwrites मानिंद ए इश्क

#neerajwrites मानिंद ए इश्क

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NEERAJ SIINGH

इश्क की लापरवाही भी क्या खूब अदद थी
मैं जर्रे जर्रे में जर्रे जर्रे सा तूझे चाहता था 
तुझे मेरी जरूरत जर्रे जर्रे से मुहतलिफ थीं  #neerajwrites इक तेरी याद

#neerajwrites इक तेरी याद

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NEERAJ SIINGH

गर किसी का सहारा चाहते हो
तो किसी का सहारा बनो   #cinemagraph #neerajwrites
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NEERAJ SIINGH

आज जब कभी कभी ऐसी कोई न्यूज जिसमे लड़कियों को कोई गला रेत रहा है या कोई टुकड़े टुकड़े करके फेंक रहा है और उसके विडियोज सोशल मीडिया में डालकर उसकी दहशत या इतनी हैवानियत देखकर, कानून को भी ऐसे लोगो को शूट एट साइट और इनकी लाशों को किसी बड़े चौराहे पर टांग कर उन सभी लड़कियों को या समाज को दिखाना चाहिए की किसी भी अंजान व्यक्ति के साथ कहीं बाहर ना जाए , अपनी सुरक्षा का घ्यान रखें, यह सब कभी तालिबान में होता था और अब भारत में होने लगा , उसपर जब यूवा दिनभर फोन में बैठकर हिसंक गेम खेलेगा और  गंदी चीजों में पड़ा रहेगा तो क्या वो मानसिक डिवेलप करेगा , इतनी क्रूरता और घटिया चीजों को देखने के बाद हजार बार केवल अपनी स्वय सुरक्षा की सोचो , ये वहशी नया युवा कुछ नही समझता ये मानसिक रूप से बीमार की नई खेप उपज रही है   #cinemagraph #neerajwrites मानसिक बीमार की खेप

#cinemagraph #neerajwrites मानसिक बीमार की खेप

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NEERAJ SIINGH

एक तो आप किसी से दोस्ती ना करें
और करें तो उसे निभाएं, वो ऐसा है
दोस्त कभी भी बना बनाया आपके 
अनुरूप नही मिलेगा, उसे आपको ही
गढ़ना होता है , दोस्त की मिट्टी भी थोड़ा
अजीब होती है चिपचिपी वो हाथो से एक
बार चिपक जाए तो फिर छूटती नही है 
दोस्त में ना मिलावट मत करना जैसा है वैसा
स्वीकार लेना , वो ना बदल लेता है , अपने दोस्त के अनुरूप खुदको , एक वो दोस्त जिसे
दोस्त की वाकई एहमियत है ना वो हर पल उसे
याद करता है की उसको गढ़ें , 
अपने अनुरूप बना लें   #cinemagraph #दोस्त
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