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nareshdealfaaz4325
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नरेश_के_अल्फाज

क्या रखा है जमाने में, और क्या रखा है नाम कमाने में हम तो गुमनाम ही अच्छे हैं नाम हो रखा है उनसे तो बदनाम ही सही है 😍 खुद को पढ़ता हूं फिर छोड़ देता हूं एक पन्ना जिंदगी का मै, रोज मोड़ देता हूं। मेरे इन अल्फाजों को,, पढ़ने वाले तो बहुत है पर तलाश तो खामोशी समझने वालों की है। जब सामने कोई नहीं था सुनने के लिए तो मैं अल्फाजो के जरिए ,जज्बातों को कागज पर छापने लगा, बस तभी से शायद में लिखने लगा था ।।

https://instagram.com/n_a_r_e_s_h_panghal_?igshid=1mpn3j8hg8rug

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नरेश_के_अल्फाज

क्या कभी ठहर कर देखा हैं
तुम्हारे सामने सब कुछ हो रहा हो 
जिंदगी दौड़ी चली जा रही हैं और
तुम एक अरसे से वही ठहरे हो 
जैसे कोई पंछी रुक जाता है
किसी के मिलन की आस में 
ठीक वैसे ही तुम किसी का इंतजार कर रहे हो,
कोई अता–पता ना हो, ना ही कोई उम्मीद
फिर भी जिंदा हो उसकी लिए
तुम्हारा मन स्थिर हो गया हो
उस जगह को तुम्हारी आदत हो गई हो
वहां के फूल पौधे तुमसे बात करने लगे हो
झरने नदी पहाड़ तुम्हारे लिए बरसने लगे हों

©नरेश_के_अल्फाज
  #शायरी 
#Shayar 
#poem
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नरेश_के_अल्फाज

शिकायतें कहां नहीं है,

इसका मतलब ये तो नहीं कि

जिंदगी नहीं है!!

©नरेश_के_अल्फाज
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नरेश_के_अल्फाज

......…............

©नरेश_के_अल्फाज
  #1
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नरेश_के_अल्फाज

ख्वाब सस्ते और
हकीकत इतनी महंगी क्यों,

इंसान बहुत और
अपना नही कोई क्यों,

साथ सब है और
जरूरत में इतने दूर क्यों

रिश्ते नाते बहुत है और
मैं अकेला क्यों,

©नरेश_के_अल्फाज
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नरेश_के_अल्फाज

मुझे इस बात का गम हमेशा रहेगा , कि 
मैं अपने दिल का बात तुम्हें बता ना सका!!

मुझे इस बात का हमेशा गम रहेगा, कि 
मैं तुम्हारे बारे में किसी को भी कुछ ना बता सका

मुझे इस बात का गम जिंदगी भर रहेगा, कि 
एक बार कोशिश करनी थी 
जो होता देखा जाता,
पछतावे के साथ मरने से तो बेहतर होता!!


मुझे इस बात का गम भी जिंदगी  भर रहेगा, कि 
जब मैं यह लिख रहा हूं, उस वक्त भी क्यों नहीं बताया!!

©नरेश_के_अल्फाज
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नरेश_के_अल्फाज

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नरेश_के_अल्फाज

subah hone se subah hona bahut jaruri hai

©नरेश_के_अल्फाज
  #achievement
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नरेश_के_अल्फाज

प्रेम में डूब जाने के बाद इंसान,
एक पिंजरे में कैद पंछी की तरह हो जाता हैं
जिसे समय पर मिलता तो सब कुछ है
पर उड़ नहीं पाता है,
एक समय के बाद उसे पिंजरे आदत हों जाती हैं 
वो आजाद भी हों जाए तो उसे आजादी नजर नहीं आती हैं
पंख नही फैला पाता खुले आसमां में
प्रेम की कहानी कई बार बहुत बुरी समाप्त होती हैं।।

©नरेश_के_अल्फाज
  #hibiscussabdariffa
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नरेश_के_अल्फाज

मन का क्या मन तो चंचल है भ्रमण करना चाहता है
नई नई जगहों का अध्ययन करना चाहता है
मैं भी किसी रोज किसी शाम वादियों में खुद को खोना चाहता हूं 
तन्हा अकेला पहाड़ों में रोना चाहता हूं
नजरों के तकिए, पत्तों के बिछौने पर सोना चाहता हूं
इस दुनिया से दूर मैं एकांत कुछ दिन अपनी दुनियां में जीना चाहता हूं!!

जहां प्यार बरसता हो बारिश की तरह
और पानी बहता हों झरनों से आशाओं की तरह
उम्मीदें जहां करवट लेती हो
तन्हाई भी जहां किसी से बाते करती हो
मन शांत और सुकून के सारे पल लो
मैं एकांत कुछ दिन ऐसी दुनियां में जीना चाहता हूं!!

वहां किसी अजनबी से वास्ता पड़े
पल दो पल वो रास्ता चले,
दोनों के सपने एक लगते हो
फिर सुनहरी शाम में घंटों बातें करते हो
अपनापन जुड़ जाएं और वो ना जाना चाहें
फिर हम उनको घर छोड़ने जाए,
कल फिर मिलेंगे ऐसा भरोसा दिलाएं,
पहली ही नजर में प्रेम–पहाड़ों पर दिल कुर्बान हो जाएं
काश! ऐसी दुनियां का मेरे जीवन में आगाज हो जाएं!!

©Naresh_Panghal Adv. #Grayscale
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नरेश_के_अल्फाज

टूटी टहनियों के शाख अब हरे कैसे हो

बिछड़े दिल अब मिलन की आस कैसे हो

बदले जमाने अब लोग कैसे साफ हो

जख्म देने वाले अब कैसे माफ हो..?

©Naresh_Panghal Adv. #happyteddyday
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